नयी दिल्ली, एक मई, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई उच्चतम न्यायालय की एक पूर्व महिला कर्मी द्वारा उन पर लगाये गये यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच कर रही तीन सदस्यीय आतंरिक जांच समिति के सामने पेश हुए। एक आधिकारिक सूत्र ने यह जानकारी दी। सूत्र ने कहा , ‘‘प्रधान न्यायाधीश को एक अनुरोध पत्र जारी कर उन्हें समिति के सामने आने को कहा गया था। उस अनुरोध पर वह इस मामले में समिति के सामने पेश हुए।’’ आंतरिक जांच के अगुवा उच्चतम न्यायालय के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस ए बोब्डे हैं तथा न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी उसकी दो अन्य सदस्य हैं। आरोप लगाने वाली महिला ने मंगलवार को जांच समिति के समक्ष फिर से पेश होने से इनकार कर दिया और वकील की मौजूदगी की मंजूरी नहीं मिलने समेत कई मुद्दों पर आपत्ति उठायी। सूत्रों ने बताया कि महिला ने प्रक्रिया में सहभागी नहीं होने का विकल्प चुना हालांकि उसे इस कदम के परिणामों के बारे बताया गया था कि समिति एक-पक्षीय रूप से कार्यवाही कर सकती है। वह समिति के समक्ष तीन दिन पेश हुई थी। सूत्र ने कहा, ‘‘यह तथ्य कि समिति एक पक्षीय ढंग से आगे बढ़ सकती है और महिला को यह बात बता दी गई थी। इस पर महिला ने ओके कहा और प्रक्रिया में भाग लेने से खुद को अलग कर लिया।’’
गुरुवार, 2 मई 2019
यौन उत्पीड़न : प्रधान न्यायाधीश जांच समिति के सामने हुए पेश
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