ऋषिकेश, दो मई, एम्स ऋषिकेश से निष्कासित एक जूनियर रेजिडेंट ने निदेशक रविकांत पर उसका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। हालांकि, निदेशक ने इसे उनकी प्रतिष्ठा खराब करने का प्रयास बताया है । निदेशक रविकांत ने कहा कि संस्थान की विशाखा समिति को उनके खिलाफ लगाये गये यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच सौंप दी गयी है। उन्होंने कहा कि ये आरोप महिला द्वारा उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने तथा पिछले साल नवंबर में उसे संस्थान से निकाले जाने का बदला लेने के लिये लगाये गये हैं । संस्थान के सीनियर रेजिडेंट शलभ अहलावत (हड्डी रोग विभाग) की पत्नी द्वारा निदेशक रविकांत से शिकायत की गयी थी कि जूनियर रेजिडेंट (दन्त विभाग) का उसके पति से नाजायज अफेयर चल रहा है । रविकांत ने कहा कि इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एम्स की प्रतिष्ठा को बचाने के लिये अहलावत और जूनियर रेजिडेंट दोनों को संस्थान से निकाल दिया गया था। निदेशक ने कहा कि जूनियर रेजिडेंट के निष्कासन के बाद उसे वापस लिये जाने के लिये कई राजनीतिक दिग्गजों के फोन आये लेकिन वह किसी दवाब के आगे नहीं झुके । उन्होंने कहा, 'संस्थान में वापस लिये जाने की प्रार्थना करते हुए उसने मुझे एक ई—मेल भी भेजा । जब उसे वापस नहीं लिया गया तो उसने मुझ पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा दिया। यह एक आधारहीन आरोप है और विशाखा समिति मुझे इसमें क्लीन चिट दे देगी।'
शुक्रवार, 3 मई 2019
ऋषिकेश एम्स के निदेशक पर यौन उत्पीड़न का आरोप
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