प्रचार सामग्री ढोने वाला वाहन चुनाव प्रचार में इस्तेमाल नहीं होगा
राजनैतिक दल प्रचार सामग्री ढोने वाले वाहनों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार में नहीं कर सकेंगे। भारत निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने राजनैतिक दलों द्वारा अपने कार्यालयों तक प्रचार सामग्री ढोने के लिए व्हीकल परमिट देने के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को अधिकृत किया है। वाहन के लिए अनुमति प्राप्त करने के लिए राजनैतिक दल को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को आवेदन देना होगा। इस वाहन का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल नहीं किया जायेगा। इस वाहन पर आने वाले खर्च को संबंधित उम्मीदवार के चुनाव खर्च में जोड़ा जाएगा। यदि कोई राजनैतिक दल अपने पदाधिकारियों को चुनावी अभियान के उद्देश्य से जिले के विभिन्न स्थानों तक पहुंचाने के लिए वाहन संबंधी आवेदन दे तो संबंधित जिले के जिला निर्वाचन अधिकारी यह अनुमति प्रदान करेंगे। आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारी को यह अधिकार दिए हैं कि वे एक जिले के एक दल को केवल एक वाहन का व्हीकल परमिट प्रदान करेंगे। इस वाहन का खर्च उम्मीदवार के खाते में नहीं जुड़ेगा, बल्कि यह खर्च राजनैतिक दल को वहन करना होगा। कोई राजनैतिक दल चुनाव प्रचार के लिए पूरे राज्य में जाने के लिए वाहन की परमिट की मांग करता है तो इस वाहन का परमिट मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा जारी किया जाएगा। इस वाहन पर होने वाले खर्च द्वारा राजनैतिक दल द्वारा वहन किया जाएगा।
होटल, लॉज, सराय एवं धर्मशाला संचालकों को जानकारी देना होगी
लोकसभा निर्वाचन 2019 के दृष्टिगत होटल, लॉज, सराय एवं धर्मशाला संचालकों से उनके यहां रूकने और ठहरने वाले व्यक्तियों की थाने में जानकारी मांगी गई है। लोकसभा चुनाव में असामाजिक तत्वों द्वारा जिले की सीमा में अपराध करने और चुनाव के दौरान अशांति फैलाने की आशंका के मद्देनजर यह आदेश जारी किए गए हैं। जारी आदेश अनुसार होटल, लॉज, सराय एवं धर्मशाला संचालकों को ताकीद की है कि वे उनके होटल/लॉज में रूकने वाले व्यक्ति की तस्दीक अपने पास संधारित करें और प्रतिदिन यह जानकारी संबंधित थाने में प्रस्तुत करें। यह आदेश 25 मई 2019 तक प्रभावशील रहेगा।
मतदान हेतु रिश्वत देने या लेने पर सजा का प्रावधान
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदान के लिए रिश्वत देना या लेना, दोनो तथा निर्वाचकों पर किसी भी प्रकार का अनुचित प्रभाव डालना कानूनन अपराध हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 171 बी, सी एवं ई के तहत सम्बंधित को 1 साल का कारावास या अर्थदंड अथवा दोनो से दंडित करने का प्रावधान है। इसी प्रकार मतदाताओं को डराना धमकाना, फर्जी वोट डालना, मतदाताओं को मतदान केंद्र तक अभ्यर्थी अथवा राजनैतिक दल द्वारा लाना ले जाना आदि पूर्णतया वर्जित है एवं निर्वाचन अपराध की श्रेणी में आते हैं।
मतदाता मतदान केन्द्र में क्या करें क्या न करें
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान दिवस पर मतदान हेतु मतदान केन्द्र में जाने वाले मतदाताओ से अपेक्षाएं की गई हैं। आयोग की अपेक्षा है कि मतदाता सदैव पंक्ति में खड़े रहकर अपनी बारी की प्रतिक्षा करें, मतदान केन्द्र के अन्दर और बाहर शान्ति बनाये रखें, पैनल चार में अंकित भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित अपना फोटोयुक्त परिचय पत्र दिखायें, आपके मतदान को सुगम बनाने वाले मतदान दल के प्रति शिष्टाचार दर्शायें, मतदान कैसे करें, के अनुदेशों का पालन करें, अपना मतदान करने के उपरान्त शान्ति पूर्वक मतदान केन्द्र के बाहर आ जायें। अपने वोट के बदले रिश्वत स्वीकार न करें। रिश्वत लेना अपराध है, मतदान प्रक्रिया में कोई व्यवधान उत्पन्न न करें ऐसा करने पर आपको जेल हो सकती है, मतदान कर्तव्य का निर्वहन कर रहे मतदान दल के कार्य में अवरोध उत्पन्न न करें। किसी अन्य का प्रतिरूपण न करें। प्रतिरूपण अपराध है, ईव्हीएम, व्हीव्हीपैट सहित किसी भी मतदान सामग्री को न क्षतिग्रस्त और ना ही छेडछाड़ करें ऐसा करने पर आपको जेल हो सकती है, मतदान केन्द्र के अन्दर उसके चारो ओर कचरा नही फेंके न ही थूकें ऐसा करना अपराध है।
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