पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता) : जिले के श्रीनगर प्रखंड क्षेत्र में आहर पाइन एवं पोखर और तालाब की स्थिति काफी नाजुक हो चुकी है। श्रीनगर क्षेत्र में लगभग सभी आहर पाइन एवं पोखर, तालाब दस वर्ष पूर्व की बनी हुई है। जिस पर लगातार भू माफियाओं का अतिक्रमण जारी है। नतीजा यह है कि प्रखंड क्षेत्र के लगभग सभी बड़े आहर पाइन मूल स्वरूप से सिमटी जा रही है। कहीं कहीं इसका अस्तित्व भी समाप्त होने के कगार पर है। प्रखंड क्षेत्र में आहर पाइन दर्जनों संख्या में है। कई जगहों पर लघु सिंचाई विभाग के द्वारा जीर्णोद्धार कार्य किया गया। आहर पाइन पर मनरेगा विभाग की योजना सिर्फ कागजों पर ही दिखती है। आहर पाइन का लगातार दोहन हो रहा है। साथ ही आहर पाइन के अतिक्रमण से खेती प्रभावित होने के साथ साथ किसान भी परेशान हैं। प्रखंड क्षेत्र के पंचायत सिंघिया, चनका, खोखा उत्तर, खोखा दक्षिण, खुट्टी हसैली, खुट्टी धुनैली, गढ़िया बलुआ, झुन्नीकला, जगेली सहित प्रखंड क्षेत्र के सभी आहर पाइन बदहाल स्थिति में है। लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जबकि इस इलाके में खेती मानसूनी वर्षा पर ही आधारित है। इसके अलावा यहां की नदियों से भी लगातार हो रहे बालू उठाव से किसानों की खेती प्रभावित हो रही है। नदी के सीमावर्ती क्षेत्रों में नदी से सीधे पानी खेतों तक जाता था। लेकिन अब आहर पाइन की बदहाली ने प्राकृतिक सिंचाई पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।
शुक्रवार, 3 मई 2019
पूर्णिया : प्रशासनिक उदासीनता से आहर पाइन, पोखर व तालाब विलुप्त होने के कगार पर
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