अरुण कुमार (आर्यावर्त) बिहार सरकार और पुलिसप्रशासन को चुनौती देने से बाज नहीं आ रहे अपराधी,और बिहार सरकार एवं पुलिसप्रशासन जैसे नींद की गोली खाकर सोए हुए हैं।आज तो हद ही हो गई,आज बेखौफ अपराधियों ने बहुत बड़ी वारदात को अंजाम देने की जो हिम्मत दिखाई है वो वाकई काबिले तारीफ है।चलती ट्रेन में एक बैंककर्मी की हत्या चाकू मारकर कर दी गई और रेल पुलिस कहीं सब्जी या फेरी वालों से पैसे वसूलने में लगे होंगे।बैंककर्मी की हत्या से ट्रेनों की सुरक्षा व्यवस्था पर तो सवाल खड़े हुए ही हैं,साथ ही बिहार की कानून वयवस्था को लेकर भी सवाल मुँह बाए खड़े हैं।क्या यही है बिहार सरकार की कानून व्यवस्था, आम लोगों की जिंदगी की कोई परवाह ही नहीं।गया-किऊल रेलखंड पर ट्रेन में एक बैंककर्मी की चाकू मारकर हत्या करने के मकसद से जख्मी कर दिया गया है। हालांकि लखीसराय स्टेशन पर उतारकर उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल लखीसराय ले जाया गया।जहाँ इलाज शुरू करते ही उनकी मौत हो गई।मृतक की पहचान मिलिंद कुमार मधुकर के रूप में हुई है।मृतक बैंककर्मी थे और मूल रूप से बेतिया के रहने वाले थे। मिलिंद कुमार मधुकर केनरा बैंक,जमुई में कार्यरत थे।वे गया में आयोजित विभागीय बैठक में भाग लेने गए थे,विभागीय बैठक में भाग लेने के बाद गया-किऊल पैसेंजर ट्रेन से वापस लौट रहे थे।उसी ट्रेन में अपराधियों ने लूटपाट कर रहे थे।कुछ यात्रियों के अनुसार शेखपुरा जिले में शेखपुरा और सिरारी स्टेशन के बीच लूटपाट के दौरान बैंककर्मी को चाकू मारा गया था।घटना के बाद अफरातफरी मची हुई है।
गुरुवार, 27 जून 2019
बिहार : आम आदमियों की भी अब खैर नहीं,जबकि किसी को किसी से बैर नहीं
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