पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता) गुलाबबाग मंडी में आवंटित दुकानों का किराया जमा करने व नया एग्रीमेंट के लिए बाजार समिति द्वारा नोटिस भेजे जाने पर कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। कारोबारियों ने शनिवार को बाजार समिति के कार्यालय पहुंचकर जमकर विरोध किया। गुलाबबाग व्यवसायी समिति के अध्यक्ष बबलू चौधरी ने बताया कि बाजार समिति में संचालित कारोबार का सरकार और प्रशासन द्वारा आर्थिक दोहन किया जा रहा है। मंडी एशिया का सबसे बड़ा व्यापारिक केंद्र होने के बाद भी यह बदहाल है। मंडी के अंदर कोई भी आम सुविधा नहीं है। मंडी के कारोबारी हमेशा अपराधियों के निशाने पर रहते हैं इसलिए कि मंडी के अंदर किसी भी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। बबलू ने कहा एसबीआई का ब्रांच मंडी के अंदर था जिससे कारोबारियोंे को बैंक में पैसा जमा निकासी करने में आसानी होती थी। लेकिन सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने और बैंक का भवन जर्जर हो जाने के कारण ब्रांच को मंडी से बाहर ले जाना पड़ा। अब काराेबारियों को मंडी से बाहर जाकर पैसा जमा निकासी करनी पड़ती है और कारोबारी आए दिन अपराधियों के शिकार बन रहे हैं। मंडी के अंदर सड़क नहीं है और समय समय पर कारोबारी आपस में चंदा संकलन कर खुद अपने खर्च से सड़क पर मिट्टी भराई कराते हैं।
...अधिकतर भवन जर्जर :
गुलाबबाग मंडी की हालत यह है कि आवंटित सभी दुकानों के भवन जर्जर हो चुके हैं और छत से पानी का रिसाव होता है। जिस कारण दुकान और गोदाम में रखे सभी सामान पानी में भींग जाते हैं। वहीं भवन जीर्ण होने के कारण आए दिन चोरी की घटना होती है और छत से सिमेंट का टुकड़ा गिरने से कई बार कारोबारी व उनके कर्मी घायल हो गए हैं।
...किराए के नाम पर होता है आर्थिक दोहन :
बबलू चौधरी ने बताया कि मंडी में आवंटित दुकानों का किराया के नाम पर दुकानदारों का आर्थिक दोहन किया जाता है। उच्च न्यायालय ने दुकान का किराया प्रति स्क्वायर फीट 1.50 रूपया निर्धारित किया है। लेकिन समिति के अधिकारियों ने छह रूपया प्रति स्क्वायर फीट कर दिया है। बबलू ने कहा जिस तरह से मंडी की हालत है उस हिसाब से छह रूपया किराया निर्धारित करना न्याय संगत नहीं है। समिति के अधिकारी कोर्ट के आदेश के विपरित आर्थिक दोहन करने में लगे हैं।
...समिति का होना था गठन नहीं हुआ :
बबलू ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार व्यवसायी, भवन निर्माण विभाग के पदाधिकारी और जिला प्रशासन के पदाधिकारी की एक कमेटी बननी थी। यह कमेटी मंडी की समस्या और किराया निर्धारित करती लेकिन आज तक कमेटी का गठन नहीं हुआ। अधिकारी ने अपने मन से ही किराया निर्धारण कर दिया है।
...मंडी की सुरक्षा व्यवस्था पर उठ रहे सवाल :
मंडी में आए दिन दुकानों में चोरी व कारोबारियों के साथ छिनतई की घटना आम हो गई है। मंडी के अंदर प्रवेश के लिए तीन गेट हैं। इन सभी गेट पर सुरक्षा कर्मी रहते हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि घटना के समय यह सुरक्षा कर्मी गायब हो जाते हैं। सुरक्षा व्यवस्था लचर होने से अपराधी घटना काे अंजाम देकर आसानी से बाहर निकल जाते हैं।
...मंडी में पेय जल व शौचालय नहीं :
मंडी के अंदर हर रोज हजारों की संख्या में लोग कारोबार व खरीदारी करने आते हैं लेकिन इनके लिए स्वच्छ पेय जल व शौचालय की व्यवस्था नहीं है। जिस कारण दुकानदार से लेकर बाहर से आने वाले लोगों काे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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