बिहार : 120 दिनों के बाद ‘राज्य लोक शिकायत प्राप्ति केंद्र - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 25 जून 2019

बिहार : 120 दिनों के बाद ‘राज्य लोक शिकायत प्राप्ति केंद्र

  • पटना‘ के संलग्न 18 जून 2019 को ई-मेल आया

जन संगठन एकता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी आयोजन समिति के संयोजक थे। इनके नेतृत्व में जन मुक्ति संघर्ष वाहिनी ,एकता परिषद ,दलित अधिकार मंच ,लोक समिति ,लोक मंच ,असंगठित क्षेत्र कामगार संगठन ,मजदूर किसान समिति , लोक परिषद ,शहरी गरीब विकास संगठन ,मुसहर विकास मंच ,भूमि सत्याग्रह अभियान ,कोशी नव निर्माण मंच एवं लोक संघर्ष समिति आदि ने संयुक्त रूप से जुड़े थे।   
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पटना,25 जून। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को 18 फरवरी 2019 को ‘अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी चाहे तो क्षणभर में भूमि समस्या का हलः पी.व्ही.राजगोपाल‘ नामक शीर्षक से ई-मेल प्रेषित किया गया। मुख्यमंत्री के कार्यालय से ई-मेल 20 फरवरी को 9ः04 बजे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को ई-मेल भेजा गया, और सीसी आलोक कुमार को प्रेषित किया गया। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने सूचना भवन सामान्य परिवाद प्राप्त पंजी में दर्ज करने का आदेश 18 मार्च 2019 को दिया। प्रधान सचिव कोषांग राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के पत्र डायरी प्राप्त संख्या 1821 दिनांक 18.3.2019 है।  बताते चले कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 18 फरवरी 2018 को प्रेषित ई-मेल पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का कहना है कि आपके द्वारा उपलब्ध कराये गए विवरण लोक शिकायत में शिकायत दर्ज करने हेतू अपर्याप्त है। कृपया अपनी जानकारी संलग्न किए गए प्रपत्र-1 के अनुसार भरकर भेजे। ‘राज्य लोक शिकायत प्राप्ति केंद्र, पटना‘ के संग्लन 18 जून 2019, 6ः41 पीएम। आपका परिवाद प्रधान सचिव कोषांग राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, पत्र डायरी प्रे0सं0-1817 द्वारा राज्य लोक शिकायत प्राप्ति केन्द्र सूचना भवन पटना को ‘राज्य लोक शिकायत प्राप्ति केंद्र, पटना‘ है। आपका परिवाद प्रधान सचिव कोषांग राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, पत्र डायरी प्रे0सं0-1821 द्वारा राज्य लोक शिकायत प्राप्ति केन्द्र सूचना भवन पटना है। बताते चले कि पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान। यहां पर 18 फरवरी 2019 को एक अलग खास तरह का जुटान देखने को मिला। भूमि अधिकार के सवाल पर तय समय पर ठीक 11 बजे तिरंगा झंडा लिए पश्चिम चम्पारण से चले पद यात्रियो का जत्था गांधी मैदान में पहुंचा। इनके स्वागत  एवं किसानो का था जो भूमि अधिकार के लिए पटना पहुंचे थे। में बिहार के लगभग 1000 गावों के 10000 किसान मजदूर पहले से बैठे थे। गांधी मैदान में आते ही इन्होंने पदयात्रियों का माला पहना कर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। यह जत्था खेत मजदूरों गांधी मैदान में बासगीत की जमीन एवं वनाधिकार कानून को लागू कराने के लिए छोटे किसान जुटे थे। इसका आयोजन जन मुक्ति संघर्ष वाहिनी ,एकता परिषद ,दलित अधिकार मंच ,लोक समिति ,लोक मंच ,असंगठित क्षेत्र कामगार संगठन ,मजदूर किसान समिति , लोक परिषद ,शहरी गरीब विकास संगठन ,मुसहर विकास मंच ,भूमि सत्याग्रह अभियान ,कोशी नव निर्माण मंच एवं लोक संघर्ष समिति आदि ने संयुक्त रूप से किया था। यह पहला मौका है कि इतने संगठन ने परिस्थितियों को गंभीरता को समझा और भूमि के प्रश्न पर एक जुट हुए। सभा का प्रारम्भ गीत से हुआ। उसके बाद कश्मीर के पुलवामा में सी आर पी एफ के शहीद जवानों के प्रति शोक संवेदना हेतु मौन रखा गया। 

सभा में आयोजक संगठन के प्रतिनिधियों अलावा के झारखण्ड, मध्यप्रदेश, कर्णाटक, उत्तरप्रदेश तथा चम्पारण दखल देहनी आंदोलन के प्रतिनिधियों आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। वक्ताओं ने देश में आये लोकतंत्र के संकट की ओर इशारा करते हुए कहा कि आज भारत का आम आदमी हासिये पर आ खड़ा हुआ है। अंतिम जन को वर्तमान शासन में कहीं जगह नहीं दी जा रही। संविधान भारत के प्रत्येक नागरिक को सम्मान के साथ जीने का अधिकार देता है। पर आज तो संविधान की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है। शासन की प्राथमिकताओं में आज आम आदमी नहीं है। बड़े लोगों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। शहर बढ़ता जा रहा है लेकिन आम गरीब आदमी के पास रहने के लिए जगह नहीं है। स्ट्रीट वेंडर ,होमलेस की समस्या जैसे के तैसे है। इस बात पर दुःख व्यक्त किया गया कि शहर में लोग गरीबों की सेवा चाहते हैं पर उन्हें रहने देना नहीं चाहते। कोसी त्रासदी के समय ,बाढ़ से विस्तापित लोगों के नाम पर जो विश्व बैंक से लोन लिया गया उसे भी डाइवर्ट कर दिया गया। इस त्रासदी में 2 लाख 36 हजार 632 घर बर्बाद हुए थे। सरकार ने मात्र 60,000 घरों का निर्माण किया। बिहार में अभी भी 30 लाख परिवारों के पास आवास भूमि नहीं है। लोगों ने मांग की आवास का अधिकार मौलिक अधिकार में शामिल कर इस समस्या का हल करना चाहिए। भूमि सुधार एवं वनाधिकार कानून को लागू करना चाहिए। गरीब के पक्ष में न्यायालय का फैसला भी आता है तो वर्तमान सरकार के पदाधिकारी उसे लागू नहीं करते। जमीन का परचा मिलता है तो दखल देहनी नहीं मिलती। बिहार में 17 लाख भूमि परचाधारी हैं जिसमे से अधिकांश को जमीन पर कब्जा नहीं मिला। दाखिल खारिज भी समय पर नहीं होता। सरकार को चाहिए कि प्रत्येक परिवार को 10 डिसमिल जमीन एवं रोजगार स्थानीय रूप से दें। हम अपना अधिकार लेने आये हैं भीख मांगने नहीं आये हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पंद्रह वर्ष के शासन के पश्चात हम चुनाव के पूर्व चेतावनी देने आये हैं कि ऐसी ही नीति चलती रही तो हम इन्हें वोट नहीं देंगे। लोगों ने किसानों को बासगीत का अधिकार के अलावा यह कहा कि पेंशन या कर्ज माफी किसान समस्या का हल नहीं है खेती में लाभकारी मूल्य एवं खेती के संसाधन मुहैया करा कर किसानो को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। वक्ताओं ने स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसा को पूर्णतः लागू करने की मांग की। सभा में यह भी मांग आयी कि यदि भूमि अधिकार सरकार नहीं देती है, डी बंधोपाध्याय की रिपोर्ट नहीं लागू की जाती है तो जनता इस सवाल पर भूमि जन आयोग का गठन करे । सरकार द्वारा भूमि बैंक में प्राथमिकता बड़े लोगों की है ,वह जमींदार की भूमिका मी आ रही है। वक्ताओं ने कहा गांधी कि 150 वीं जयंती मनाई जा रही है पर गांधी ने चम्पारण में किसानों को अपना भगवान् माना था वह किसी सत्ता की राजनीति करने वालों को याद नहीं। वक्ताओं ने बार बार गांधी, विनोबा, जयप्रकाश एवं अम्बेडकर को याद करते हुए कहा कमाने वाला खायेगा ,लूटने वाला जायेगा नया जमाना आएगा। सभा की अध्यक्षता एकता परिषद् के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी ने की। संचालन जनमुक्ति वाहिनी के चक्रवर्ती अशोक प्रियदर्शी ने की। सभा में मुख्या वक्ताओं में ज्ञानती देवी ,कनक ,रुपेश , वासव राज पाटिल ,महेंद्र यादव ,गिरिजा सतीश ,गणेश आजाद ,ज्ञानेंद्र ,पी व्ही राज गोपाल ,शिवानंद तिवारी ,अमर राम, कपिलेश्वर राम ,कैलाश भारती ,नेकी राम मिथिलेश निराला ,प्रभाकर आदि थे। सीपीआई माले ने इस जन जुटाव का समर्थन किया। इसके अलावा मंच पर कंचन विजय प्रताप एवं रघुपति ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। बताते चले कि 120 दिनों के बाद ‘राज्य लोक शिकायत प्राप्ति केंद्र, पटना‘ के संलग्न 18 जून 2019, 6ः41 पीएम में ई-मेल आया। यह बताया गया कि आपका परिवाद प्रधान सचिव कोषांग राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, पत्र डायरी प्रे0सं0-1817 द्वारा राज्य लोक शिकायत प्राप्ति केन्द्र सूचना भवन पटना को ‘राज्य लोक शिकायत प्राप्ति केंद्र, पटना‘ है। आपका परिवाद प्रधान सचिव कोषांग राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, पत्र डायरी प्रे0सं0-1821 द्वारा राज्य लोक शिकायत प्राप्ति केन्द्र सूचना भवन पटना है। बताते चले कि जन संगठन एकता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी आयोजन समिति के संयोजक थे। इनके नेतृत्व में जन मुक्ति संघर्ष वाहिनी ,एकता परिषद ,दलित अधिकार मंच ,लोक समिति ,लोक मंच ,असंगठित क्षेत्र कामगार संगठन ,मजदूर किसान समिति , लोक परिषद ,शहरी गरीब विकास संगठन ,मुसहर विकास मंच ,भूमि सत्याग्रह अभियान ,कोशी नव निर्माण मंच एवं लोक संघर्ष समिति आदि ने संयुक्त रूप से जुड़े थे।

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