दरभंगा : ''भारत में हरितक्रांति की संभावना और चुनौतियां'' विषय पर 26 को स्‍व किराय मुसहर स्‍मृति व्‍याख्‍यान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 25 जून 2019

दरभंगा : ''भारत में हरितक्रांति की संभावना और चुनौतियां'' विषय पर 26 को स्‍व किराय मुसहर स्‍मृति व्‍याख्‍यान

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दरभंगा । इसमाद फाउंडेशन, दरभंगा की ओर से आचार्य रमानाथ झा हेरिटेज सीरीज के तहत दिनांक 26 जून को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कटक और भारतीय कृषि शोध संस्‍थान, नयी दिल्‍ली के पूर्व वरीय कृषि वैज्ञानिक डॉ यू. डी. सिंह 'भारत में हरित क्रांति की संभावना और चुनौतियां'  विषय पर माननीय किराय मुसहर स्‍मृति व्‍याख्‍यान देंगे।  लनामिविवि के गांधी सदन में दोपहर बाद शाम 4 बजे से होनेवाली इस व्याख्यान समारोह के मुख्य अतिथि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह होंगे, जबकि अध्यक्षता श्री गजानन मिश्र, पूर्व भा.प्र.से. करेंगे।  महाराजाधिराज कामेश्‍वर सिंह कल्‍याणी फाउंडेशन के सीइओ श्रुतिकर झा की अध्‍यक्षतावाली कमेटी ने 12 माह 12 व्‍याख्‍यान के तहत मई माह के लिए धरोहर व्‍यक्ति के रूप में खेतीहर मजदूर, महान समाजवादी और मिथिला के पहले दलित सांसद माननीय किराय मुसहर का चयन किया है। समिति के सदस्‍य रमण दत्‍त झा ने बताया कि मधेपुरा जिले के मुरहो गांव में जन्‍म लेनेवाले किराय मुसहर प्रथम लोकसभा के लिए मिथिला के भागलपुर सह पूर्णिया क्षेत्र से कांग्रेस को हरा कर पहले दलित सांसद बने थे। कुश्ती में रुचि रखनेवाले किराय मुसहर ईमानदारी के प्रतीक थे। जब तक सांसद रहे तब तक दूसरों की भलाई हेतु आवाज उठाते रहे। वो अपने वेतन का कुछ हिस्सा क्षेत्र के बीमार व गरीब जनता के बीच बांट दिया करते थे। उस समय सांसद निधि की कोई व्‍यवस्‍था नहीं थी। ऐसे में एकबार मधेपुरा प्रखंड के हनुमाननगर गांव में सड़क नहीं थी, सांसद स्व. किराय मुसहर को ग्रामीणों ने कहा कि जाने आने में बहुत परेशानी हो रही है। सांसद ने अपनी 15 कठ्ठा जमीन बेचकर कर सड़क बनवा दिया। किराय मुसहर को प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री बहुत मानते थे। दरभंगा महाराज उन्‍हें देश की पहले व्‍यक्ति के समक्ष मिथिला की अंतिम व्‍यक्ति की आवाज उठानेवाले नेता कहते थे। राजनति में मूल्‍य के अवसान के बाद समाज ने इस धरोहर को भी भूला दिया। इस बात की जानकारी इसामद फॉउंडेशन के न्यासी सह कार्यक्रम के संयोजक संतोष कुमार ने दी।

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