बजट : गरीबों व अमीरों की बल्ले बल्ले, मिडिल क्लास ठन ठन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 8 जुलाई 2019

बजट : गरीबों व अमीरों की बल्ले बल्ले, मिडिल क्लास ठन ठन

यह बजट समग्र और संतुलित बजट है। यह अलग बात है कि सरकार इस बजट को ग्रीन बजट बताते हुए कह रही है किसानों, आम आदमी, महिलाओं और रोजगार के लिहाज से यह बजट हिट है। लेकिन हकीकत तो यही है कि इस बजट में कुछ खास नहीं है, सिवाय महंगाई बढाने की। मतलब साफ है सरकार ने बजट को हर मामले और हर स्तर पर लुभावना बनाने की पूरी कोशिश की है। इस बजट में जहां मिडिल क्लास को टैक्स के मोर्चे पर कोई राहत नहीं मिली वहीं सस्ते घर यानी अफोर्डेबेल हाउसिंग के लिए सरकार ने एक बड़ा एलान किया है। हालांकि यदि इस बजट को जमीनी हकीकत में मोदी सरकार लाने में सफल रही तो देश की आम जनता के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगा। यह अलग बात है कि गरीबी, बेरोजगारी, बदतर शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा से पीड़ित और परेशान लोग पहले की ही तरह सड गल चुकी व्यवस्था से दो चार होगे 

budget-2019
फिरहाल, यह बजट प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देने की है। जो पूंजीपतियों व धन्नासेठों के लिए कारगर साबित होगी। दलितों और पिछड़ों के आरक्षण की ही नहीं बल्कि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, किसान व ग्रामीण समस्या और भी जटिल होगी। देश में पूंजी का विकास भी इससे संभव नहीं है। हालांकि बजट में सबके लिए आवास और सस्‍ते आवास के लक्ष्‍य के तहत मोदी सरकार ने 45 लाख तक की कीमत का घर खरीदने वालों को 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्‍त छूट देकर मध्यम वर्ग को थोडी राहत देने की कोशिश जरुर की है। इस तरह सस्‍ता मकान खरीदने वाले व्‍यक्ति को अब 3.5 लाख रुपये तक ब्‍याज संबंधी कटौती का लाभ मिलेगा। इससे मध्‍यमवर्गीय मकान खरीदने वालों को उनके 15 साल की अवधि वाले लोन पर लगभग 7 लाख रुपये का लाभ हासिल होगा। जनधन खाताधारक महिलाओं को महिलाओं के लिए 5 हजार तक ओवरड्राफ्ट और अलग से एक लाख रुपये के मुद्रा लोन की सुविधा देने का ऐलान अच्छा कदम है।  या यूं कहे मोदी के बही खाते से होगा राष्ट्र निर्माण। गांव, गरीब, किसान से मेरा भारत महान होगा। अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने की पूरी कोशिश है। इस बजट के जरिए पीएम मोदी किसानों का सम्मान बा रहे है। न्यू इंडिया के संकल्प को 2022 तक सिद्धि दिलाने में कोई कोर कसर नहीं छोडना चाहते है। मोदी के बही खाते का संदेश भी यही है कि भारत बनेगा दुनिया का महाशक्ति देश। इस सरकार में सबका विकास होगा। यही वजह है कि जनादेश के बाद अब जनकल्याण वाला बजट लाया गया है। इस बजट का मकसद है खुद कमाए और देश बनाएं। ऐसे में बडा सवाल तो यही क्या रॉबिनहुड वाले बजट से बनेगा न्यू इंडिया? 

इस बार इलेक्ट्रिॉक वाहनों के लिए ड्यूटी 5 परसेंट की गयी है। इससे इलेक्ट्रिॉक व्हीकल का निर्माण बढ़ेगा और इसके निर्माण में हम दुनिया में प्रथम नंबर पर जायेंगे। बजट में सोना-चांदी व डीजल पेट्रोल के दाम बढने का सबसे ज्यादा असर मीडिल क्लास पर ही पडेगा। 2022 तक गांव के हर घर को बिजली, हर घर को पानी व नल और गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य सराहनीय है। खासकर मुद्रा, स्‍टैंड अप इंडिया और स्‍व-सहायता समूह (एसएचजी) के माध्‍यम से महिला उद्यमिता प्रोत्‍साहित होगी। क्योंकि स्टैंड अप इंडिया स्कीम के तहत महिलाओं, अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग की महिला उद्यमी लाभान्वित होगी। इसके अलावा स्टार्टअप के लिए टीवी चैनल पर प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे, जो रोजगार के लिहाज से बेहतर है। लेकिन डिफेंस सेक्‍टर के लिए कोई बड़ा ऐलान न करना चैकाने वाला है। लगता है सरकार पुराने ऐलान को ही आगे बढायेगी। देश के करोड़ों टैक्‍सपेयर्स को पैन कार्ड की अनिवार्यता पर राहत मिली है। 

दरअसल, आम बजट में पैन और आधार में से किसी एक को इस्तेमाल में लाने का प्रस्ताव किया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि आयकर रिटर्न भरने के लिए अब पैन अनिवार्य नहीं है। अब आप पैन की जगह आधार नंबर का जिक्र कर सकते हैं। अब तक 120 करोड़ से अधिक देशवासियों के पास आधार उपलब्ध हैं। इसलिए किसी को अडचन भी नहीं आयेंगी। लेकिन बैंक से कैश निकालना अब थोडा मुश्किल हो जायेगा। अगर किसी बैंक खाते से एक वर्ष में 1 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि की नकद निकासी की जाएगी तो 2 फीसदी की स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की जाएगी। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आप 1 करोड़ रुपये से अधिक कैश निकालते हैं तो 2 फीसदी का टीडीएस देना होगा। डिजिटल भुगतान और कम नकद अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है। दुकानदारों को अब पेंशन का फायदा जरुर मिलेगा। क्योंकि डेढ़ करोड़ से कम के सालाना कारोबार वाले तीन करोड़ छोटे दुकानदार एवं कारोबारियों को प्रधानमंत्री कर्मयोगी मानधन योजना के तहत पेंशन योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा। इस योजना को अपनाने वाले कामगारों को 60 साल की आयु के बाद 3,000 रुपये मासिक पेंशन की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अलावा मात्र 59 मिनट में सभी दुकानदारों को लोन देने की भी योजना है। इसका लाभ 3 करोड़ से अधिक छोटे दुकानदारों को मिल सकेगा। 

बजट में गांव, गरीब, किसान और युवाओं का पूरा ध्यान रखा गया है। हालांकि टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है। घर और इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर अतिरिक्त टैक्स छूट देने का ऐलान किया है, वहीं अमीर वर्ग पर टैक्स का कुछ बोझ बढ़ा दिया। जबकि उनकी घोषणाओं से कुछ चीजें सस्ती हुईं जिससे आम आदमी को राहत मिल सकती है, लेकिन कुछ ऐसे भी ऐलान किए जिससे कुछ वस्तुएं महंगी हो सकती हैं। इस बजट के बाद पेट्रोल-डीजल, सोना, काजू महंगे हो जाएंगे। पेट्रोल और डीजल पर 1 रुपये प्रति लीटर की कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है। सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी की गई है। सोने पर 2.5 प्रतिशत आयात शुल्‍क बढ़ा दिया गया है जिससे कई वस्तुओं के दाम में इजाफा होगा। कई चीजों पर आयात शुल्‍क में इजाफा होने से आयातित किताबों पर पांच प्रतिशत का शुल्‍क लगेगा। ऑटो पाट्र्स, सिंथेटिक रबर, पीवीसी, टाइल्‍स भी महंगी होगी। तंबाकू उत्‍पाद भी महंगे हो जाएंगे। ऑप्टिकल फाइबर, स्‍टेनलेस उत्‍पाद, एसी, लाउडस्‍पीकर, वीडियो रिकॉर्डर, सीसीटीवी कैमरा, वाहन के हॉर्न, सिगरेट आदि महंगा हो जाएगा। हालांकि इलेक्ट्रिक कारें सस्‍ती हो जाएंगी। दाम कम होने से इन कारों का चलन बढेगा। वाहन पर लगने वाले 12 फीसदी टैक्स को घटाकर 5 फीसदी किया गया है। 

होम लोन लेना भी सस्‍ता होगा, यानी घर खरीदना अब किफायती होगा। सस्ते घरों के लिए ब्याज पर 3.5 लाख रुपये की छूट मिलेगी। इस बजट के बाद साबुन, शैंपू, बालों का तेल, टूथपेस्‍ट, बिजली का घरेलू सामान जैसे पंखे, लैम्‍प, ब्रीफकेस, यात्री बैग, सेनिटरी वेयर, बोतल, कंटेनर, रसोई में प्रयुक्‍त सामान लैसे बर्तन, गद्दा, बिस्‍तर, चश्‍मों के फ्रेम, बांस का फर्नीचर, पास्‍ता, धूपबत्‍ती, नमकीन, सूखा नारियल, सैनिटरी नैपकिन भी सस्ता होगा। सबसे खास बात यह है कि इस बजट में आने वाले दशक में विकास का लक्ष्य देश के सामने रखा गया है। दावा है कि अगले कुछ वर्षों में हमारी अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी। प्रदूषण मुक्त भारत, चिकित्सा उपकरणों पर जोर, जल प्रबंधन, अंतरिक्ष कार्यक्रम, चंद्रयान, गगनयान जैसी योजनाएं देश को उंचाईयों पर ले जायेगी। तब हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो जायेगी। सरकार का अगला बड़ा लक्ष्य जल रास्ते को बढ़ावा देना है। साथ ही वन नेशन, वन ग्रिड के लिए हम आगे बढ़ रहे हैं, जिसका ब्लूपिं्रट तैयार किया जा रहा है। सरकार रेलवे में निजी भागीदारी को बढ़ाने पर जोर दे रही है। क्योंकि रेल ढांचे में विकास के लिए 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत है। 

वाराणसी से हल्दिया जलमार्ग 2020 तक पूरा हो जाएगा। नेशनल हाइवे ग्रिड होने से देश एक ग्रिड के जरिए सभी राज्यों को सस्ती बिजली पहुंचाएंगे। इससे हर राज्य को सही दाम पर हर वक्त बिजली मिल सकेगी। मेक इन इंडिया के जरिये सरकार देश को आधुनिक भी बना रही है। इसमें 657 किलोमीटर मेट्रो को चालू किया गया है, जबकि 300 किलोमीटर के नए मेट्रो प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है। स्फूर्ति के जरिए देश में 100 नए क्लस्टर बनाए जाएंगे। 20 प्रौद्योगिकी बिजनेस इंक्यूबेटर स्थापित किए जाएंगे, जिसके जरिए 20 हजार लोगों को स्किल मुहैया कराया जाएगा। कृषि अवसंरचना में अब निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। 10 हजार नए किसान उत्पादक संघ बनेंगे, दालों के मामले में देश आत्मनिर्भर बना है। पैन कार्ड और आधार कार्ड में आपसी अदला-बदली की गई है। यानी अब अगर किसी के पास पैन कार्ड नहीं होगा तो उसकी जगह आधार का नंबर इस्तेमाल किया जा सकेगा। खासकर इनकम टैक्स रिटर्न में इसकी जरूरत सबसे ज्यादा पड़ती है। ऐसी स्थिति में अगर किसी के पास पैन कार्ड न हो तो वो व्यक्ति अपना आधार कार्ड नंबर का इस्तेमाल कर रिटर्न फाइल कर सकता है। इसके अलावा भी अगर कहीं पैन कार्ड की आवश्यकता पड़ती है तो उसकी जगह आधार कार्ड नंबर बताकर काम चल जाएगा। इससे आयकर विभाग में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस बजट देश समृद्ध और जन-जन को समर्थ बनाने की ओर आगे बने वाला है। 

इस बजट से गरीब को बल मिलेगा और युवा को बेहतर कल मिलेगा। इस बजट के माध्यम से मध्यम वर्ग को प्रगति मिलेगी। विकास की रफ्तार को गति मिलेगी। इस बजट से टैक्स व्यवस्था में सरलीकरण होगा, इन्फ्रास्ट्रक्चर का आधुनिकीकरण होगा। सरकार विदेश नीति पर भी जोर दे रही है इसके लिए सरकार जहां पर अभी हमारे दूतावास नहीं हैं, उन देशों में दूतावास खोलने पर जोर देगी। सरकार वित्तीय वर्ष 2019-20 में अन्य चार नए दूतावास खोलना चाहती है। सरकार का लक्ष्य बुनियादी सुविधाओं में अगले पांच साल में 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश का है। भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक बड़ी ताकत के रूप में उभरा है। सरकार इस ताकत को और भी बढ़ाना चाहती है और सैटेलाइट लॉन्च करने की क्षमता को बढ़ाया जाएगा। बजट से पहले एक नई बात ने सुर्खियां बटोरी हैं। वो है कि इस बार ब्रीफकेस में बजट नहीं आया है। ये अच्छी बात है कि सरकार ने भारतीय परंपरा को आगे बढाया है। क्योंकि ये बजट नहीं है, ये एक बही खाता है। 




(सुरेश गांधी)

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