पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता) : जिले के स्वास्थ्य विभाग ने मौसम का मिजाज देख बाढ़ आपदा से निपटने के लिए सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली है। दूषित जल से होने वाले जनित व संक्रमण रोगों से निपटने के लिए बाढ़ के समय प्रयोग होने वाले सभी तरह का दवाओं का भी दो माह पूर्व से ही भंडारण कर लिया गया है। बाढ़ के समय में अधिकतर दूषित जल से कई तरह का जनित व संक्रमण रोग फैलने का संभावना रहता है। वहीं बाढ़ के समय सर्पदंश, ऐंटी रेबिज, जल शोधन, ऐंटी डायरियल कि भी समस्या आती है। सिविल सर्जन डॉ मधुसूदन प्रसाद ने बताया कि बाढ़ आपदा से निपटने के लिए राहत और बचाव के लिए प्रशासनिक और स्वास्थ विभाग के तरफ से सभी तैयारियां कर ली गई है। जनित रोग, संक्रमण, सर्प दंश, एंटी रेबिज व एंटी डायरियल बिमारियों से निपटने के लिए सभी तरह का दवा का भंडारण कर लिया गया है। वहीं ब्लीचींग पाउडर, चुना, गनेक्सी, जिंक टैबलेट, हेलोजीन टैबलेट व अन्य सभी तरह के दवाओं की खरीदारी हो चुकी है। जिले के सभी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में यह सभी दवाओं को भेज दिया गया है। सीएस ने कहा कि बाढ़ के समय सबसे अधिक बच्चें और गर्भवती महिलाओं को समस्या होती है। इसके लिए भी सभी तैयारियों कर ली गई है। सीएस ने कहा कि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में उंचे जगहों पर प्रसव झोपड़ी का भी निर्माण कर लिया गया है। बाढ़ के समय जिन महिलाओं का प्रसव होगा और जिला मुख्यालय तक आने की संसाधन नहीं होगी। वैसी परिस्थिति में गर्भवती महिलाओं का प्रसव प्रसव झोपड़ी में ही सुरक्षित कराई जाएगी। सीएस ने कहा कि इस के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की टीम भी गठित कर ली गई है।
...बाढ़ के समय बरतने वाले सावधानी :
बाढ़ के समय अक्सर पानी दूषित हो जाता है और ट्यूबेल व कूंएं का पानी भी दूषित हो जाता है। ऐसे में पानी को उबाल कर पीना चाहिए या फिर पानी में ब्लीचींग पाउडर और हेलोजीन टैबलेट डाल कर ही पीना चाहिए। गंदा पानी पिने से डायरिया और अन्य संक्रमण रोग का शिकार हो सकते है। साथ ही सुपाच्य और स्वच्छ भोजन करना चाहिए जिस से बिमार होने का खतरा कम रहता है। किसी भी तरह का परेशानी होने पर नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें।
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