कुछ सामाजिक कार्यकर्ता बैठकर मंथन किए वहीं मुम्बई से आए अभिषेक ठाकुर ने विश्लेषण किए
पटना,08 जुलाई। बिहार में लोकसभा चुनाव के समय सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा 'नो वोटर लेफ्ट बिहाइंड' के बैनर तले 12 संसदीय क्षेत्र में जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अभियान का व्यापक प्रभाव पड़ा। बताते चले कि गया, औरंगाबाद, नवादा, बांका, जमुई, भागलपुर,सासाराम, जहानाबाद, पाटलिपुत्रा, समस्तीपुर, सारण और वाल्मीकिनगर संसदीय क्षेत्र में 'नो वोटर लेफ्ट बिहाइंड' का कार्य किया गया। सोमवार को बिहार दलित विकास समिति के हॉल में फादर जोस, विनय ओहदार, प्रदीप प्रियदर्शी, सत्यनारायण मदन, कपिलेश्वर राम, रेशमा और अशोक नामक सामाजिक कार्यकर्ता पसोपेश में रहे कि 17वीं लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों को मात देने में ईवीएम/ वोटर की बड़ी भूमिका रही। वहीं राष्ट्रवाद,धार्मिक हवा,पुलवामा में आंतकी हमला, मीडिया की भूमिका, सोशल मीडिया, धन व मानवबल, महागठबंधन के बीच में एकता व नेतृत्व करने वाले शक्तिशाली नेता का अभाव भी कारक समझा गया। मौके पर मुम्बई से अभिषेक ठाकुर आए थे जो विपक्षी दलों की करारी हार का विश्लेषण किए. संभावना तलाश किए कि क्या 2020 में बिहार विधान सभा का चुनाव में भी 'नो वोटर लेफ्ट बिहाइंड' को लेकर नए सिरे से बिहार में अभियान चलाया जा सकता है? इस पर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जल्द से जल्द अभियान छेड़ने पर बल दिए. कल मुम्बई से आए अभिषेक ठाकुर नौबतपुर (पटना) में ग्राउंड लेबल पर जाकर वोटरों के साथ विश्लेषण करेंगे।
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