उन्नाव दुष्कर्म मामला दिल्ली स्थानांतरित, भाजपा ने सेंगर को पार्टी से निकाला - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 1 अगस्त 2019

उन्नाव दुष्कर्म मामला दिल्ली स्थानांतरित, भाजपा ने सेंगर को पार्टी से निकाला

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नयी दिल्ली/लखनऊ एक अगस्त, उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को 2017 के उन्नाव बलात्कार कांड से संबंधित सभी पांच मुकदमे उत्तर प्रदेश की अदालत से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करने के साथ ही बलात्कार से संबंधित मुख्य मामले की सुनवाई 45 दिन के भीतर पूरी करने का आदेश दिया। वहीं, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने जेल में बंद अपने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष ने इसकी पुष्टि की। उधर, उच्चतम न्यायालय ने तीस हजारी अदालत के जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा को सनसनीखेज उन्नाव बलात्कार कांड से जुड़े पांच आपराधिक मामलों की सुनवाई का जिम्मा सौंप दिया है। इन सबके बीच रविवार को ट्रक और कार की भिड़ंत में गंभीर रूप से घायल होने के बाद लखनऊ के अस्पताल में भर्ती दुष्कर्म पीड़ित की हालत स्थिर है लेकिन उसे अब भी जीवन रक्षक उपकरणों पर रखा गया है। शीर्ष अदालत ने रायबरेली के निकट हुयी सड़क दुर्घटना में जख्मी बलात्कार पीड़ित को अंतरिम मुआवजे के रूप में 25 लाख रुपये देने का भी आदेश उत्तर प्रदेश सरकार को दिया। न्यायालय द्वारा प्रदेश सरकार को दिये निर्देश के क्रम में उन्नाव जिला प्रशासन ने 25 लाख रुपये का चेक तैयार कर लखनऊ जिलाधिकारी को भेजा है जहां से चेक पीड़िता के परिवार को सौंपा जाएगा। उधर, पीड़ित के साथ किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में भर्ती उसके वकील की हालत आज पांचवें दिन भी स्थिर बनी हुई है। उसे भी जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है।


सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई को विश्वविद्यालय के डॉक्टरों से सीबीआई को मिली मौखिक जानकारी पर भी संज्ञान लिया कि मामले में पीड़ित और वकील दोनों ही इस स्थिति में हैं कि उन्हें एयर एंबुलेंस के जरिये दिल्ली के एम्स ले जाया जा सकता है। हालांकि उनके इलाज की समुचित व्यवस्था लखनऊ में भी उपलब्ध है। इस बीच, दुष्कर्म पीड़ित की सुरक्षा के लिए लगाये गये तीन पुलिसकर्मियों को ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया । उन्नाव के पुलिस अधीक्षक एम पी वर्मा ने बताया कि निलंबित पुलिसकर्मियों के नाम सुदेश कुमार, सुनीता देवी और रूबी पटेल हैं । वहीं व्यापक आक्रोश और विपक्षी दलों की तीखी आलोचना के बीच भाजपा ने आरोपी चार बार के विधायक सेंगर को पार्टी से निकाल दिया। केंद्रीय भाजपा नेतृत्व द्वारा आरोपी सेंगर को निष्कासित किये जाने की घोषणा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने लखनऊ में की। यह कार्रवाई सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़ित और उसके वकील के उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने के चार दिन बाद हुई है। तेज रफ्तार ट्रक द्वारा पीड़ित की कार में टक्कर मारे जाने से कार में सवार पीड़ित की दो रिश्तेदारों की भी मौत हो गई थी। पीड़ित ने आरोप लगाया है कि 2017 में सेंगर ने अपने घर पर उससे दुष्कर्म किया था। उस वक्त वह नाबालिग थी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने इसके अलावा केन्द्रीय जांच ब्यूरो को ट्रक और दुष्कर्म पीड़ित की कार में हुयी टक्कर से संबंधित पांचवें मामले की जांच सात दिन के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया है।इस सड़क दुर्घटना की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने अपने हाथ में लेने के बाद भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सहित दस व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पीठ ने स्पष्ट किया कि जांच ब्यूरो असाधारण परिस्थितियों में ही इस दुर्घटना की जांच पूरी करने की अवधि सात दिन और बढ़ाने का अनुरोध कर सकता है। न्यायालय शुक्रवार को भी इस मामले की सुनवाई करेगा और उसने आज कहा कि दुष्कर्म पीड़ित से जुड़े मुख्य मामले की सुनवाई शुरू होने के 45 दिनों के अंदर पूरी की जाए। न्यायालय ने कहा कि वह इस मामले में आरोपियों के प्रतिनिधित्व के बगैर ही एकपक्षीय आदेश यह सुनिश्चित करने के लिये दिया जा रहा है कि सारे मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुये इस घटना की जांच और मुकदमों की सुनवाई तेजी से की जा सके।

सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि पीड़ित, उसकी मां और परिवार के अन्य सदस्यों को सीआरपीएफ द्वारा सुरक्षा मुहैया कराई जाए और कमांडेंट स्तर का एक अधिकारी इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करेगा। अदालत ने दो अगस्त को केंद्रीय एजेंसी से इस संबंध में रिपोर्ट देने को कहा है। इस बीच, पीड़ित की मौसी का अंतिम संस्कार बाराबंकी स्थित उनके गांव में कर दिया गया। उनके शव को लखनऊ से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबेहा थानाक्षेत्र स्थित गांव लाया गया। अंतिम संस्कार उनके बेटे ने दो बेटियों की मौजूदगी में किया। पीड़ित की मौसी का शव पहुंचते ही परिवार वाले रोने बिलखने लगे। वहां पर आईजी और एसपी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस बल सुरक्षा में तैनात था। महिला की बेटी ने मीडिया से कहा, “यह कुछ और नहीं बल्कि सोची समझी साजिश के तहत हत्या है।” उसने कहा कि उसकी मां उन्नाव बलात्कार पीड़ित के साथ पिछले नौ महीने से वहीं रहकर केस की पैरवी करती थीं। रविवार को हुए हादसे में मारी गई पीड़ित की चाची का बुधवार को गंगा किनारे अंतिम संस्कार किया गया।
पीड़ित के पिता की पिछले साल पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी जिसके बाद उसने मुख्यमंत्री आवास के बाहर खुदकुशी करने की कोशिश की। रविवार को हुई सड़क दुर्घटना के बाद प्रमुख राजनीतिक दलों ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की और उनसे जवाबदेही तय करने को कहा। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के बांगरमऊ से विधायक सेंगर को निष्कासित किए जाने के मामले पर ट्वीट कर कहा, 'भाजपा ने एक अपराधी को सशक्त बनाए जाने की बात स्वीकार की । स्वयं को सुधारने के लिए कदम उठाया ।' प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पीड़ित की कुशलता और रविवार को हुए हादसे में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिये हवन किया। समाजवादी पार्टी ने इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगा है। वहीं, विपक्ष के आरोपों के बीच मथुरा में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘‘प्रदेश में अपराधियों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। जहां भी जो भी गलत होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई जरूर की जाएगी। फिर चाहे वह कोई भाजपा का विधायक हो, अथवा किसी विपक्षी दल का।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक मामला उन्नाव घटना का है, तो भाजपा के निलंबित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सदस्यता पार्टी ने पूरी तरह से खत्म कर दी है और कानून अपने हिसाब से काम कर रहा है। मामले की जांच सीबीआई को सौंपी दी गई है।’’ उधर, पीड़ित के एक अन्य वकील अजेन्द्र अवस्थी को अब जिला प्रशासन ने पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करायी है। अवस्थी ने रविवार की दुर्घटना के परिप्रेक्ष्य में सुरक्षा का आग्रह किया था। 



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