जमशेदपुर : फूलों की खेती कर पने क्षेत्र में जाने जाते हैं धनंजय महतो - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 24 सितंबर 2019

जमशेदपुर : फूलों की खेती कर पने क्षेत्र में जाने जाते हैं धनंजय महतो

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जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) प्रगतिशील किसान धनंजय महतो फूलों की खेती कर आत्मनिर्भर कृषक के रूप में अपने क्षेत्र में जाने जाते है। कुछ वर्षों पूर्व 2014-15 तक धनंजय महतो साधारण कृषकों की तरह ही परम्परागत खेती किया करते थे। आत्मा, कृषि विभाग द्वारा अपने गाँव से कृषक मित्र के रूप में चयनित होने के पश्चात कृषक मित्र के रूप में कार्य कर करते हुए कृषि एवं कृषि तकनीक की नवीनतम जानकारी से अवगत हुए। प्रगतिशील किसान धनंजय महतो अपने साथ-साथ गाँव के अन्य किसानों को भी आत्मा के द्वारा संपन्न होने वाले कृषक गोष्ठी, प्रशिक्षण एवं परिभ्रमण आदि में भाग लेने के लिए प्रेरित करते रहे हैं। इस दौरान धनंजय महतो आत्मा के अन्तर्राजकीय परिभ्रमण कार्यक्रम के तहत महाराष्ट्र गए जहाँ जैन इरीगेशन कम्पनी के फसल प्रक्षेत्र, संयत्र का भ्रमण किया। कम पानी में सूक्ष्म सिंचाई पद्यति से खेती-किसानी कैसे करना है इसके बारे में जाना। अंतर्राजकीय भ्रमण से लौटने के बाद इन्होने भी अपने खेतों में सूक्ष्म सिंचाई विधि से सब्जी एवं फूलों की खेती करने लगे। धनंजय महतो ने कोलकाता से अच्छी किस्म के फूलों का चारा लाकर नर्सरी तैयार किया। इससे लागत में कमी के साथ-साथ अच्छी क्वालिटी के गेंदा फूल का उत्पादन कर रहे है। धनंजय महतो द्वारा किए जा रहे फूलों की खेती में उनके परिवारवाले भी साथ देते हैं। वहीं अत्यधिक फूल उत्पादन होने पर 4-5 मजदूरों को काम पर लगाते भी हैं।  ड्रीप इरीगेशन के द्वारा सिंचाई से कम पानी एवं लागत में इन्हें 1 एकड़ जमीन में फूलों की खेती से 150-170 किलोग्राम फूल उत्पादन होने लगा जिसे प्रति सप्ताह तोड़ाई कर लेते है। 55-60 रू0 प्रति किलोग्राम की दर से फूल बेचते है। माला 10-15 रू0 की दर से बेचते है। अपने प्रखण्ड पटमदा से 25 किलोमीटर दूर जमशेदपुर शहर में थोक माल भेजते भी है। उधर पश्चिम बंगाल के शहरों में भी गेंदा फूल का व्यापार करते हैं। गेंदा फूल की खेती से सीजन में एक लाख से अधिक कमा लेते हैं। इनके परिवार में 7 सदस्य है जिनका भरण-पोषण धंनजय महतो के कंधो पर ही है। फूलों की खेती से सालों भर अच्छा कमाई हो जाता है। अब इनका पारिवारिक स्थित पहले की अपेक्षा काफी बेहतर है।  फूलों की खेती से आमदनी देखकर धंनजय महतो ने अब अपने आस-पास के अन्य कृषकों की जमीन लीज पर लेकर बृहत पैमाने पर गेंदा फूल की खेती करना चाहतें है। तथा दूसरे किसानों को भी फूलों की खेती कर स्वरोजगार का एक साधन बनाने के लिए प्रेरित भी करते हैं।

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