कम्पाला 29 सितंबर, युगांडा के कम्पाला में आयोजित 64वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन की आम सभा में पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर संबधी मामले उठाएं जाने का भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कड़ा विरोध किया। भारतीय संसदीय शिष्टमंडल की सदस्य श्रीमती रूपा गांगुली ने शनिवार को सम्मेलन में पाकिस्तान के दुष्प्रचार का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि सैनिक शासन की परंपरा पाकिस्तान में है जो कि 33 वर्षों तक सेना के शासन में रहा है। भारत में सैनिक शासन न कभी था और न ही कभी होगा। पाकिस्तान ने दरअसल सम्मेलन में भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा कश्मीर को बंधक बनाने का झूठा आरोप लगाया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के नेतृत्व में भारतीय संसदीय शिष्टमंडल युगांडा के कंपाला में 22 से 29 सितंबर तक आयोजित 64 वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में भाग ले रहे है। इस शिष्टमंडल में लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा सांसद श्रीमती रूपा गांगुली और डॉ एल हनुमंथैया, लोकसभा सांसद अपराजिता सारंगी समेत लोकसभा की महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव शामिल हैं। इसके अलावा भारत की ओर से राज्य विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारी और सचिव इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं । गौरतलब है कि पाकिस्तान ने इससे पहले मालदीव में एक और दो सितंबर को आयोजित किये गए दक्षिण एशियाई देशों की संसदों के अध्यक्षों के चौथे शिखर सम्मलेन में भी कश्मीर मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश की थी, जिसका लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला के नेतृत्व में जोरदार विरोध किया गया था और और पाकिस्तान द्वारा उठाये गए मुद्दों को सिरे से खारिज कर दिया गया था।
रविवार, 29 सितंबर 2019

भारत ने पाकिस्तान के दुष्प्रचार का कड़ा विरोध किया
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