एक नहीं तीन बार शौचालय बनाने का प्रयास हुआ जो सफल क्यों नहीं हो पा रहा है?
पटना,27 सितम्बर। अब जानलेवा साबित होने लगा है शौचालय निर्माण करने वाला गड्ढा। इस गड्ढे में जितेन्द्र मांझी गिरकर घायल हुआ था। उसे आंख के ऊपरी हिस्से में पांच टांका दिलवाना पड़ गया। अभी-अभी बर्तनी देवी नामक विधवा गड्ढे में गिर गयी। उसकी आंख की रोशनी गायब है।तकदीर ठीक होने के कारण हल्ला करने पर पानी से भरे गड्ढे से निकाला जा सका।
लालू ने सुधि ली थी झोपड़ी नसीब महादलित मुसहर समुदाय की
दीघा थानान्तर्गत बालूपर मोहल्ला में है बालूपर मुसहरी। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने झोपड़ी नसीब महादलित मुसहर समुदाय की सुधि लेकर अव्वल जमीन का मालिक बनाकर 16 परिवारों को घर बना दिया। तब जाकर बालूपर मुसहरी को लालू नगर भी कहा जाने लगा। यहां पर दीघा ग्राम पंचायत के द्वारा शौचालय निर्माण करवाया गया। 16 परिवारों पर एकलौता पानी विहिन शौचालय निर्माण करवाने से यह नाकामयाब हो गया।
त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत का दर्द को पटना नगर निगम के द्वारा दूर नहीं दीघा ग्राम पंचायत को विभक्त कर पश्चिमी दीघा ग्राम पंचायत व पूर्वी दीघा ग्राम पंचायत बना।
पूर्वी दीघा ग्राम पंचायत के अंदर बालूपर मुसहरी आ गया। इसके बाद ग्राम पंचायत को विघटित (निरस्त) कर पटना नगर निगम में शामिल कर लिया गया। पटना नगर निगम के चुनाव के उपरांत वार्ड नम्बर-22A के वार्ड पार्षद दिनेश कुमार बने। पटना नगर निगम के मेयर व अधिकारियों के साथ नहीं मिलने से वार्ड पार्षद चाहकर भी अधिकाधिक कार्य करवाने में असफल साबित हो रहे हैं।
एक बार ग्राम पंचायत से और दो बार पटना नगर निगम से शौचालय बनाया
दीघा ग्राम पंचायत के द्वारा 16 परिवारों पर एकलौता पानी विहिन शौचालय निर्माण करवाने से यह नाकामयाब हो गया। इसके बाद पटना नगर निगम के द्वारा 16 परिवारों पर एक-एक शौचालय निर्माण करके दिया जाने वाला था जो ठीकेदार अधूरा बनाकर भाग खड़ा हुआ। इसके बाद पटना नगर निगम ने पुन: शौचालय बनवाने के लिए गड्ढा खोदवाया है। कई माह से गड्ढा पड़ा हुआ है। इसी में शौचक्रिया करने लगे। अभी पानी से भर गया है। इस बीच क्षेत्र को पाटलिपुत्र अंचल में डाल दिया गया है।
गड्ढे में गिर जाने वाली बर्तनी देवी है विधवा
यह स्वर्गीय रामदेव मांझी की विधवा है बर्तनी देवी। विधवा बर्तनी देवी का एकलौता रवि कुमार नामक पुत्र है। अभी रवि कुमार की मां का हाल बहुत ही खराब है। वह कहता है मां विधवा है और 15 सालों से आंख की रोशनी गायब है। कायदे से मेरी मां को सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत पेंशन मिलना चाहिए था जो काफी प्रयास करने के बाद भी नहीं मिल रहा है।
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