भारत, रूस को गांधी-टॉलस्टॉय की दोस्ती से प्रेरणा लेनी चाहिए : मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 6 सितंबर 2019

भारत, रूस को गांधी-टॉलस्टॉय की दोस्ती से प्रेरणा लेनी चाहिए : मोदी

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व्लादिवोस्तोक, पांच सितंबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि रूसी लेखक-दार्शनिक लियो टॉलस्टॉय और महात्मा गांधी ने एक-दूसरे पर ‘‘अमिट छाप’’ छोड़ी तथा उन्होंने दोनों देशों से अपील की कि वे उनसे प्रेरणा लेकर अपने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाएं। पूर्वी आर्थिक मंच की यहां पांचवीं बैठक के पूर्ण सत्र में मोदी ने कहा कि भारत और रूस एक-दूसरे के विकास में बड़े हिस्सेदार बनें। मोदी ने कहा, ‘‘इस साल पूरी दुनिया महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रही है। टॉलस्टॉय और गांधी ने एक-दूसरे पर अमिट छाप छोड़ी। भारत और रूस उनसे प्रेरणा लेकर अपने संबंधों को और सार्थक बनाए। दोनों देश एक-दूसरे के विकास में बड़े हिस्सेदार बनें।’’  उन्होंने कहा कि भारत और रूस को अपने साझा क्षेत्र तथा दुनिया के स्थायी एवं सुरक्षित भविष्य की ओर संयुक्त रूप से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारी साझेदारी की एक नयी शुरुआत होगी।’’  गांधी रूसी लेखक-दार्शनिक टॉलस्टॉय से काफी प्रेरित और प्रभावित थे। हालांकि, अपने जीवन में वे दोनों कभी एक-दूसरे से व्यक्तिगत तौर पर नहीं मिले लेकिन पत्रों के जरिए उनके बीच एक अनोखा रिश्ता था और वे विचारों का आदान-प्रदान करते थे। अपनी आत्मकथा में गांधी ने लिखा है कि कैसे टॉलस्टॉय की किताब ‘द किंगडम ऑफ गॉड इज विदइन यू’ ने उनकी जिंदगी बदल दी। यह किताब उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में जोहानिसबर्ग से डरबन की ट्रेन यात्रा के दौरान एक अक्टूबर 1904 को पढ़ी थी। वह इस किताब से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने एक अक्टूबर 1909 को टॉलस्टॉय को पत्र लिखा। इसके बाद उनका पत्र व्यवहार चलता रहा। गांधी ने जो किताब लिखी उसने भी टॉलस्टॉय पर गहरा प्रभाव छोड़ा और उसने वैश्विक प्रेम की अनंत संभावनाओं को लेकर उनके विचारों पर काफी असर डाला। टॉलस्टॉय और गांधी के बीच यह पत्र व्यवहार भारत-रूस संबंधों के स्वर्णिम अध्याय में युग प्रवर्तक बन गया। रूसी सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि वह महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उनकी याद में एक विशेष डाक टिकट जारी करेगी। बुधवार को रूस की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे मोदी देश के सुदूर पूर्वी क्षेत्र की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ 20वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर वार्ता में भाग लिया।

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