बिहार : पटना नारकीय स्थिति के लिए राज्य सरकार जिम्मेवार : भाकपा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 2 अक्तूबर 2019

बिहार : पटना नारकीय स्थिति के लिए राज्य सरकार जिम्मेवार : भाकपा

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पटना, 02 अक्टूबर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने राजधानी पटना शहर के नागरिकों की वर्षा के पानी के चलते जल जमाव हो जाने के कारण हो गयी नारकीय स्थिति के लिए राज्य सरकार को जिम्मेवार बताते हुए कहा है कि तीन दिनों की बारिष ने राज्य सरकार की पोल खोल कर रख दी है। अभी भी लोग जल-जमाव के चलते अनेक मुहल्लों में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से पानी में फंसे लोगों को दी जा रही राहत सामग्री में खाद्य पदार्थ, स्वच्छ पानी, दुध, दवाई, मोमबत्ती, सलाई नाकाफी है। पहले से नालों में जमंे गंदे पानी में वर्षा का पानी मिलकर लोगों के घर में प्रवेष कर गया है। लोगों का जीवन दिन-रात सड़े हुए पानी में बीत रहा है। ऐसी स्थिति में बीमारियों का प्रकोप बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। लोगों का दिन-रात एन.डी.आर.एफ. के नाव के इंतजार में गुजर रही है। राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने कहा कि चार दिनों के बाद अबतक दो दिनों में नाम मात्र का पानी निकाला गया है। पाटलिपुत्रा काॅलोनी, एस.के.पूरी, राजेन्द्र नगर, कदमकुंआ, कंकड़बाग, लंगरटोली, मछुआटोली, पटेलनगर, केसरीनगर, जक्कनपुर, यारपुर, गर्दनीबाग आदि मुहल्लों में अभी भी जल-जमाव की स्थिति बनी हुयी है। जल जमाव के चलते यहां के लोग विद्युत आपूत्र्ति बाधित हो जाने के कारण अंधेरे में छत, खिड़की, बालकोनी पर अपनी जिन्दगी गुजार रहे हैं। उन्होंने ने कहा कि स्वयं मुख्यमंत्री नीतीष कुमार और उनके सरकार के मंत्री एवं प्रषासनिक पदाधिकारी अपनी जिम्मेवारी कबूलने के बजाय गैरजिम्मेदारना बातें कभी हथिया नक्षत्र, कभी प्रकृति आपदा कह कर अपनी बिफलता पर पर्दा डाल रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि पटना नगर के 39 संपो की हालत खराब है। कहीं बेहद कम क्षमता का मीटर लगा हुआ है तो कहीं आउटलेट पाईप ही खराब है। नाला की भी हालत दयनीय है। नाला उड़ाही और नये नालों के निर्माण पर सरकार वर्षों से करोड़ों रूपये खर्च कर रही है पर पटना शहर के हालत में कोई सुधार नजर नहीं आती है। सरकार को इन हालातों का समय से पहले सुधार करने की जरूरत थी जो नहीं किया गया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने राज्य सरकार से मांग की है कि युद्ध स्तर पर गली मुहल्लें से पानी की निकासी कर विद्युत की आपूत्र्ति सुनिष्चित की जाय। मुहल्ले में फंसे लोगों को जल्द से जल्द निकालने की कारगर व्यवस्था की जाय तथा राहत सामग्री दवा, खाद्य पदार्थ, मोमबत्ती, दीयासलाई एवं अन्य राहत सामग्री बड़े पैमाने पर पीड़ितों के बीच वितरित किये जायें।

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