तीस हजारी झड़प मामले में अदालत ने दिये न्यायिक जांच के आदेश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 3 नवंबर 2019

तीस हजारी झड़प मामले में अदालत ने दिये न्यायिक जांच के आदेश

judicial-inquiry-tis-hazari-attack
नयी दिल्ली, तीन नवंबर, दिल्ली उच्च न्यायालय ने यहां की तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच झड़प मामले में रविवार को सुनवाई के दौरान अपने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से घटना की न्यायिक जांच कराने का आदेश दिया। घटना के संबंध में मीडिया में आयी खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल एवं न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने रविवार को कहा कि उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) एस पी गर्ग मामले में न्यायिक जांच करेंगे। पीठ ने जांच पूरी होने तक दिल्ली पुलिस आयुक्त को विशेष आयुक्त संजय सिंह और अतिरिक्त डीसीपी हरिंदर सिंह का तबादला करने का आदेश दिया है। पीठ ने यह भी साफ किया कि किसी वकील के खिलाफ कोई बलप्रयोग नहीं किया जायेगा। अधिकारियों और चश्मदीदों के अनुसार शनिवार दोपहर को तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच झड़प में 20 पुलिसकर्मी तथा कई वकील घायल हो गये जबकि 17 वाहनों की तोड़फोड़ की गयी। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने पीठ को बताया कि घटना की जांच के लिये एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है। दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए वकील राहुल मेहरा ने पीठ को बताया कि झड़प में कथित रूप से शामिल एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) को निलंबित कर दिया गया है और एक अन्य का तबादला कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि झड़प में 21 पुलिस अधिकारी और आठ वकील घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि अपराध शाखा का विशेष जांच दल मामले की जांच करेगा। उन्होंने कहा कि घटना के संबंध में हत्या के प्रयास के आरोप समेत संबंधित धाराओं के तहत चार प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया कि घायल 20 पुलिसकर्मियों में दो थाना प्रभारी और एक अतिरिक्त आयुक्त शामिल हैं। पुलिस ने दावा किया कि घटना में आठ वकील घायल हुए हैं। हालांकि, वकीलों का दावा है कि पुलिस ने जो आंकड़ा बताये हैं उससे अधिक संख्या में उनके सहकर्मी घायल हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि पुलिस की गोली लगने से दो वकील घायल हुए हैं जबकि पुलिस ने गोलीबारी के आरोपों से इनकार किया है और कहा कि उसने हवा में गोली चलायी थी। महापंजीयक (आरजी) दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश और उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीशों ने रविवार सुबह बंद कमरे में बैठक की। उन्होंने बताया कि बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और दिल्ली सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव भी शामिल थे। उन्होंने बताया कि बैठक खत्म होने के बाद अदालत ने दोपहर बाद दिन में एक बजे सुनवाई करने का फैसला किया। वकीलों और पुलिस के बीच झड़प मामले में दोपहर बाद दिन में एक बजे सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने केंद्र, दिल्ली पुलिस आयुक्त और मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर उनसे इस संबंध में जवाब मांगा। अदालत ने झड़प में कथित रूप से शामिल पुलिस अधिकारियों को दिन में तीन बजे मौजूद रहने का आदेश भी दिया। इसके अलावा बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने दिल्ली उच्च न्यायालय को पत्र लिखकर मामले में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ धारा 307 (हत्या का प्रयास) एवं शस्त्र अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की खातिर दिल्ली के उपराज्यपाल एवं अन्य अधिकारियों से इस संबंध में अनुमति लेने का अनुरोध किया। पत्र में इसके लिये जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को तुरंत गिरफ्तार करने और उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच शुरू करने का अनुरोध किया गया है।

कोई टिप्पणी नहीं: