बिहार : लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष सुनवाई 23 दिसम्बर को - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 24 नवंबर 2019

बिहार : लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष सुनवाई 23 दिसम्बर को

lok-shikayat-court-on-23-december
पटना,24 नवम्बर। दीघा थानान्तर्गत बालूपर मोहल्ला में है बालूपर मुसहरी। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने झोपड़ी नसीब महादलित मुसहर समुदाय की सुधि लेकर अव्वल जमीन का मालिक बनाकर 16 परिवारों को घर बना दिया। तब जाकर बालूपर मुसहरी को लालू नगर भी कहा जाने लगा। यहां पर दीघा ग्राम पंचायत के द्वारा शौचालय निर्माण करवाया गया। 16 परिवारों पर एकलौता पानी विहिन शौचालय निर्माण करवाने से यह नाकामयाब हो गया।कुल मिलाकर एक नहीं तीन बार शौचालय बनाने का प्रयास हुआ जो  असफल हो गया,यह सवाल बनकर उभर रहा है कि आखिरकार क्यों नहीं शौचालय बन  पा रहा है?

त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत का दर्द को पटना नगर निगम के द्वारा दूर नहीं किया जा रहा है
दीघा ग्राम पंचायत को विभक्त कर पश्चिमी दीघा ग्राम पंचायत व पूर्वी दीघा ग्राम पंचायत बना।पूर्वी दीघा ग्राम पंचायत के अंदर बालूपर मुसहरी आ गया। इसके बाद ग्राम पंचायत को विघटित (निरस्त)  कर पटना नगर निगम में शामिल कर लिया गया। पटना नगर निगम के चुनाव के उपरांत वार्ड नम्बर-22A के वार्ड पार्षद दिनेश कुमार बने। पटना नगर निगम के मेयर व अधिकारियों के साथ नहीं मिलने से वार्ड पार्षद चाहकर भी अधिकाधिक कार्य करवाने  में असफल साबित हो रहे हैं। 

एक बार ग्राम पंचायत से और दो बार पटना नगर निगम से शौचालय बनाया
दीघा ग्राम पंचायत के द्वारा 16 परिवारों पर एकलौता पानी विहिन शौचालय निर्माण करवाने से यह   नाकामयाब हो गया। इसके बाद पटना नगर निगम के द्वारा 16 परिवारों पर एक-एक शौचालय निर्माण करके दिया जाने वाला था जो ठीकेदार अधूरा बनाकर भाग खड़ा हुआ। इसके बाद पटना नगर निगम ने पुन: शौचालय बनवाने के लिए गड्ढा खोदवाया है। अब जानलेवा साबित होने लगा है शौचालय निर्माण करने वाला गड्ढा। इस गड्ढे में जितेन्द्र मांझी गिरकर घायल हुआ था। उसे आंख के ऊपरी हिस्से में पांच टांका दिलवाना पड़ गया। अभी-अभी बर्तनी देवी नामक विधवा गड्ढे में गिर गयी। उसकी आंख की रोशनी गायब है।तकदीर ठीक होने के कारण हल्ला करने पर पानी से भरे गड्ढे से निकाला जा सका।कई माह से गड्ढा पड़ा हुआ है। इसी में शौचक्रिया करने लगे। अभी पानी से भर गया है। इस बीच क्षेत्र को पाटलिपुत्र अंचल में डाल दिया गया है। गड्ढे में गिर जाने वाली बर्तनी देवी है विधवा यह स्वर्गीय रामदेव मांझी की विधवा है बर्तनी देवी। विधवा बर्तनी देवी का एकलौता रवि कुमार नामक पुत्र है। अभी रवि कुमार की मां का हाल बहुत ही खराब है। वह कहता है मां विधवा है और 15 सालों से आंख की रोशनी गायब है। कायदे से मेरी मां को सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत पेंशन मिलना चाहिए था जो काफी प्रयास करने के बाद भी नहीं मिल रहा है।

बालूपर मुसहरी में निर्मित मकान जर्जर
नगर विकास विभाग के द्वारा समस्या निष्पादन करने के लिए 22 नवम्बर को लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष विकास भवन में बुलाया गया।बालूपर मुसहरी के दीपक कुमार गए थे। अगली सुनवाई 23 दिसम्बर को पटना सदर अनुमंडल के लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष अग्रसारित कर दिया है।तबतक जर्जर घर में रहने और मैदान में जाकर शौचालय करने को मजबूर होते रहेंगे।बनाने का प्रयास किया गया.जो अधूरा छोड़ ठेकेदार भाग खड़ा होता है।

कोई टिप्पणी नहीं: