1857 से पहले हुआ था क्रांति का सूत्र पात्र : वेंकैया नायडू - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 30 नवंबर 2019

1857 से पहले हुआ था क्रांति का सूत्र पात्र : वेंकैया नायडू

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हरिद्वार 30 नवम्बर, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने हरिद्वार जिले के रुड़की तहसील में स्थित कुंजा बहदरपुर गांव में राजा विजय सिंह एवं उनके मंत्री कल्याण सिंह की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश में अंग्रेजों के विरुद्ध आंदोलन और आजादी के लिए क्रांति का सूत्रपात 1857 से पहले हो गया था।श्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि राजा विजय सिंह और उनके मंत्री कल्याण सिंह जैसे लोगों से की शहादत से भारत की आजादी के आंदोलन को बल मिला और देश को आजादी मिली। उन्होंने कहा कि देश में अंग्रेजों के विरुद्ध आंदोलन और आजादी के लिए क्रांति का सूत्रपात 1857 से पहले हो गया था। परंतु अंग्रेजों ने ऐसे क्रांतिकारियों के इतिहास को उजागर नहीं होने दिया।उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी आग्रह किया कि, मैं उत्तराखंड के शहीदों के इतिहास यहां के क्रांतिकारी लोगों के बारे में जो कुछ भी अभी तक लुप्त है उसके बारे में शोध करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करें और शहीदों की गाथाओं को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि मैं इस कुंजा पुर की धरती को नमन करने के लिए आया हूं ताकि पूरे देश को राजा विजय सिंह और कल्याण सिंह जैसे शहीदों के बारे में उनकी क्रांति गाथा के बारे में पता चल सके।श्री नायडू ने कहा कि राजा विजय सिंह ने अंग्रेजों के हुक्म को मानने से इनकार किया। उनके चिन्हों को मिटा दिया तहसीलों में लूटपाट की और उनकी गुलामी स्वीकार नहीं की जिससे क्रोधित अंग्रेजों ने उन पर हमला बोल दिया। परंतु विजय सिंह ने आसपास के जिलों की सेना बनाकर अंग्रेजों से लोहा लिया। अंग्रेजों ने उन पर अत्याचार किए और उन्हें अमानवीय तरीके से फांसी पर लटका दिया।उन्होंने कहा कि देश में हमें स्थानीय बोली भाषा को आगे बढ़ाना चाहिए क्योंकि भाषा बोलियां ही हमारी संस्कृति को संरक्षित करती हैं इसलिए प्रदेशों में स्थानीय भाषाओं में काम करने पर जोर दिया जाना चाहिए । साथ ही उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी जहां जहां जाएंगे राजा विजय सिंह और कल्याण सिंह जैसे शहीदों और बहादुर वीरों के बारे में लोगों को अवगत कराएंगे।उन्होंने कहा हर नागरिक को अपने अधिकार के अलावा कर्तव्य के प्रति भी उत्तर दायित्व होना चाहिए, क्योंकि जब हम अपना कर्तव्य का पालन ठीक से नहीं करेंगे तो अधिकारों की बात करने का भी हक नहीं रखते। उन्होंने कहा कि संविधान में अधिकारों के बारे में सब बात करते हैं, लेकिन दायित्व को लेकर हम हम मौन हो जाते हैं।उन्होंने कहा कि मैं भी उपराष्ट्रपति के पद पर हूं और राज्यसभा का सभापति हूं परंतु जब मैंने राजा विजय सिंह के बारे में सुना तो मैं भी एक आम नागरिक के हैसियत से उन्हें नमन करने के अपने कर्तव्य का पालन करने के लिए यहां आया हूं।उन्होंने कहा कि संविधान पूरे देश को जोड़ने का काम करता है देश में धारा 370 को हटाने के लिए लोकसभा और विधानसभा में जब विधेयक लाया गया तो एनडीए का राज्यसभा में बहुत ना होने पर भी सभी दलों ने सभी दलों ने बहुत से विधेयक पारित किया। उन्होंने कहा कि धारा 370 हटाने का मकसद केवल लोगों को बताना है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।कार्यक्रम को उत्तराखंड राज्य की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी संबोधित किया। 

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