शिवसेना 17 नवम्बर को होने वाली राजग की बैठक में भाग नहीं लेगी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 16 नवंबर 2019

शिवसेना 17 नवम्बर को होने वाली राजग की बैठक में भाग नहीं लेगी

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मुंबई, 16 नवम्बर, शिवसेना संसद के 18 नवम्बर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पूर्व रविवार को दिल्ली में होने वाली राजग घटक दलों की बैठक में शामिल नहीं होगी। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने यहां पत्रकारों से कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी का राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से बाहर आना अब एक औपचारिकता रह गया है। भाजपा पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा कि राजग किसी की संपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना और अकाली दल गठबंधन के समान रूप से महत्वपूर्ण संस्थापक थे।’’  लंबे समय से राजग का घटक दल रहे शिवसेना की महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा होने के कुछ दिन बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा के साथ खींचतान चलती रही। शिवसेना का वर्तमान में केन्द्र में कोई प्रतिनिधि नहीं है। उसके एकमात्र मंत्री अरविंद सावंत ने 11 नवम्बर को इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने शर्त रखी थी कि राज्य में सरकार बनाने के लिए शिवसेना यदि उसका समर्थन चाहती है तो उसे राजग से बाहर निकलना होगा और सावंत को इस्तीफा देना होगा। राउत ने कहा, ‘‘मुझे पता चला कि (राजग घटक दलों) की बैठक 17 नवम्बर को हो रही है। महाराष्ट्र में जिस तरह के घटनाक्रम हो रहे हैं, उसे देखते हुए हमने पहले ही बैठक में भाग लेने के खिलाफ फैसला कर लिया था ... हमारे मंत्री ने केंद्र सरकार से इस्तीफा दे दिया।’’  शिवसेना नेता ने कहा कि उन्हें पता चला था कि उनकी पार्टी को राजग की बैठक में भाग लेने का निमंत्रण नहीं मिला। राउत ने कहा, ‘‘यह ठीक है, अगर इसे नहीं भेजा गया है। हमने (बैठक में भाग लेने के खिलाफ) पहले ही फैसला कर लिया था।’’  किसी का नाम लिये बगैर राउत ने कहा कि कोई भी राजग पर ‘‘मालिकाना हक’’ का दावा नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘राजग किसी की संपत्ति नहीं है। बाल ठाकरे (शिवसेना के दिवंगत संस्थापक) और अकाली दल राजग के एक समान रूप से महत्वपूर्ण संस्थापक हैं।’’  जब उनसे पूछा गया कि क्या अब शिवसेना के राजग से बाहर आने की औपचारिक घोषणा होनी ही बाकी बची है तो राउत ने कहा, ‘‘आप ऐसा कह सकते हो। ऐसा कहने में कोई समस्या नहीं है।’’  राज्यसभा सदस्य ने विश्वास जताया कि शिवसेना आगामी महापौर चुनावों में मुंबई और ठाणे नगर निकायों में अपने महापौर बनायेगी। राउत ने कहा कि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस महाराष्ट्र में न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) पर आम सहमति पर पहुंच गये है और दिल्ली में इस पर चर्चा की कोई जरूरत नहीं है। सांसद ने पूछा, ‘‘फिर कैसे हम उस (राजग) बैठक में भाग ले पाएंगे।?"  शिवसेना ने सरकार बनाने के लिए भाजपा का समर्थन करने से इनकार कर दिया था जिसके बाद राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया और 12 नवम्बर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। शिवसेना ने 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में 56 सीटें जीती थी। भाजपा ने 288 सदस्यीय सदन में सबसे अधिक 105 सीटों पर जीत दर्ज की थी। शिवसेना की मांग थी कि मुख्यमंत्री पद और अन्य विभागों का एक समान आवंटन हो और इसके लिए भाजपा तैयार नहीं थी। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के सदस्यों की कुल संख्या 154 हैं। बहुमत का आकंड़ा 145 है।

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