मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) : विवाह पंचमी महोत्सव में सीताराम विवाह महोत्सव के अगले दिन ऐतिहासिक आदर्श सामुहिक विवाह समारोह का आयोजन हुआ। यह आयोजन पहली बार विश्व हिन्दु परिषद नेपाल व सीताराम मणि मंडली विकास समिति के द्वारा संपन्न कराया गया। सभी दुल्हा जानकी मंदिर का परिक्रमा कर विवाह स्थल मणि मण्डल पहुंची। दुल्हा के पहुंचने के बाद सजधज कर तैयार एक आकर्षक म॔च पर बैठाया गया। सभी जोड़ी के लिए अलग-अलग कुर्सी लगाया गया था। कुर्सी पर नंबर लिखा हुआ था। व्यवस्थापक के द्वारा नंबर की जांच कर उनके स्थान पर बैठाया। हंसी की बात यह है कि एक दुल्हा अलग नंबर के चेयर पर बैठ गया। इसकी जानकारी तब हुई जब एक दुल्हन के साथ उनके परिजन वहां आए। हालांकि बाद में उसे उनके स्थान पर ले जाया गया, सभी दुल्हा के पहुंचने के बाद स्वंयसेवक के महिलाओं ने मिथिला रिती रिवाज के अनुसार परिक्षण गीत गाते हुए सभी दुल्हा को परिक्षण किया। उसके बाद मंच से नीचे उतार सभी को मरबा में ले गये वहां भी सभी मरबा में नंबर लिखा हुआ था। सभी दुल्हे को मरबा और बेदी पर पंडितों के द्वारा मंत्रोचार के साथ समुचित वीध कराया गया तथा वहीं सिन्दूर दान भी हुआ। इस दौरान महिलाओं ने शुभे हो आहो शुभे आदि गीतो से दर्शकों को भाव विभोर कर दी। इस ऐतिहासिक विवाह को देखने के लिए जनकपुर ही नहीं बल्कि भारत नेपाल के हजारों दर्शकों का भीड़ उमड़ी हुई थी। सामुहिक विवाहोत्सव के दौरान विश्व हिन्दु परिषद धनुषा जिला महिला विंद के संयोजक विजेता झा ने बताया की इस सामूहिक विवाह से पुरे देश और दुनिया में यह संदेश जाएगा कि बेटियां बोझ नहीं होती है। उन्होंने बताया कि सभी बालिग जोड़ी को विवाह कराने का निर्णय इसलिए लिया की आज बेटी बचाओ बेटी पढाओ का संदेश जन जन तक पहुँचे। आज दहेज के लिए आए दिन बेटियों के साथ घटना होती रहती है या फिर गरीबी होने के कारण परिजनों को शादी करने में परेशानी होती है, और फिर बेटी बोझ लगने लगता है। ऐसी बेटियों की शादी प्रति वर्ष विवाह पंचमी महोत्सव के बाद निःशुल्क कराया जाएगा। सामुहिक विवाह में भाग लेने आए नगमा नगराईन निवासी दुल्हा आस्तिक कुमार झा ने बताया कि जब मुझे पता चला कि विश्व हिन्दु परिषद के द्वारा सामुहिक विवाह कराया जाएगा तो मेरे अंदर एक उत्सुकता जगी लेकिन मेरे परिजन यह कह कर मना कर रहे थे कि बेटा ऐसी शादी करोगे तो लोग गरीब समझेगा और लोग हसेंगे लेकिन मैने नहीं माना क्योंकि आमतौर पर जब कोई शादी करते है तो उसे देखने वाले अधीक लोग नहीं होते। लेकिन आज मैं बहुत खुश हूँ कि हमारी शादी का गवाह हजारों लोग बनें है, और यह खबर देश और दुनिया में जाएगी।
बुधवार, 4 दिसंबर 2019
मधुबनी : मांगलिक गीतों के साथ 41 जोड़ी का विवाह संपन्न
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