पाकिस्तान समेत सभी पड़ोसियों से शांतिपूर्ण संबंध चाहता है भारत: नायडु - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 23 दिसंबर 2019

पाकिस्तान समेत सभी पड़ोसियों से शांतिपूर्ण संबंध चाहता है भारत: नायडु

india-wants-good-relation-with-nabours-naidu
नयी दिल्ली, 23 दिसंबर, उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने काे वक्त की जरुरत करार देेते हुए सोमवार को कहा कि पाकिस्तान समेत सभी पड़ोसी देशों के साथ भारत शांतिपूर्ण संबंधों का पक्षधर है। श्री नायडु ने यहां उप राष्ट्रपति निवास में दिल्ली और आगरा भ्रमण के लिए आये जम्मू कश्मीर के बच्चों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि कश्मीर के लोग लंबे समय से सीमा पार से आंतकवाद से पीड़ित रहे हैं। इन बच्चों की यात्रा का आयोजन सेना ने किया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और प्रगति के मार्ग को अवरुद्ध करता है। आतकंवाद के कारण समाज की विकास यात्रा रुक जाती और समस्त ध्यान सुरक्षा व्यवस्था पर टिक जाता है। उन्होंने कहा कि भारत सभी पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है और इनमें पाकिस्तान भी शामिल है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना समय की आवश्यकता थी। इसके बाद राज्य का तेज गति से विकास होगा। राज्य के प्रशासनिक ढ़ांचे में बदलाव होने से सरकार की सभी योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ लोगों को मिल सकेगा। उप राष्ट्रपति ने कहा कि छात्रों को देशभर का भ्रमण करना चाहिए और देश विविधता को देखते हुए सांस्कृतिक और भावना एकता काे समझना चाहिए। इस भ्रमण से छात्रों को देश के समक्ष चुनौतियों और समस्याओं को समझने में मदद मिलेगी। उन्हाेंने कहा कि भारत सभी मोर्चों पर तेजी से आगे बढ़ रहा है इसलिए छात्रों को उभरती संभावनाओं का इस्तेमाल करने के लिए नयी तकनीक सीखनी चाहिए। जाति, धर्म और लैंगिक भेदभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि सभी को समान अवसर उपलब्ध कराने के प्रयास किये जाने चाहिए।  

कोई टिप्पणी नहीं: