बिहार : झारखंड की जनता ने भाजपा को नकारा : माले - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 23 दिसंबर 2019

बिहार : झारखंड की जनता ने भाजपा को नकारा : माले

भाकपा-माले ने बगोदर की सीट जीती, जनता को दिया धन्यवादभाकपा-माले राज्य स्थायी समिति बैठक संपन्न - 8 जनवरी के बंद को ऐतिहासिक बनाने की अपील
jharkhand-refuse-bjp-cpi-ml
पटना 23 दिसंबर (आर्यावर्त संवाददाता) भाकपा-माले ने झारखंड की जनता को भाजपा को नकारने के लिए धन्यवाद दिया है. कहा कि जो भाजपा 65 पार का दावा कर रही थी, वहां की जनता ने उसे उसकी औकात बता दी. 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद मोदी-शाह की जोड़ी यह समझ रही थी कि अब वह देश में अजेय हो गई है और इसलिए वह अपनी मर्जी का कुछ भी कर सकती है. लेकिन झारखंड चुनाव परिणाम ने एक बार फिर से साबित किया कि उनकी मनमानी नहीं चलने वाली है. आज देश भयानक आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है. उसे हल करने की बजाए भाजपा सीएए व एनआरसी का खेल खेलकर देश को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने में लगी है, लोगों की नागरिकता पर खतरा उपस्थित हो गया है. इस चुनाव में भाजपा को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ा है. भाजपा राज में झारखंड में भूख से मौतें होते रहीं और भ्रष्टाचार चरम पर पहुंचा. इसलिए वहां की जनता ने भाजपा को खारिज किया है. झारखंड की जनता ने बगोदर विधानसभा सीट से भाकपा-माले प्रत्याशी विनोद कुमार सिंह को एक बार फिर से जिताया है. इसके लिए भाकपा-माले वहां की जनता का धन्यवाद ज्ञापन करती है. साथ ही, झारखंड विधानसभा में जनपक्षीय भूमिका अदा करते रहने की अपनी शानदार विरासत के लिए प्रतिबद्ध है. भाकपा-माले की एक दिवसीय राज्य स्थायी समिति की बैठक आज पटना स्थित राज्य कार्यालय में संपन्न हुई. बैठक में 8 जनवरी को मजदूर संगठनों के संयुक्त हड़ताल पर बातचीत हुई और इसे ऐतिहासिक बनाने पर बातचीत की गई. सीएए व एनआरसी के खिलाफ चल रहे आंदोलन को मजबूती प्रदान करने के लिए भाजपा-आरएसएस के झूठ के पर्दाफाश के लिए गांव-गांव अभियान चलाने की रणनीति बनाई गई. बैठक में एनआरसी पर प्रधानमंत्री द्वारा बोले गए झूठ की निंदा की गई. प्रस्ताव लेकर कहा गया कि देश के सर्वोच्च शिखर पर बैठा आदमी देश को लगातार गुमराह कर रहा है. यह बहुत ही निकृष्ट किस्म का चिंतन है. सीएए के खिलाफ चल रहे आंदोलन में आंदोलनकारियों की धर-पकड़, दमन आदि की निंदा की गई. कहा गया कि सरकार आंदोलनकारियों के दमन से बाज आए और सीएए व एनआरसी को पूरी तरह रद्द करे. बैठक में मुख्य रूप से भाकपा-माले के वरिष्ठ नेता स्वेदश भट्टाचार्य, राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद, पूर्व विधायक व अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजाराम सिंह, केडी यादव, पूर्व विधायक अरूण सिंह, वरिष्ठ नेता रामजतन शर्मा, नईमुद्दीन अंसारी, मनोज मंजिल, वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता, संतोष सहर, आर एन ठाकुर, मीना तिवारी, शशि यादव, सरोज चैबे, जवाहरलाल सिंह, महानंद, रामाधार सिंह, श्रीनिवास शर्मा, वैद्यनाथ यादव आदि नेताओं ने भाग लिया.

कोई टिप्पणी नहीं: