नयी दिल्ली, 29 दिसंबर, पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने स्पष्ट किया है कि धार्मिक आधार पर भेदभाव कभी पाकिस्तान क्रिकेट टीम की संस्कृति का हिस्सा नहीं रहा और दानिश कनेरिया को उनके एक या दो साथियों से ही पूर्वाग्रह का सामना करना पड़ता था। अख्तर ने गुरुवार को दावा किया था कि कुछ पाकिस्तानी क्रिकेटर कनेरिया के साथ खाना खाने से भी हिचकते थे क्योंकि वह हिंदू है। इस लेग स्पिनर ने बाद में अख्तर के दावे का समर्थन करते हुए कहा कि राष्ट्रीय टीम में उनके खेलने के दौरान कुछ खिलाड़ी थे जो हिंदू होने के कारण उन्हें निशाना बनाते थे लेकिन उन्होंने कभी अपना धर्म बदलने का दबाव महसूस नहीं किया। अख्तर ने शनिवार को ट्विटर पर अपने बयान को लेकर स्पष्टीकरण दिया। अख्तर ने अपने यूट्यूब चैनल का वीडियो डालते हुए लिखा, ‘‘मैंने देखा कि कैसे मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह अलिखित अनुबंध है कि हमें प्रत्येक खिलाड़ी का सम्मान करना होगा, फिर चाहे वह कोई भी हो। कुछ खिलाड़ियों ने कुछ हिचक दिखाई लेकिन यह हमारी टीम का आचरण नहीं था।’’ अख्तर ने कहा, ‘‘ये सिर्फ एक या दो खिलाड़ी थे और इस तरह के खिलाड़ी दुनिया भर में हैं जो नस्ली टिप्पणी करते हैं। ’’ इस पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा कि वह तुरंत ऐसे खिलाड़ियों को रोकने के लिए सामने आए। उन्होंने कहा, ‘‘समाज के रूप में हमें समझना चाहिए कि ऐसा नहीं होना चाहिए। मैं इस समाज का हिस्सा हूं और मैंने ऐसा किया। मैंने उन्हें कहा कि अगर आप इस तरह बात करोगे (कनेरिया के धर्म को लेकर) तो मैं आपको बाहर फेंक दूंगा क्योंकि यह हमारी संस्कृति नहीं है।’’ अख्तर ने कहा, ‘‘एक देश के रूप में हम इस तरह के भेदभाव के विचारों को हावी नहीं होने दे सकते। हमने इसे वहीं रोक दिया। समाज के रूप में पिछले 10 से 15 साल में हमारे अंदर काफी सुधार आया है।’’ उन्होंने साथ ही कहा कि पाकिस्तान ने कभी कनेरिया को टीम से बाहर नहीं किया। अख्तर ने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने कभी दानिश कनेरिया को बाहर नहीं कया। उसे ईसीबी (इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड) के कारण बाहर किया गया। उसके साथ मैच फिक्सिंग का मुद्दा जुड़ा था और ईसीबी ने इसके लिए उसे सजा दी। पाकिस्तान ने उसके साथ कभी कुछ गलत नहीं किया।’’
रविवार, 29 दिसंबर 2019
नस्ली व्यवहार पाकिस्तान टीम की संस्कृति का हिस्सा नहीं : अख्तर
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