जमशेदपुर : सरयू राय का दावा, दिवालिया अर्थव्यवस्था सौंप रही है रघुवर सरकार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 28 दिसंबर 2019

जमशेदपुर : सरयू राय का दावा, दिवालिया अर्थव्यवस्था सौंप रही है रघुवर सरकार

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जमशेदपुर (प्रमोद कुमार झा) सरयू राय ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास को अपना पद छोड़ने से पहले यह बताना चाहिए कि मौजूदा दौर में राज्य की आर्थिक स्थिति कैसी है. इसके अलावा उनके कार्यकाल में कितनी सहायता राशि केंद्र सरकार से मिली और कितनी राशि वित्तीय संस्थानों से कर्ज और उधार के रूप में ली गई. मुख्यमंत्री रघुवर दास को उनके विधानसभा इलाके से हराने वाले निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि मौजूदा सरकार अगली सरकार को दिवालिया अर्थव्यवस्था सौंप रही है. राय ने राज्य की आर्थिक स्थिति को लेकर कार्यवाहक सीएम से सवाल पूछे हैं. शुक्रवार को उन्होंने कहा कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री को अपना पद छोड़ने से पहले यह बताना चाहिए कि मौजूदा दौर में राज्य की आर्थिक स्थिति कैसी है. इसके अलावा उनके कार्यकाल में कितनी सहायता राशि केंद्र सरकार से मिली और कितनी राशि वित्तीय संस्थानों से कर्ज और उधार के रूप में ली गई. इसके साथ ही 2015 से 19 के बीच पिछले 5 साल में राज्य के ऊपर कर्ज का कितना बोझ बढ़ा है. उन्होंने पूछा है कि सरकार ने कितना धन पीएल अकाउंट में जमा कर, खर्च दिखाया है. सरयू राय ने कहा कि दरअसल, राज्य सरकार का खजाना फिलहाल बिल्कुल खाली हो गया है और रोजाना के खर्चों की भरपाई के लिए वित्त विभाग को पैसे जुटाने में मुश्किल हो रही है. इतना ही नहीं राज्य के कर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है और हजारों करोड़ का भुगतान रुका हुआ है. उन्होंने कहा कि इस साल सरकार ने 80 हजार करोड़ का बजट बनाया था, जबकि उसकी क्षमता 60 हजार करोड़ से अधिक नहीं थी. इसी तरह 44 हजार करोड का योजना बजट बना जो कुछ महीनों के बाद घटाकर 33 हजार करोड़ कर दिया गया. उन्होंने कहा कि वस्तुस्थिति यह है कि 25 हजार करोड़ से अधिक योजना खर्च नहीं हो सकेगा. जो खर्च नहीं हो रहा है उसे ही अकाउंट में जमा कर खर्च बता दिया जा रहा है. सरयू राय ने कहा कि सबसे बड़ी बात है कि 2 दिन बाद आने वाली सरकार को मौजूदा सरकार एक दिवालिया अर्थव्यवस्था सौंप रही है. वर्तमान वित्त वर्ष के 3 महीने अभी बाकी है और सरकार टकटकी लगाए बैठी है कि केंद्रीय सहायता अकाउंट कब आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पद छोड़ने से पहले कार्यवाहक मुख्यमंत्री को इस बारे में श्वेत पत्र जारी करना चाहिए और बताना चाहिए कि राज्य की ऐसी वित्तीय स्थिति आखिर किन कारणों से हुई है ।

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