नयी दिल्ली, 21 जनवरी, कांग्रेस ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरुद्ध हो रहे प्रदर्शनों को लेकर केंद्र की चुप्पी पर हैरानी जताते हुए सरकार पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि धर्म के आधार पर नागरिकता देना संविधान के खिलाफ है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने मंगलवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस कानून को लेकर देश की जनता से असत्य बोल रहे हैं और भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों में इस कानून के क्रियान्वयन को लेकर भय है इसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन श्री मोदी और श्री शाह उनकी बात सुनने को तैयार ही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर पहली बार नागरिकता दी जा रही है जबकि संविधान में कहीं भी धर्म के आधार पर नागरिकता देने का कोई प्रावधान नहीं है। यही नहीं जब किसी क्षेत्र का भारत में विलय होता है तब भी धार्मिक भेदभाव के बिना वहां के लोगों को देश की नागरिकता दी जाती है। उन्होंने कहा कि धर्म को आधार बनाकर नागरिकता देने का उल्लेख संविधान में कहीं नहीं है। श्री सिब्बल ने सीएए को लेकर नौ विंदु उठाए और कहा कि सरकार सीएए से जुड़े इन सभी मुद्दों पर झूठ बोल रही है। सरकार कहती है कि एनआरसी पर उसने कहीं कोई बात नहीं की जबकि राष्ट्रपति के अभिभाषण में इसका उल्लेख है। इसी तरह से सरकार इस मुद्दे पर लगातार असत्य बोल रही है और भ्रम का माहौल पैदा कर रही है।
बुधवार, 22 जनवरी 2020
धर्म के आधार पर नागरिकता संविधान के खिलाफ : कांग्रेस
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