जामिया में एनएचआरसी ने अधिकारियों और छात्रों से की पूछताछ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 15 जनवरी 2020

जामिया में एनएचआरसी ने अधिकारियों और छात्रों से की पूछताछ

nhrc-inquiry-in-jamia-university
नयी दिल्ली, 14 जनवरी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पिछले दिनों छात्रों पर हुई बर्बर कार्रवाई को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार (एनएचआरसी) की टीम ने आज दूसरी बार विश्वविद्यालय का दौरा किया और वहां अधिकारियोें और विद्यार्थियों के साथ बातचीत की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया पुलिस उपाधीक्षक स्तर के एक अधिकारी के नेतृत्व में आयोग की टीम विश्वविद्यालय आयी और उन्होंने मौजूद 40 में से 25 छात्रों से पूछताछ की और उनके बयान लिखित तथा मौखिक तौर पर दर्ज किये। आयोग के सदस्यों ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों और अधिकारियोें से भी पूछताछ की और 15 दिसंबर को हुई पुलिस कार्रवाई के बारे में जानकारी हासिल की। आयोग की टीम के समक्ष छात्रों ने 15 दिसंबर की रात की घटना के बारे में विस्तार विरणा रखा। आयोग की टीम शेष छात्रों से पूछताछ करने के लिए कल फिर विश्वविद्यालय आएगी। वह कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों से भी पूछताछ करेगी। इसके अलावा यह टीम 16 और 17 जनवरी को भी विश्वविद्यालय आएगी और वस्तुस्थिति का पता लगाएगी। छात्रों ने आयोग की टीम के समक्ष कहा कि पुलिस ने लाइब्रेरी में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को बेरमहमी से पीटा। इससे पहले 20 दिसंबर को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी के नेतृत्व में मानवाधिकार आयोग की सात सदस्यीय टीम ने विश्वविद्यालय का दौरा किया था। गौरतलब है कि नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के बाद जामिया परिसर में घुसकर पुलिस ने लाइब्रेरी में तोड़फोड़ की थी तथा विद्यार्थियों के साथ मारपीट की थी। पुलिस की इस बर्बर कार्रवाई और नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ पिछले एक महीने से अधिक समय से विश्वविद्यालय परिसर के बाहर निरंतर आदोलन जारी है। 

कोई टिप्पणी नहीं: