लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधि की होती है महत्वपूर्ण भूमिका : ओम बिरला - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 16 जनवरी 2020

लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधि की होती है महत्वपूर्ण भूमिका : ओम बिरला

public-reperdsantative-important-in-democracy-om-birla
लखनऊ, 16 जनवरी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लोकतांत्रिक व्यवस्था में जन कल्याण के लिये जनप्रतिनिधियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुये कहा कि जनप्रतिनिधि को ही हर हाल में जनाकांक्षाओं पर खरा उतरना पड़ता है। श्री बिरला ने गुरुवार को यहां राष्ट्रमंडल संसदीय संघ, भारत क्षेत्र के सातवें सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि जनता के कल्याण के लिये लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधि की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सदन के सभी सदस्यों को भी ये अधिकार मिलना चाहिए कि, सरकार उनके विचारों को गंभीरतापूर्वक ले, जिससे जनता को वे जवाब दे सकें। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र हमारे राष्ट्र की आत्मा है। भारत लोकतंत्र के मूल्यों की स्थापना करते हुए विश्व का नेतृत्व कर रहा है। भारत का संविधान लोकतंत्र का रक्षक है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा, लोकसभा, विभिन्न राज्यों के विधानमण्डल, निर्वाचन के माध्यम से जनप्रतिनिधियों को चुनना यह सब हमारे लोकतंत्र का प्रतीक हैं। चुनावों में मतदान का प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है, जो दर्शाता है कि लोगों का विश्वास लोकतंत्र में बढ़ा है। इससे जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी भी बढ़ी है। उन्हें हर हाल में जनाकांक्षाओं पर खरा उतरना होगा, क्योंकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधि को उच्च स्थान प्राप्त है। उन्होंने कहा, संसद की समितियों की भूमिका लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके सदस्य अपने विचारों को व्यक्त करने और उन्हें सौंपे गए किसी भी मुद्दे पर अपना स्वतंत्र पक्ष रखते है। श्री बिरला ने कहा कि संसदीय गरिमा का पालन करते हुए जनप्रतिनिधियों को समाज के अंतिम व्यक्ति के जीवन में सुधार करने का प्रयास करना चाहिए। भारतीय संसदीय व्यवस्था प्राचीन व सम्पन्न रहीं हैं। उन्होंने सांसदों और विधायकों से आम लोगों के मुद्दों को उठाने का आह्वान किया ताकि लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत किया जा सके और जनता के मुद्दों को सुलझाया जा सके। उन्होंने कहा कि निर्वाचित सदस्य जब भी कोई मुद्दा उठाये तो सरकार का यह कर्तव्य है कि उसकी सुनवाई करे ताकि लोगों की समस्याओं का हल निकल सके। यह संसद और राज्य विधानसभाओं का कर्तव्य है कि वे सरकार के बजट की निगरानी करें और संसद समितियों के महत्व पर बल दें। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए विश्वविख्यात है। इस प्रदेश ने स्वतंत्रता आन्दोलन में देश का नेतृत्व किया। उत्तर प्रदेश ने देश को बड़ी संख्या में प्रधानमंत्री भी दिए। प्रदेश की राजधानी लखनऊ अपनी तहजीब के लिए जानी जाती है 

कोई टिप्पणी नहीं: