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सोमवार, 20 जनवरी 2020

सीएए के समर्थन में साधु-संतों की हुंकार, गांवों, शहरों में जाकर लोगों को जागरुक करेंगे

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नयी दिल्ली, 19 जनवरी, देश के साधु-संत समाज ने नागरिक (संशोधन) कानून का रविवार को पुरजोर समर्थन करते हुए इसके पक्ष में गांव-गांव और शहर-शहर जाकर अलख जगाने का एलान किया है। अखिल भारतीय संत समिति और सनातन हिंदू वाहिनी (पंजी) के संयुक्त तत्वावधान में आज मावंलकर आडिटोरियम में आयोजित सम्मेलन में देशभर से आए बड़ी संख्या में साधु-समाज ने खुलकर सीएए का समर्थन किया और अपने विचार रखे। समिति अध्यक्ष अविचलदास महाराज ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री की सीएए के लिए प्रशंसा करते हुए कहा कि आजादी के उपरांत पहली बार देश में ऐसी राष्ट्रभक्त सरकार आई है, जिसने पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान में प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने का अभूतपूर्व कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम का जहां पूरा देश अभिनंदन कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ तथाकथित मुस्लिम समुदाय इसका विरोध करके देश के हिंदू समाज को उकसा रहे हैं। अध्यक्ष ने कहा कि साधु-समाज सीएए का पुरजोर समर्थन करता है और देश की जनता को जागरुक करने के लिए संत समाज देश के गांवों और शहरों में जाकर जागरुक करेगा। सम्मेलन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत के अलावा जितेंद्रनांद, जगदगुरू शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम, धर्मदेव, आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद गिरि, महामंडलेश्वर नारायण गिरि, स्वामी अनुभूतानंद, नवल किशोर दास, ब्रम्हस्वरूप, स्वामी कैलाशानंद ब्रम्हचारी, स्वामी हरिचेतनानंद, स्वामी महादेव, स्वामी प्रबोधानंदजी, महंत रूपेंद्र प्रकाश, महंत रामदेव सिंह शास्त्री, महंत दामोदर दास, महंत दर्शन दास, महंत निर्मल दास, महंत रोहित गिरि, बाबा हठयोगी, महंत षिरवानंद, महंत गंगादास उदासीन और महंत विनोद गिरि महाराज सहित बड़ी संख्या में साधु-समाज के अन्य लोग शामिल हुए। महंत अवधूत ने कहा जब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री संसद में खुले तौर पर ऐलान कर चुके हैं यह कानून किसी की नागरिकता छीनने का नहीं बल्कि इसे देने के लिए बनाया गया है, इसके बावजूद तथाकथित मुस्लिम समुदाय और कुछ राजनैतिक दलों इसका विरोध कर अशांति और हिंसा करने में जुटे हैं। सरकार को इन राष्ट्रविरोधियों के खिलाफ अब कड़े कदम उठाने चाहिए। महामंत्री जितेंद्रानंद गिरि ने देश की अमन, शांति के लिए कांग्रेस और कम्युनिस्ट को कोढ़ की तरह बताया और कहा कि अब इनका इलाज जरूरी है। उन्होंने कहा कि जो लोग भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं, रास्ता रोककर आम नागरिक को परेशानी में डाल रहे हैं, ऐसे तत्वों की पहचान कर उन सभी के खिलाफ रासुका लगाकर शांति भंग करने के आरोप में त्वरित कार्रवाई किए जाने की जरूरत है। सम्मेलन में सीएए के समर्थन में एक प्रस्ताव भी पारित कर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को भेजा है। प्रस्ताव में सीएए का प्रबल समर्थन करते हुए कहा गया है कि दोनों नेता इसी प्रकार राष्ट्रहितों के कार्यों में जुटे रहें और संपूर्ण संत समाज और देश की राष्ट्रभक्त जनता उनके साथ है। उन्होंने कहा आज से संत और भक्त इस कानून के समर्थन में पूरे देश में जन जागरण अभियान प्रारंभ करेंगे। 

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