वैश्विक विश्व शांति पदयात्रा जय जगत 2020 - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 7 जनवरी 2020

वैश्विक विश्व शांति पदयात्रा जय जगत 2020

गांधीवादी विचार वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा को फलीभूत कर रहा हैबिहार से सन्नी कुमार पूरे एक साल के लिए पदयात्रा में शामिल हैं।    
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छिंदवाड़ा,07 जनवरी। वैश्विक विश्व शांति पदयात्रा जय जगत 2020 के सिलसिले में छिंदवाड़ा में पहुंचने पर मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ, एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पी.व्ही. एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष रन सिंह परमार ने संबोधित किया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि महात्मा गांधी के विचारों, आदर्शो एवं नीतियों के पालन से ही हमारा राष्ट्र एक सूत्र में बंधकर विकास कर सकता है। मुख्यमंत्री  कमल नाथ ने कहा है कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए गांधीवादी विचार ही वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा को फलीभूत कर रहा है। 'जय जगत यात्रा' से युवा पीढ़ी का जुड़ाव यह दर्शाता है कि गांधी जी के संदेश को देश ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व में प्रसारित करना वर्तमान समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि 'जय जगत यात्रा' में शामिल हुए विदेशी पदयात्री इसका अनूठा उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। उनका यह कार्य नई पीढ़ी को सीख प्रदान करेगा।  कमल नाथ छिंदवाड़ा में गांधी प्रवास शताब्दी शुभारंभ समारोह के अंतर्गत गांधी जी के प्रथम नगर आगमन के सभा-स्थल के सौंदर्यीकरण कार्य के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

गांधी जी का छिंदवाड़ा प्रवास
महात्मा गांधी 6 जनवरी 1921 को अली बंधुओं के साथ पहली बार छिंदवाड़ा आए थे। दोपहर में ग्रामीण महिलाओं की एक सभा को संबोधित करने के बाद शाम को उन्होंने गांधीगंज, जो उस समय चिटनवीसगंज के नाम से जाना जाता था, में आम सभा को संबोधित किया था। इस दौरान गांधी जी ने देश भक्ति की व्याख्या की, स्वदेशी और एकता का महत्व बताया और स्वराज प्राप्ति का उद्देश्य स्पष्ट किया। उनके प्रथम बार छिंदवाड़ा आगमन के बाद इस स्थल का नाम गांधीगंज पड़ा। मुख्यमंत्री  कमल नाथ ने कहा कि अफ्रीका प्रवास के दौरान उनकी मुलाकात एक देश के राष्ट्रपति से हुई। उनके कक्ष में गांधी जी की प्रतिमा का होना यह बता रहा था कि गांधी जी को भारत ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व आदर्श के रूप में मानता है।  कमल नाथ ने कहा कि जय जगत यात्रा का छिंदवाड़ा में आगमन होना भारतीय संस्कृति की इस नगरी के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिये गांधी जी का संदेश वर्तमान में और अधिक प्रासंगिक है। मुख्यमंत्री ने जय जगत यात्रा का नेतृत्व कर रहे  राजगोपाल एवं उनके गांधीवादी चिंतक पदयात्रियों की सराहना की।

प्रख्यात गांधीवादी चिंतक  राजगोपाल ने कहा
यात्रा को अपनी बुलंदियों पर पहुँचाने में सभी साथियों का सहयोग मिल रहा है। यात्रा के दौरान बच्चों, महिलाओं, युवाओं, बुजुर्गों का स्नेह प्राप्त हुआ है, जिससे यात्रा सफलतापूर्वक तय की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सत्य और अहिंसा के आदर्शों के समावेश के लिये छिंदवाड़ा जिला सबसे बेहतर मॉडल बन सकता है। जल पर्यटन के साथ अब शांति पर्यटन के लिए यह प्रदेश उपयुक्त प्रतीत होता है।  राजगोपाल ने कहा कि इस अवधारणा को मुख्यमंत्री  कमल नाथ के नेतृत्व में साकार किया जा सकता है।   सहयात्रियों ने यात्रा का उद्देश्य बताते हुए जानकारी दी कि जय जगत यात्रा की शुरूआत 2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी की समाधि राजघाट, दिल्ली से शुरू हुई है। राजघाट में प्रार्थना कर और वहाँ की पावन मिट्टी को कलश में आशीर्वाद स्वरूप लेकर भारत के अलग-अलग राज्यों और 15 अन्य देशों के 50 पदयात्री 365 दिन की पदयात्रा कर 10 देशों से होते हुए इस यात्रा का समापन 30 जनवरी को सेवा ग्राम वर्धा में करेंगे।

2 अक्टूबर 2020 को स्विट्जरलैंड, जिनेवा पहुँचेगी
यह यात्रा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 2 अक्टूबर 2020 को स्विट्जरलैंड, जिनेवा पहुँचेगी। महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी के 150वें जन्म शताब्दी वर्ष में यह यात्रा अहिंसा और न्याय के साथ-साथ गरीबी उन्मूलन, जलवायु संकट, असमानता हटाओ और युध्दरहित दुनिया के ध्येय के साथ चार मुद्दों को लेकर अक्टूबर 2020 में संयुक्त राष्ट्र से संवाद करेगी। यात्रा में अंतर्राष्ट्रीय पदयात्रियों में फ्रांस की सबसे कम उम्र की पदयात्री क्लेयर, फ्रांस से लैहौंज़, इज़ालिन, बैरोनिक स्पेन से डॉ.काबियर, न्यूज़ीलैंड से बेन, केन्या से सिडनी, स्विटजरलैंड से मिशेल आदि शामिल हैं। राष्ट्रीय पदयात्रियों में एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष  रणसिंह परमार, राजस्थान से जयसिंह जादौन, छत्तीसगढ़ से सीताराम स्वामी, मुरली दास पंत एवं निर्मला, झारखण्ड से चुन्नूलाल सोरेन, महाराष्ट्र से योगेश माथुरिया, जालंधर पश्चिम बंगाल से देबाशीष, बुन्देलखण्ड से संतोष सिंह, मध्यप्रदेश से सरस्वती उइके, शोभा तिवारी, कस्तूरी पटेल व कैलाश वास्तव, उत्तरप्रदेश से आशिमा बिश्नोई, भिण्ड से नीरू दिवाकर, बैंगलोर से रिया रेचल साइमन, केरल से अजित व बेंजी, छिंदवाड़ा से मुदित वास्तव, भोपाल से खुशबू चौरसिया, शाहबाज़ ख़ान तथा सतीश राज आचार्य, तमिलनाडु से श्रुति नायडू, गुजरात से पार्थ पटेल एवं बिहार से सन्नी कुमार पूरे एक साल के लिए पदयात्रा में शामिल हैं।   इस अवसर पर सांसद  नकुल नाथ, प्रभारी मंत्री  सुखदेव पांसे और पूर्व मंत्री  दीपक सक्सेना सहित विशिष्ट जन-प्रतिनिधियों द्वारा गांधी जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये गये। स्थानीय कलाकारों द्वारा भजन संध्या में गांधी जी के प्रिय भजनों का गायन हुआ।

कार्यक्रम में विधायक सर्व सुनील उईके, विजय चौरे, नीलेश उईके, सोहनलाल वाल्मीकि एवं सुजीत सिंह चौधरी, राज्य अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष  गंगा प्रसाद तिवारी और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष  विश्वनाथ ओक्टे सहित अन्य स्थानीय जन-प्रतिनिधि, मुख्यमंत्री के उपसचिव  अनुराग सक्सेना, मुख्यमंत्री के ओएसडी  संजय वास्तव तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक मौजूद थे।  मुख्यमंत्री  कमल नाथ स्थानीय कलाकारों द्वारा आयोजित भजन संध्या में भी शामिल हुए। कार्यक्रम में गांधी जी के संदेश को पूरे विश्व में फैलाने के लिए प्रख्यात गांधीवादी चिंतक  पी.व्ही. राजगोपाल के नेतृत्व में निकले जय जगत यात्रा के यात्रीगण विशिष्ट रूप से उपस्थित थे।  कमलनाथ ने यह विचार एकता परिषद के संस्थापक गांधीवादी नेता राजगोपाल पी.वी. के नेतृत्व में प्रदेश में गांधीवादी संस्थाओं के पदाधिकारियों द्वारा निकाली जा रही पदयात्रा के संदर्भ में कही। उन्होंने कहा कि गांधीजी के सर्वधर्म-समभाव, सद्भावना, एकता, अहिंसा एवं स्वराज की उनकी अवधारणा आज के संदर्भ में अधिक उपयोगी है। बताते चले कि यह 365 दिन की भारत सहित 10 देशों की पदयात्रा 2 अक्टूबर,2019 से राजघाट से प्रारंभ हो चुकी है। भारत में वे राजघाट से सेवाग्राम जिला वर्धा महाराष्ट्र तक की पदयात्रा कर रहे हैं। भारत में कुल 121 दिन की पदयात्रा में वे 90 दिनों तक मध्यप्रदेश में पदयात्रा करेंगे। पदयात्रा 11 जनवरी 2020 को बालाघाट जिले के रजेगांव से महाराष्ट्र में प्रवेश करेगी। मध्यप्रदेश में पदयात्रा के मार्ग में श्योपुर, मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, सागर, अशोकनगर, गुना, विदिशा, सीहोर, रायसेन, भोपाल,हरदा, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा के बाद सिवनी व बालाघाट जिले आएंगे। जय जगत 2020 के अंतरराष्ट्रीय समन्वयक जिल कैर-हैरिस हैं।

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