नयी दिल्ली, 18 जनवरी, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष योगानंद शास्त्री ने प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा के साथ वैचारिक मतभेदों के कारण पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। शास्त्री ने शनिवार को पीटीआई भाषा को बताया कि उन्होंने कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ताओं की पार्टी में उपेक्षा से व्यथित होकर कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको को अपना इस्तीफा भेज दिया है। शास्त्री ने दिल्ली विधानसभा के आगामी चुनाव के मद्देनजर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के नेताओं पर टिकट बेचने का आरोप लगाते हुये कहा, ‘‘प्रदेश कांग्रेस की कमान ऐसे व्यक्ति के पास है जो किसी का सम्मान नहीं करता है और ऐसे लोगों से घिरा है जो विधानसभा चुनाव के टिकट बेचने में लिप्त हैं।’’ चोपड़ा और चाको ने उनके इस कदम के बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया है। चाको ने संवाददाताओं से कहा, “मुझे शास्त्री का कोई इस्तीफा नहीं मिला है।” सुभाष चोपड़ा ने शास्त्री के आरोपों को “अतिगंभीर” बताते हुए इस्तीफे की जानकारी नहीं होने की बात कही है। हालांकि चोपड़ा ने बताया कि उन्होंने टिकट देने में अनियमितताओं को लेकर पार्टी के नेताओं को बार बार चेताया था। उन्होंने कहा, “मैंने पार्टी की बैठकों में कई बार कहा था कि यदि कोई टिकट के लिए पैसे की मांग करता है तो उसकी पिटाई करनी चाहिए। अब सबको तो टिकट नहीं मिल सकता है, ऐसे में जिन्हें टिकट नहीं मिल रहा वे आरोप तो लगाएंगे ही।’’ समझा जाता है कि महरौली विधानसभा सीट से पूर्व विधायक शास्त्री, इस चुनाव में टिकट नहीं मिलने की आशंका से नाराज चल रहे थे। वह महरौली सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहे शास्त्री, दिल्ली की सत्ता से 2013 में कांग्रेस के बाहर होने तक विधानसभा अध्यक्ष थे। शास्त्री के आरोपों पर चोपड़ा या प्रदेश कांग्रेस के किसी नेता ने फिलहाल कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है।
शनिवार, 18 जनवरी 2020
योगानंद शास्त्री ने दिया कांग्रेस से इस्तीफा
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