भदोही का नाम फिर होगा संत रविदासनगर : मायावती - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 9 फ़रवरी 2020

भदोही का नाम फिर होगा संत रविदासनगर : मायावती

bhadohi-will-be-ravidas-nagar-mayawati
लखनऊ 09 फरवरी, संत शिरोमणि रविदास की जयंती के बहाने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) पर परोक्ष रूप से जातिवादी राजनीति करने का आरोप लगाते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी की सरकार आने पर उत्तर प्रदेश के भदोही जिले का नाम फिर से बदलकर संत रविदासनगर रखा जायेगा। सुश्री मायावती ने कहा कि महान संतगुरु रविदास का ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ का मानवतावादी संदेश धर्म को तुच्छ राजनीतिक स्वार्थ के लिए नहीं बल्कि सामाजिक सेवा और जनचेतना के लिए प्रयोग करने का था जिसे वर्तमान में ख़ासकर शासक वर्ग ने भुला दिया गया है और यही कारण है कि देश विभिन्न समस्याओं से ग्रस्त है। संत रविदास ने अपना सारा जीवन इन्सानियत का संदेश देने में गुज़ारा और जाति भेद के ख़िलाफ आजीवन कड़ा संघर्ष करते रहे। उन्होंने कहा कि आज के संकीर्ण एवं जातिवादी दौर में उनके मानवतावादी संदेश की बहुत ही ज़्यादा अहमियत है और मन को हर लिहाज़ से वाकई चंगा करने की ज़रूरत है। वाराणसी में छोटी समझी जाने वाली जाति में जन्म लेने के बावजूद भी प्रभु-भक्ति के बल पर ब्रम्हाकार हुये। एक प्रबल समाज सुधारक के तौर पर वे हिन्दू समाज की कुरीतियों के ख़िलाफ और उसमें सुधार लाने का पुरज़ोर कोशिश करते रहे थे। बसपा प्रमुख ने कहा कि संतगुरू के आदर-सम्मान में एवं उनकी स्मृति को बनाये रखने के लिये बसपा सरकार ने उत्तर प्रदेश में जो कार्य किया उनमें संत रविदास के नाम पर भदोही ज़िले का नामकरण, संत रविदास की जन्म नगरी वाराणसी में संत रविदास पार्क एवं घाट की स्थापना, फैज़ाबाद में संतगुरू रविदास राजकीय महाविद्यालय का निर्माण, वाराणसी में ही संत रविदास की प्रतिमा की स्थापना, संत रविदास सम्मान पुस्कार की स्थापना आदि प्रमुख हैं। उन्होने कहा कि बसपा के सत्ता में आने पर भदोही ज़िले का नाम फिर से संत रविदास नगर रखा जायेगा, जिसे जातिवादी मानसिकता के तहत ही पिछली सपा सरकार ने बदल दिया है। 

कोई टिप्पणी नहीं: