नयी दिल्ली, 03 फरवरी, उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आतंकवाद को पूरी मानवता के लिए खतरा करार देते हुए सोमवार को कहा कि भारत की अखंडता और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता तथा देश के अंदरुनी मामलों में बाहरी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। श्री नायडू ने यहां एक कार्यक्रम को संबाेधित करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन भारत का पूरी तरह से अंदरुनी मामला है और इसमें किसी अन्य देश को हस्तक्षेप करने की जरुरत नहींं है। जम्मू कश्मीर के विभाजन से दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए गये हैं। इसका उद्देश्य दोनों क्षेत्रों का तेज गति से विकास करना है। उन्होेंने कहा कि भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित और संरक्षित है। भारतीय परंपरा के मूल में ऐसे मूल्य मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा और अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा ‘वसुधैव कुटुंबकम’ में विश्वास करती है और समस्त विश्व को एक परिवार मानती है। भारत की विदेश नीति इसी सिद्धांत पर चलती है। भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ शांति पूर्ण सह अस्तित्व पर भरोसा करता है। श्री नायडू ने कहा कि आतंकवाद का धर्म से कोई लेना देना नहीं है और यह पूरी मानवता का शत्रु हैं। आतंक को धर्म के साथ मिलाने से समस्या पैदा होती है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद समग्र समझौते पर अपनी वार्ता पूरी करनी चाहिए। इसका प्रस्ताव वर्ष 1996 में भारत ने पेश किया था। उन्होेंने कहा कि आतंकवाद के सभी रुपों को समाप्त करना विश्व समुदाय का कर्तव्य है।
सोमवार, 3 फ़रवरी 2020
अंदरुनी मामलों में हस्तक्षेप सहन नहीं करेगा भारत : नायडू
Tags
# देश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
देश
Labels:
देश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
संपादकीय (खबर/विज्ञप्ति ईमेल : editor@liveaaryaavart या वॉट्सएप : 9899730304 पर भेजें)

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें