झारखण्ड : बच्चे खतरों की खिलाड़ी बनकर खूब मनोरंजन लुटते हैं - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 8 फ़रवरी 2020

झारखण्ड : बच्चे खतरों की खिलाड़ी बनकर खूब मनोरंजन लुटते हैं

ऊपर में चढ़कर बच्चे डर को भगाते हैं और नीचे परिजनों का दिल सुपर फास्ट ट्रेन की रफ्तार की धकधक करता है।आखिर मां रूबी नेहा और बाप विनोद कुमार माइकल का स्नेह बच्चों जेनिफर वी.माइकल के साथ है
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पतरातू,19 जनवरी. पतरातू लेक रिसॉर्ट का पूर्व सीएम रघुवर ने किया था उद्घाटन। यह रांची से 40 किलोमीटर दूर पतरातू लेक रिसॉर्ट प्रकृति की गोद में बसा हुआ है।यहां पर्यटकों के लिए झूला, रेस्टोरेंट, मोटर बोट, पैरा ग्लाइडिंग की व्यवस्था है।पतरातू डैम के चारों ओर स्ट्रीट लाइट लगायी गई है, जिससे रात में यहां मनमोहन नजारा दिखता है।खतरों की खिलाड़ी बच्चे बनकर खूब मनोरंजन लुटते हैं।भविष्य में चैनल पर दिखायी दे सकते हैं।

पतरातू लेक रिसॉर्ट का पूर्व सीएम रघुवर ने किया था उद्घाटन
रांची से 40 किलोमीटर दूर पतरातू लेक रिसॉर्ट प्रकृति की गोद में बसा हुआ है। यहां पर्यटकों के लिए झूला, रेस्टोरेंट, मोटर बोट, पैरा ग्लाइडिंग की व्यवस्था है। पतरातू डैम के चारों ओर स्ट्रीट लाइट लगायी गई है, जिससे रात में यहां का नजारा मनमोहक होता हैरामगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास (CM Raghuvar Das) ने महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की 150वीं जयंती (150th Birth Anniversary) पर  पतरातू में लेक रिसॉर्ट (Patratu lake Resort) का उद्घाटन किया था। यह लेक 70 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ है। पूर्व सीएम ने यहां दूसरे फेज के 87 करोड़ के काम का शिलान्यास भी किया।जिस वर्तमान सीएम हेमंत सोरेन को पूरा करवाना है।  पतरातु को पर्यटन के लिहाज से डेवलप करना, उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था, जिसे महज 2 वर्ष के भीतर पर्यटन विभाग ने पूरा किया है। कुछ दिनों तक नि:शुल्क प्रवेश था अब 50 रू.शुल्क लिया जाता है।

पतरातू लेक रिसॉर्ट शहर की भीड़-भाड़ से दूर
पतरातू लेक रिसॉर्ट शहर की भीड़-भाड़ और कोलाहल से दूर एक ऐसा पर्यटक स्थल है, जहां बच्चे, बुजुर्ग, युवा व हर उम्र के लोग खुशी का अनुभव कर सकते हैं।यहां बच्चों के खेलने के लिए एक भव्य चिल्ड्रेन पार्क है। यहां के वाटर पार्क में विभिन्न प्रकार के वाटर स्पोर्ट्स, जैसे जेट स्कीइंग, हाई स्पीड मोटरबोट, पड़ले बोट, किश्ती और पैरासेलिंग का अनुभव किया जा सकता है।एम्यूजमेंट पार्क में वॉल क्लाइम्बिंग, बंजी जंपिंग, मल्टीलेयर्ड रोप कोर्स है।21 एकड़ में फैला हुआ पतरातू लेक रिसॉर्ट में “मुरल कलाकृति” से सजे प्रवेश द्वार, दीवार एवं स्तंभ, गोदना चित्रकला को पुनर्जीवित करते हैं। पतरातू लेक रिसॉर्ट को एक ओपन आर्ट गैलरी की तरह विकसित किया गया है। यहां देश के अलग-अलग राज्यों के 52 कलाकारों द्वारा बनायी गयी मुरल कलाकृतियां लगायी गयी हैं। इसके अतिरिक्त प्रसिद्ध शिल्पकारों द्वारा गढ़ी 16 मूर्तियां प्रस्तावित हैं। एक छठ घाट का भी निर्माण किया गया है।  सूर्यास्त का मनोरम दृश्य देखने के लिए नाव के जरिए पतरातू आइलैंड के सनसेट पॉइंट तक पहुंचा जा सकता है। सूर्यास्त देखने के लिए मचान भी बनाये गये हैं।हस्तकरघा और फैंसी वस्तुएं खरीदने के लिए दुकान एवं खान-पान के लिए रेस्टोरेंट की व्यवस्था की गयी है।पतरातू लेक रिसॉर्ट में बॉन फायर का आनंद लेने के लिए आठ ब्लॉक का कैंपिंग प्लिंथ एरिया बनाया गया है।सुबह और शाम की सैर के लिए डैम के उपर 3.5 किमी का प्रोमेनार्ड बनाया गया है, जहां शैलानी घूमते हुए प्रकृति का आनंद ले सकते हैं। पर्यटकों के ठहरने के लिए सुविधाओं से युक्त आधुनिक गेस्ट हाउस का निर्माण हुआ है। पर्यटक अपनी सुविधा अनुसार कमरे या डॉरमेट्री में प्रवेश कर सकते हैं।

मल्टीलेयर्ड रोप कोर्स है
पतरातू पार्क में बच्चे जोहर दिखाते हैं खतरों की खिलाड़ी बनकर।रस्सी के सहारे चलकर परिक्रमा करते हैं.यह कोई टी.वी.शो नहीं है और न ही टेस्ट ही हैं।तब भी दिल को मजबूत बनाने हेतु पचास रू.देकर करतब दिखाते हैं।ऊपर में चढ़कर बच्चे डर को भगाते हैं और नीचे परिजनों का दिल सुपर फास्ट ट्रेन की रफ्तार की धकधक करता है।आखिर मां रूबी नेहा और बाप विनोद कुमार माइकल का स्नेह बच्चों जेनिफर वी.माइकल के साथ है।

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