जयनगर/मधुबनी (अनुराग कुमार गुप्ता) कहते है कि जब हौसला बना लिया ऊंची उडा़न का फिर देखना फिजूल है कद आसमान का।डरना नही तु यहां किसी चुनौती से बस तुही सिकंद्र है सारे जहांन का ।जिहाँ अगर हौसला बुलंद हो और मेहनत कि लगन हो तो कोई भी काम असानी से किया जा सकता है। ये बिहार के मधुबनी जिला के जयनगर कमला बांध किनारे बसे गरीब परिवार के वह बच्चे है जिन्की मेहनत और लगन को प्रखा है खेल शिक्षक प्रमोद कुमार ने ।की किस तरह से ये बच्चे बालु के रेत पर अपनी भविषय की तलाश कर रही है।इनके चेहरे पर आई रौनक को देखकर आप समझ सकते है कि आने वाले यात्रा के लिए कितने एकसाइडीट है।प्रमोद कुमार ने सभी बच्चो को एक वर्ष से भाली बाँल खेल का प्रशिक्षण दे कर बिहार तक पहुंचा ने में अपनी भुमिका नीभाई है।और ये बच्चे नेशनल खेल मे जित कर अपने जिला और गावं का नाम रौशन किया है लेकिन सरकार द्बारा कोई ध्यान नही दिया जा रहा है।भारत कि भविषय उज्वल करने कि हो जब बात तो हम बच्चो के एलाबा किस्से करे गे शुरुयात। ये बच्चे ने की मेहनत दिन रात तो आज ये उडेंगे बादलो के साथ।आईए उन बच्चो से हम मिलबाते है।
मंगलवार, 25 फ़रवरी 2020
मधुबनी : गरीब बच्चों को कमला नदी के रेत पर बना रहे हुनरमंद
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