मधुबनी : कचड़ा प्रबंधन जागरूकता लाने के लिए नुक्कड़ नाटक टीम रवाना - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 15 फ़रवरी 2020

मधुबनी : कचड़ा प्रबंधन जागरूकता लाने के लिए नुक्कड़ नाटक टीम रवाना

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मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) जिला पदाधिकारी के द्वारा शनिवार को जिला अतिथिगृह, मधुबनी के परिसर से लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार के द्वारा ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल कचड़ा प्रबंधन हेतु में लोगों में जागरूकता लाने हेतु जागरूकता रथ एवं नुक्कड़ नाटक की टीम को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर उप-विकास आयुक्त, मधुबनी, श्री अजय कुमार सिंह, श्री रंजीत कुमार, जिला सलाहकार, आई0ई0सी0, सुश्री अमृता कुमारी, श्री अमृता भारती, प्रखंड समन्वयक, रहिका, श्रीमती रूबी कुमारी, प्रखंड समन्व्यक, पंडौल, श्री राकेश कुमार, प्रखंड समन्वयक, कलुआही समेत अन्य उपस्थित थे। इस अवसर पर जिला पदाधिकारी, मधुबनी के द्वारा बताया गया कि मधुबनी जिला के चार ग्राम पंचायतों यथा-बेनीपट्टी प्रखंड के ब्रह्मपुरा पंचायत, कलुआही के पुरसौलिया पंचायत, राजनगर के महिनाथपुर तथा बाबूबरही प्रखंड के घमौड़ा पंचायत का चयन लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के अंतर्गत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए किया गया है। लोगों में जनजागृति लाने के लिए ठोस एवं तरह अपशिष्ट प्रबंधन जागरूकता रथ, नुक्कड़ नाटक के कलाकारों द्वारा ठोस एवं तरह कचड़ा प्रबंधन पर आधारित लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया जायेगा। साथ ही नुक्कड़ नाटक के माध्यम से उक्त सभी पंचायतोें के वार्ड/टोलों में लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मधुबनी के उक्त पंचायतों को ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन द्वारा माॅडल पंचायत बनाने के लिए चयन किया गया है। इसके प्रचार रथ के माध्यम से गांव के लोगों को ठोस एवं तरल कचड़ा प्रबंधन के बारे में जानकारी दी जायेगी। ग्राम पंचायत द्वारा हर घर में हरा एवं नीले रंग के दो कूड़ेदान दिये जायेंगे। लोगों को घर से उत्पन्न होने वाले जैविक कचड़ा हरे कूड़ेदान में एवं अजैविक कचड़ा नीले कूड़ेदान में अलग-अलग रखने को कहा जायेगा। जैविक कचड़े से खाद एवं अजैविक कचड़े को रिसाईकल कर पुनः उपयोग करने हेतु लोगों को प्रेरित किया जायेगा। उन्हें यह भी बताया जायेगा कि कचड़ा व्यर्थ की चीजें नहीं बल्कि समाधान है, यह नजरिया विकसित किया जायेगा। कचड़े को अलग-अलग करने की तरकीब बताने एवं उनका प्रबंधन कर उचित निपटारा करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जायेगा। चयनित ग्राम पंचायतों में प्रत्येक वार्ड में दो स्वच्छता मित्र एवं प्रत्येक पंचायत में एक स्वच्छता सुपरवाईजर होंगे। प्रबंधन मुखिया पंचायत के क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष होंगे। कचड़ा प्रबंधन के अंतर्गत सबसे पहले ग्राम पंचायत में कचड़ की प्रकृति एवं मात्रा एवं समस्याओं के आकलन के लिए घर-घर सर्वे कर कार्ययोजना बनाई जायेगी। इसके आधार पर प्रखंड एवं जिला स्तर पर अनुमोदन के बाद राज्य को कार्ययोजना भेजी जायेगी। राज्य सरकार द्वारा आबादी के अनुसार कचड़ा प्रबंधन के लिए हर गांव को अलग से राशि भेजी जायेगी। ग्रामीणों को प्रत्येक घर के हिसाब से कचड़ा पृथक्करण के लिए हरा एवं नीले रंग के दो कूड़ेदान दिये जायेंगे। बैटरी रिक्सा या ठेले से द्वारा घर-घर कचड़ा संग्रह किया जायेगा। ग्राम पंचायत भूमि चिन्हित कर कचड़े के प्रबंधन के लिए प्रसंस्करण केन्द्र खोला जायेगा। यहां जैविक कचड़े से खाद बनाया जायेगा एवं अजैविक कचड़े को अलग-अलग श्रेणी में बांटकर रिसाईकल हेतु बेचा जायेगा। प्रथम चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर उक्त पंचायतों में कार्य प्रारंभ किया जायेगा साथ ही चरणबद्ध तरीके से अन्य ग्राम पंचायतों में भी कार्य प्रारंभ किया जायेगा, जिससे कि समुचित अपषिष्ट प्रबंधन से ग्राम पंचायत को स्वच्छ एवं सुंदर तथा लोगों एवं पंचायतों के द्वारा कचड़ा प्रबंधन के माध्यम से आमदनी भी की जा सकें।

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