कर्नाटक को हराकर बंगाल 13 साल बाद रणजी ट्राफी फाइनल में - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 4 मार्च 2020

कर्नाटक को हराकर बंगाल 13 साल बाद रणजी ट्राफी फाइनल में

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कोलकाता, 3 मार्च, तेज गेंदबाज मुकेश कुमार ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए छह विकेट चटकाए जिससे बंगाल ने रणजी ट्राफी सेमीफाइनल के चौथे दिन मंगलवार को यहां कर्नाटक को 174 रन से हराकर 13 साल में पहली बार रणजी ट्राफी फाइनल में जगह बनाई। मुकेश ने 61 रन देकर छह विकेट चटकाए जिससे 352 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए कर्नाटक की टीम दूसरी पारी में 55 .3 ओवर में 177 रन पर ढेर हो गई। बंगाल की ओर से इशान पोरेल और आकाश दीप ने भी दो-दो विकेट चटकाए। कर्नाटक की टीम आज तीन विकेट पर 98 रन से आगे खेलने उतरी और टीम ने सुबह के सत्र में 16 . 3 ओवर में 79 रन जोड़कर बाकी बचे सात विकेट भी गंवा दिए। बंगाल ने अपना पिछला रणजी खिताब 1989-90 में सौरव गांगुली के पदार्पण सत्र के दौरान जीता था जबकि टीम ने पिछली बार 2007 में फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन फाइनल में उसे मुंबई ने 132 रन से हरा दिया था। फाइनल में बंगाल का सामना गुजरात और सौराष्ट्र के बीच राजकोट में चल रहे एक अन्य सेमीफाइनल के विजेता से होगा। फाइनल नौ मार्च से खेला जाएगा लेकिन बंगाल की टीम को यह मैच विरोधी टीम के मैदान पर खेलना होगा। बंगाल ने साथ ही कर्नाटक को खिताब की तिकड़ी बनाने से भी रोक दिया। कर्नाटक ने हाल में घरेलू एकदिवसीय (विजय हजारे ट्राफी) और टी20 टूर्नामेंट (सैयद मुश्ताक अली ट्राफी) जीता था। टीम इससे पहले 2014-15 में लगातार दूसरी बार खिताबी तिकड़ी बनाने में सफल रही थी। मुकेश ने दिन के तीसरे ओवर में ही मनीष पांडे (12) को श्रीवत्स गोस्वामी के हाथों विकेट के पीछे कैच कराया और फिर अगले ओवर में केवी सिद्धार्थ (00) और एस शरत (00) को लगातार गेंदों पर पवेलियन भेजकर कर्नाटक की वापसी की उम्मीद खत्म की। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे देवदत्त पडिक्कल ने 62 रन की पारी खेली लेकिन कर्नाटक को लगातार तीसरे साल सेमीफाइनल में हार से नहीं बचा पाए। मुकेश ने उन्हें गोस्वामी के हाथों कैच कराके 21 प्रथम श्रेणी मैचों में चौथी बार पारी में पांच या इससे अधिक विकेट चटकाए। उन्होंने 129 गेंद की अपनी पारी में सात चौके मारे। इसके बाद कर्नाटक की पारी को सिमटने में अधिक समय नहीं लगा। बंगाल की ओर से मैच में सभी 20 विकेट तेज गेंदबाजों ने चटकाए।

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