नयी दिल्ली 02 मार्च, कांग्रेस ने दिल्ली में हाल में भड़की हिंसा के लिए भारतीय जनता पार्टी काे जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि उसके नेताओं के भड़काऊ भषणों के कारण यह हिंसा हुई और इसमें जान माल का भारी नुकसान हुआ है इसलिए इस मुद्दे पर संसद में चर्चा आवश्यक है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि इस केंद्र सरकार का रवैया बहुत निराशाजनक रहा है। ऐसा लगता कि सरकार जैसे चाहती थी कि जितना मरते हैं मरने दो और कोई कदम सरकार की तरफ से दंगे रोकने के लिए नहीं उठाए जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि इन दंगों के पीछे सरकार का सीधा हाथ रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि केंद्र सरकार, स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने दंगे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। जहां आग लगी थी वहां लगती रही और केंद्र सरकार ने दंगा रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया है। इससे साफ है कि इन दंगों के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा कि राजधानी में भीषण और गंभीर हिंसा हुई जिसके कारण परिस्थिति बहुत खराब हुई है। हिंसाग्रस्त क्षेत्रों से अभी भी शव बरामद किए जा रहे हैं। यह दंगे किसने फैलाए और इसके लिए जिम्मेदार कौन है, इस बारे में सदन में चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को इस बारे में संसद में अपनी बता रखनी चाहिए। पार्टी इसी मुद्दे पर सदन में बात करना चाहती है लेकिन सरकार कांग्रेस की बात को नहीं सुना जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है। बार-बार सदन को स्थगित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दुखद बात यह है कि कांग्रेस की केरल एक सांसद के खिलाफ सदन में अत्याचार हुआ है। उन्होंने कहा कि जब सदन में ही इस तरह की घटना हो रही है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाहर क्या स्थिति होगी।
मंगलवार, 3 मार्च 2020
दिल्ली हिंसा के लिए केंद्र जिम्मेदार, संसद में हो चर्चा : कांग्रेस
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