दिल्ली हिंसा पर चर्चा के लिए राज्यसभा में बनी सहमति - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 4 मार्च 2020

दिल्ली हिंसा पर चर्चा के लिए राज्यसभा में बनी सहमति

rajyasabha-agree-for-delhi-violance-debate
नयी दिल्ली 03 मार्च, दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराने पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच राज्यसभा में आज सहमति बन गयी, लेकिन सभापति एम. वेंकैया नायडू से मंजूरी मिलने के उपरांत ही बुधवार को इस पर चर्चा शुरू होगी। सदन में आज विपक्षी सदस्यों ने हिंसा की घटनाओं पर तत्काल चर्चा कराने की माँग की, लेकिन सत्ता पक्ष इस पर राजी नहीं हुआ जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। विपक्ष के हँगामे के कारण शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया और सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक स्थगित हो गयी। भोजनावकाश के बाद एक बार फिर सदन की कार्यवाही स्थगित की गयी और अपराह्न तीन बजे जब दुबारा कार्यवाही शुरू हुई तो सत्ता पक्ष ने कहा कि वह सदन में राजधानी में पिछले दिनों हुई हिंसा पर चर्चा कराने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्षी सदस्य तत्काल चर्चा कराने की माँग कर रहे थे। तब उपसभापति हरिवंश ने कहा कि वह इस संबंध में सभापति श्री नायडू से बात करेंगे और कल सुबह ही इस मुद्दे पर चर्चा शुरू हो जायेगी। इससे पहले विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि दिल्ली की हिंसा को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है और हम यहाँ सदन में इस बात पर चर्चा नहीं कर पा रहे हैं। उनका कहना था कि चर्चा तो अभी ही होनी चाहिये क्योंकि बाद में चर्चा कराने का कोई अर्थ नहीं रह जायेगा। उन्होंने कहा कि हम इस घटना की निंदा करते हैं और देश की संसद अगर चर्चा नहीं करती है तो बहुत अटपटा लगेगा। उनका कहना था कि हिंसा में मारे गये लोग किसी भी धर्म के हों, वे इंसान थे। उनमें 90 फीसदी लोग 24 से 35 वर्ष की आयु के थे। हम चाहते हैं कि ऐसी घटना दुबारा न हो। हमें आपस में लड़ना नहीं है। हम तो हजारों साल से साथ रहते आये हैं, प्यार और मोहब्बत के साथ और हमें साथ रहना है। अगर हम एक सप्ताह बाद चर्चा करेंगे तो उसका कोई मतलब नहीं रह जायेगा क्योंकि जब सिर में दर्द होता है तभी हमें दवा खानी चाहिये। एक सप्ताह के बाद दवा खाने से कोई फायदा नहीं, इसलिए इस मुद्दे पर कल चर्चा होनी चाहिये। सदन के नेता थावरचंद गहलोत ने भी कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन इसका समय सभापति को तय करना है। हम चर्चा से भाग नहीं रहे हैं। इसके बाद उपसभापति हरिवंश ने कहा कि सभापति से बात करके चर्चा के लिए दिन तय किया जायेगा। सदन में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा का कहना था कि जब नेता प्रतिपक्ष और सदन के नेता का एक ही मत है तो सभापति से पूछने की क्या जरूरत है। इस पर भारतीय जनता पार्टी के नेता भूपेंद्र ने कहा कि सभापति को नियम एवं प्रक्रिया 58 के तहत निर्णय लेने का अधिकार है, इसलिए इस मामले में सभापति पर दबाव नहीं डाला जा सकता। विपक्षी सदस्यों का कहना था कि अगर सदन में अभी चर्चा शुरू नहीं होती है तो अन्य कामकाज न निपटाया जाये और सदन की कार्यवाही को अभी स्थगित कर दी जाये। इस पर उपसभापति हरिवंश राजी हो गये और उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।  

कोई टिप्पणी नहीं: