दरभंगा (आर्यावर्त संवाददाता) आज ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित वेबीनार सीरीज का पांचवां व्याख्यान सुश्री सुहासिनी सिंह (सहायक प्राध्यापिका, महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बस्ती, उत्तर प्रदेश) द्वारा "महिलाओं एवं बालिकाओं के संदर्भ में भारत में विकलांगों की शिक्षा एवं सशक्तिकरण" विषय पर दिया गया इसके अंतर्गत उन्होंने क्रमिक रूप से शिक्षा तथा सशक्तिकरण संबंधी व्यवस्था तथा नीतियों के बारे में विस्तार से बताया । आगे उन्होंने इन नीतियों को समय-समय पर क्यों और कैसे बदला गया, इससे संबंधित तथ्यों पर प्रकाश डाला। सुश्री सुहासिनी ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को हर दूसरे व्यक्ति से चाहे वह जैविक, सामाजिक, आर्थिक आदि स्तरों पर अंतर रखता हो उसके प्रति संवेदनशील व्यवहार करने की आवश्यकता है। उन्होंने समावेशी विकास की नीतियों पर मुख्यतः प्रकाश डाला एवं समावेशी व्यवस्था के महत्व को बताया। इस व्याखान के अंत में उन्होंने ने छात्र/ छात्राओं के प्रश्नों के उत्तर दिए। इस वेबीनार सीरीज का आयोजन प्रोफेसर विनोद कुमार चौधरी निर्देशानुसार सहायक प्रध्यापिका डॉ सारिका पांडे तथा लक्ष्मी कुमारी के द्वारा किया जा रहा है। आज के व्याख्यान का संचालन डॉ शंकर कुमार लाल द्वारा किया गया। प्रो विनोद कुमार चौधरी ने इस अवसर पर कहा कि समाज के प्रत्येक सदस्य का यह दायित्व बनता है, कि वह दिव्यांग जनों के सामाजिक समावेश में अपना पूर्ण सहयोग दे, जिससे समाज में उनके समक्ष उत्पन्न चुनौतियों पर विजय प्राप्त किया जा सके। इस वेबीनार में समाजशास्त्र विभाग के द्वितीय तथा चतुर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थियों के साथ शोध छात्र/छात्राओं की सहभागिता रही।
मंगलवार, 28 अप्रैल 2020
दरभंगा : समावेशी नीतियां, दिव्यांग महिलाओं के विकास में सहायक
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