बिहार : अब बच्चों का नाम कोविड व कोरोना भी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

बिहार : अब बच्चों का नाम कोविड व कोरोना भी

भारत समेत पूरे विश्व में इस समय कोविड - 19 वायरस का प्रकोप है।एक तरफ कई देशों में लॉकडाउन करके इस कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने की कोशिश की जा रही है।वहीं, वैज्ञानिक इस बीमारी की दवाई की खोज में लगे हैं।इस बीच बिहार के गया के एक दंपती ने अपने पहले बच्चे का नाम ही कोविड  रखने का फैसला किया है.....
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पटना,07 मार्च। भले ही संसार भर के वैज्ञानिक मिलकर कोविड-19 को परास्त कर देने वाली दवाई खोजने में लगे हैं पर गया कि एक दम्पति ने बच्चे का नाम खोजकर कोविड रख दिया।वहीं उत्तर प्रदेश का रहने वाला दंपति ने जुड़वा बच्चों का नाम लड़का का कोविड और लड़की का नाम कोरोना रख दिया है। इस तरह का नामकरण करके लालू-राबड़ी याद आ गए। बड़की बेटी का नाम मीसा रख दिया था। इस घटना ने आपातकाल (Emergency) के दौर में बेटी होने पर लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) द्वारा उसका नाम मीसा (Misa) रखने याद ताजा हो गई है। उन दिनों लालू मीसा (Maintenance of Internal Security Act) के तहत जेल में बंद थे। बहलहाल कोच प्रखंड के बरगांव निवासी मनीष कुमार की पत्नी प्रियांजली कुमारी को शुक्रवार को अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल (ANMMCH) में एक बेटे को जन्म दिया। बच्चे के जन्म के दौरान घर से लेकर अस्पताल तक में कोरोना और कोविड-19 की ही चर्चा होती रही। इसलिए इस दंपती ने प्रेरित होकर अपने बच्चे (बेटा) का नाम कोविड रखने का फैसला किया है। अपने पहली संतान का नाम कोविड रखने को लेकर पिता मनीष ने बताया बच्चे के जन्म से पहले उनके मन में कोरोनाको लेकर उपजे हालात को लेकर कई तरह की चिंता थी। घर से अस्पताल तक आने में भी कई तरह की परेशानी उठानी पड़ी, पर जब अस्पताल में उसे स्वस्थ बच्चे का जन्म हुआ तो उनके परिवार की सारी परेशानी और चिंता दूर हो गयी। इस विपरीत परस्थिति में मिली खुशी को यादगार बनाने के लिए उन्होंने अपने बच्चे का नाम कोविड रखने का फैसला किया है। मनीष एक निजी कंपनी में सर्वेयर काम काम करते हैं और यह उनकी पहली संतान है। पहली संतान को पाकर वे और उनकी पत्नी के साथ ही समूचे परिवार के सभी सदस्य काफी खुश और उत्साहित हैं। बच्चे का जन्म कोविड रखने की सहमति परिवार के सभी सदस्यों ने भी दे दी है। इस महामारी की गंभीरता की चर्चा करते हुए मनीष ने सभी देशवासियों सरकार के गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है। वहीं मनीष के रिश्तेदार धीरज ने बताया कि आज कोरोना से डरने के बजाय सतर्क रहने की जरूरत है।लोगों में जागरूकता को लेकर ही उनके परिवार वालों ने परिवार के नये सदस्य का नाम कोविड रखा है। कोरोना महामारी को लेकर जारी लॉकडाउन में जन्म लेने वाले बच्चें का नाम केविड रखने के बाद कुछ लोगों को आपातकाल की याद ताजा हो गयी। दरअसल आपातकाल के दौरान मीसा कानून के तहत तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा विरोधियों के पकड़कर जेल मे बंद किया जा रहा था। इस कानून के विरोध के रूप में उस समय के छात्र नेता रहे और बाद में बिहार के सीएम एवं देश के रेलमंत्री बने लालू प्रसाद यादव ने इस कानून का विरोध करने के लिेए अपनी पहली संतान का नाम ही मीसा रख लिया था। बता दें कि तत्‍कालीन प्रधानमंत्री ने देश में आंतरिक सुरक्षा व्‍यवस्‍था अधिनियम (Maintenance of Internal Security Act) लागू किया था। इस विवादास्‍पद कानून को संक्षेप में मीसा कहा जाता है। इस कानून के तहत उस वक्‍त आपातकाल के विरोध में जारी जयप्रकाश आंदोलन से जुड़े तत्‍कालीन छात्र नेता व वर्तमान में राष्‍ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को भी जेल में रखा गया था। लालू जब जेल में थे, उन्‍हें पहली संतान के रूप में बेटी हुई। तब उन्‍होंने उसका नाम मीसा कानून की याद में मीसा रख दिया। वही मीसा आज राज्‍यसभा सदस्‍य मीसा भारती हैं। पंजाब केसरी के अनुसार वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने दुनिया भर में तबाही मचा रखी है। बेशक कोविड-19 महामारी ने दुनिया के लोगों को घुटनों पर ला दिया है,मगर छत्तीसगढ़ में एक पति पत्नी ने इस बीच कुछ ऐसा कर दिखाया जिससे हर कोई हैरान रह गया है। जी हां दरअसल कोरोना वायरस के बीच महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया है। अब इस कपल ने जुड़वा बच्चों को नाम करोना और कोविड रख दिया । वैसे तो इन दो शब्दों ने दूसरें के मन में खौफ और तबाही पैदा कर दी है। मगर यह दंपत्ति ऐसे हैं जिन्होंने हमेशा- हमेशा के लिए इन शब्दों को अपने जीवन में अपना लिया है। बता दें कि इन जुड़वा बच्चों का जन्म कोरोना वायरस के दौरान लॉकडाउन में  26 -27 मार्च की रात को रायपुर के एक सरकारी अस्पताल में हुआ है।  नवजात बच्चों की मां प्रीति वर्मा ने बताया 27 मार्च को हमारे घर एक लड़का और लड़की का जन्म हुआ है। जिसमें से बेटे का नाम हमने कोविड और बेटी का नाम कोरोना रखा है। उन्होंने आगे बताया कि डिलीवरी के समय बहुत मुश्किलों का सामना करने के बाद मैंने अपने दोनों बच्चों को जन्म दिया है  इसलिए मैं और मेरे पति इस पल को यादगार बनाना चाहते थे।  नवजात शिशुओं की मां ने कहा बेशक यह वायरस खतरनाक और जानलेवा है, लेकिन इसके प्रकोप ने लोगों को स्वच्छता और कई सारी अच्छी आदतें जीवन में अपनाने को मजबूर का दिया है। इसके बाद ही मेरे पति और मैंने इस बारे में बहुत सोचा,लेकिन जब अस्पताल के कर्मचारियों ने भी बच्चों को कोरोना और कोविड  बुलाना शुरू किया, तो इसके बाद फिर हमने भी आखिरकार इस महामारी के बाद उनका नाम का चयन किया। हालांकि दम्पति का कहना है यह आगे अपना फैसला बदल भी सकते हैं और अपने जुड़वा बच्चों का नाम बदल सकते हैं। इस वक्त आतंक के पर्याय बने कोरोना वायरस छत्तीसगढ़ में भाई-बहन बनकर सामने आया है। अब ऐसे में इस दंपति ने कोविड-19 और कोरोना को भी बहन भाई बना दिया। जब इस दंपत्ति से बातचीत की गई तब बच्चों के माता-पिता ने बताया अभी सभी लोगों के दिलों दिमाग में कोरोना डर पैदा हो रखा है। ऐसे में लोगों में कोरोना का खौफ खत्म करने के लिए बेटे का नाम कोविड-19 और बेटी का नाम कोरोना रखने का फैसला किया है। वहीं सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इसका समर्थन किया तो वहीं कुछ लोगों ने इसकी आलोचना भी करी है। बता दें कि इन जुड़वा बच्चों में एक बच्चे का वजन 2.9 किलोग्राम और दूसरे बच्चे का वजन 2.7 किलोग्राम है।  मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला यह दंपति राज्य की राजधानी के पुरानी बस्ती इलाके में किराए के मकान में रहता है। जुड़वा बच्चों का जन्म डॉ. बीआर अंबेडकर मेमोरियल अस्पताल में हुआ। फ़िलहाल मां और नवजात शिशुओं को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। मां और बच्चे की स्वास्थ्य अच्छी है।

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