लॉकडाउन में सामंती-अपराधियों का बढ़ा मन.
पटना 13 अप्रैल, भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल और पोलित ब्यूरो सदस्य व खगडि़या जिले के प्रभारी राजाराम सिंह ने संयुक्त बयान जारी करके विगत 11 अप्रैल को खगडि़या सीपीआईएम की जिला कमिटी के सदस्य व मैघौना पंचायत के पूर्व मुखिया कॉमरेड जगदीश चंद्र बसु की हत्या की कड़ी निंदा की है. माले नेताओं ने बताया कि लॉकडाउन के उपरांत पूरे बिहार में सामंती-अपराधियों का मनोबल सर चढ़कर बोल रहा है. कहीं वे दलितों पर हमले कर रहे हैं, कहीं मुसलमानों पर और अब वे अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाना बना रहे हैं. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज कोरोना महामारी व लॉकडाउन से उत्पन्न गंभीर समस्याओं का एकजुट होकर मुकाबला करने की बजाए सामंती-अपराधियों ने इसे दलितों, मुसलमानों व अपने राजनीतिक विरोधियों पर हमले का लाइसेंस समझ रखा है. इस बाबत हमने पहले भी बिहार के मुख्यमंत्री को आगाह किया था, लेकिन सरकार इसपर कोई ध्यान नहीं दे रही है. यह बहुत ही चिंताजनक है. घटना की जानकारी के मिलने के उपरांत भाकपा-माले खगडि़या के जिला सचिव अरूण दास ने पूरे मामले की जानकारी ली थी. उन्होंने बताया कि जगदीश चंद्र बसु की हत्या 11 अप्रैल को उस वक्त की गई जब वे कोरोना महामारी से निपटने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाकर घर लौट रहे थे. रास्ते में घात लगाए अपराधियों ने अंधाधुंध गोलियां चलाकर उनकी हत्या कर दी. भाकपा-माले कॉ. बसु के परिवार के प्रति पूरी संवेदना व्यक्त करती है. बिहार सरकार से मांग करती है कि सभी अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए, मृतक आश्रितों को 10 लाख का मुआवजा दिया जाए और ऐसी घटनाओं पर अविलंब रोक लगाई जाए. भाकपा-माले के स्थानीय नेताओं पिंकु दास, अरूण मंडल, मिस्टर आलम, रौशन कुमार के अलावा दर्जनों माले नेताओं ने दिवंगत कॉमरेड को श्रद्धांजलि संदेश भेजा.
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