पटना,11 अप्रैल। कोरोना वायरस के चलते धार्मिक स्थानों में सामूहिक प्रार्थना करने पर पाबंदी लगा दिया गया है। ईसाई समुदाय ने भी बड़ी विनम्र से पाबंदी को पालन किया। कभी विश्वासियों से खचाखच भर जाने वाले गिरजाघर अभी सुनसान हो गया है,केवल खुदा ही रहते हैं और ह्दय से भक्तों का आस्था ही है। एक अखबार ने कुर्जी पल्ली के प्रेरितों की रानी चर्च की तस्वीर को जगह दी थी जो वर्तमान परिस्थिति के आलोक में प्रासंगिक जान पड़ा। जो गुड फ्राइडे का एकदिनी लाभ को शनिवार को धो डाला गया । अपरिपक्वता के कारण चर्च को सिरिंज बल्ब से नहा दिया गया। जो साबित करना है कि कथनी और करनी में कितना विरोधाभास है। इसको देखकर राजन क्लेमेंट साह आश्चर्य में पड़ गये। किसी भी भक्त को सजावट पच नहीं रह रहा है। आखिर यह बर्बादी क्यों? आगे कहते हैं कि डेकोरेसन ना कर के यह पैसा गरीब ईसाइयों के भोजन मे दिया जाता तो अच्छा होता । देश में 242 और प्रदेश में 1 मरीज की मौत हो गयी है।
रविवार, 12 अप्रैल 2020
बिहार : यह क्या कर दिये हैं पादरी साहब?
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