बिहार : हड़ताली शिक्षक भी अब यूँ मौन होकर मरते नहीं रहेंगे। - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 18 अप्रैल 2020

बिहार : हड़ताली शिक्षक भी अब यूँ मौन होकर मरते नहीं रहेंगे।

गर सरकार अपने जिद्द पर अड़ी रही तो 
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अरुण शाण्डिल्य (बेगूसराय) 5 मई को बिहार के हड़ताली शिक्षक राजभवन का घेराव करेंगे।बिहार में जहाँ कोरोना वैश्विक महामारी के कारण बिहार के एक व्यक्ति की मौत होने के बाद प्रशासन के हाथ पाँव फूल रहे हैं।वहीं बिहार के चार लाख शिक्षक 17 फरवरी से हड़ताल पर डटे हुए हैं और इस बीच पूरे बिहार के लगभग 50 शिक्षकों का असामयिक निधन वेतन के अभाव में समुचित इलाज नहीं करवा पाने के कारण एवं सरकार के द्वारा दमनात्मक कार्रवाई किए जाने के कारण हृदयाघात के साथ भुखमरी से हो गया है।उसके बाद भी बिहार सरकार विगत 60 दिनों से अपने अड़ियल रवैये पर अड़ी हुई है और शिक्षक संघ से वार्ता करके हड़ताल को समाप्त करने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं कर रही है।प्रधानमंत्री द्वारा लॉक डाउन के कारण सभी सरकारी एवं निजी संस्थान से बार बार अनुरोध किया जा रहा है कि सभी सरकारी एवं निजी संस्थान के लोग अपने कर्मचारियों का वेतन नहीं रोकें। प्रतिमाह अपने सभी कर्मचारियों का वेतन दें चाहे वे उपस्थित हों अथवा अनुपस्थित हों भुगतान करते रहें। फिर भी जदयू,भाजपा एवं लोजपा के गठबंधन की इस सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है और विगत फरवरी 2020 से ही इस सरकार द्वारा सभी नियोजित शिक्षकों का वेतन भुगतान बंद किए हुए है।उक्त जानकारी बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के संयुक्त सचिव मो० इरफान ने बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर -17 अप्रैल को पूर्वाह्न 11:00 बजे से 11:02 बजे तक 2 मिनट तक सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए अपने अपने घरों में सभी 50 शिक्षकों के दिवंगत आत्मा की शांति के लिए मौन धारण कार्यक्रम के तहत तेघड़ा प्रखंड के लगभग 750 शिक्षकों द्वारा मौनधारण कार्यक्रम में सम्मिलित होने की सूचना दी।प्रखंड अध्यक्ष चंदन कुमार ने बताया कि पिछले 60 दिनों से सूबे बिहार के शिक्षक हड़ताल पर हैं और माननीय शिक्षा मंत्री हड़ताल तोड़ने हेतु पहल करने के बजाए शिक्षकों के साथ कूटनीतिक दांंवपेंच का खेल खेलते जा रहे हैं और शिक्षकों को व्हाट्सएप एवं ई मेल के माध्यम से हड़ताल से वापस आने की अपील कर रहे हैं जोकि हास्यास्पद प्रतीत होता है।शिक्षा मंत्री को विडिओ कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षक संगठनों से वार्ता करना चाहिए ना कि कूटनीति का पाठ पढ़ाने वाले शिक्षकों के साथ कूटनीतिक दांंव खेलना चाहिए।चंदन कुमार ने प्रखंड के सभी शिक्षकों से अपनी मांगों की पूर्ति तक हड़ताल पर डटे रहने का आह्वान किया है।प्रखंड सचिव सूरज कुमार पासवान ने बताया कि यदि लाक डाउन की समाप्ति अर्थात 3 मई तक सरकार के द्वारा शिक्षक संगठनों से वार्ता करके हड़ताल समाप्त नहीं करवाया जाता है तो 5 मई को सभी हड़ताली शिक्षक राजभवन मार्च करेंगे।

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