विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 01 अप्रैल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 1 अप्रैल 2020

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 01 अप्रैल

सोशल डिस्टेन्सिग का पालन करें

vidisha news
कलेक्टर डॉ पंकज जैन और पुलिस अधीक्षक श्री विनायक वर्मा ने बुधवार को संयुक्त रूप से बासौदा ओर सिरोंज अनुविभाग क्षेत्र का भ्रमण कर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु किए गए प्रबंधो का जायजा लिया। कलेक्टर डॉ जैन ने बासौदा एवं सिरोंज की सिविल हास्पिटल में पहुंचकर आइसोलेशन वार्डो में किए जाने वाले प्रबंधो का मौके पर मुआयना किया और चिकित्सकों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए है। कलेक्टर डॉ जैन ने बासौदा एवं सिरोंज के बाजारों का भ्रमण कर सोशल डिस्टेन्सिग के अनुपालन हेतु जारी दिशा निर्देशों का जायजा लिया है। उन्होंने स्थानीय अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए है कि विषम परिस्थितियों को ध्यानगत रखते हुए अन्य जिलो से आने वाले नागरिकों को क्यूरेन्टाइन पीरियड में रखने हेतु लॉज, होटलो का अधिग्रहण करना है की कार्यवाही पूर्व में सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा उन्होंने आवश्यकता के अनुरूप छात्रावासों व स्कूलों को भी अधिग्रहण करने के निर्देश दिए है। पुलिस अधीक्षक श्री विनायक वर्मा ने कहा कि निर्धारित समयावधि के उपरांत कोई भी घर के बाहर ना निकले का सख्ती से पालन कराया जाए। उन्होंने कहा कि अन्य जिलो अथवा प्रदेशो से आने वाले आमजनों पर सतत नजर रखी जाए। उनका चिकित्सकों द्वारा समय अंतराल पर स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्यतः कराया जाए। 
भोजन हेतु टोल फ्री नम्बर पर सम्पर्क करें

लॉकडाउन, कोरोना संक्रमण अवधि के दरम्यिनल प्रदेश में जरूरतमंद प्रवासी, बेघर, बेसहारा व्यक्तियों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराने के उद्वेश्य से हेल्पलाइन टोल फ्री नम्बर 18002332797 पर सुबह आठ बजे से रात्रि आठ बजे तक जरूरतमंद व्यक्ति निःशुल्क भोजन की मांग कर सकते है। खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण क संचालक द्वारा प्रदेश के समस्त कलेक्टरों को पत्र प्रेषित कर टोल फ्री नम्बर का व्यापक प्रचार-प्रसार करने की अपेक्षा व्यक्त की है। ताकि जरूरतमंदो को समय पर निःशुल्क भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा सकें। वही ऐसे समाजसेवी इच्छुक स्वंयसेवी संस्था या व्यक्ति जो भोजन के माध्यम से सहायता करना चाहते है। वे उक्त टोल फ्री नम्बर पर सूचित कर सकते है।  हेल्पलाइन 1800233797 के माध्यम से भोजन संबंधी मांग अथवा स्वैच्छिक योगदान संबंधी जानकारी ली जाकर जिले के जिला आपूर्ति नियंत्रक, अधिकारी को ई-मेल एवं वाट्स-एप के माध्यम से अग्रेषित की जा रही है। जिले में कार्यरत अमले द्वारा संबंधितों से आवश्यक समन्वय स्थापित कर तत्काल कार्यवाही की जाकर खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय को अवगत कराये जाने के निर्देश प्रसारित किए गए है। 

नोडल अधिकारी नियुक्त

नोबल कोराना (कोविड-19) वायरस के तीव्र प्रसार को देखते हुए जिले में आवश्यक सामग्री एवं दवाईयों की सप्लाई सतत रूप से हो तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन एवं मेडीकल कॉलेज को आवश्यक दवाईयों की प्राप्ति निर्वाध बनी रहें इसके लिए कलेक्टर डॉ पंकज जैन के द्वारा डिप्टी कलेक्टर श्री तन्मय वर्मा को नोडल तथा जिला संयोजक को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने आवश्यक सामग्री एवं दवाईयों की सप्लाइ की सतत क्रास मानिटरिंग एवं आपूर्ति पर नजर रखने हेतु दल भी गठित किया है। उक्त दल में औषधी स्टोर भण्डार के प्रभारी अधिकारियों को शामिल किया गया है जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी स्वशासी मेडीकल कॉलेज के डॉ आशीष उपाध्याय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के श्री विजय नकुल, श्रीमंत माधवराव सिंधिया जिला चिकित्सालय के स्टोर प्रभारी श्री आरपी मिश्रा तथा डॉटा इन्ट्री आपरेटर श्री प्ररब्ध बुन्देला शामिल है। कलेक्टर द्वारा गठित दल राज्य स्तर से नियुक्त श्री प्रशांत शर्मा, सहयोग स्टॉक मैनेजमेंट प्रतिनिधि के मोबाइल नम्बर से समन्वय स्थापित करेंगे ताकि जिले मेंं सामग्री, दवाईयों की उपलब्धता एवं वितरण की जानकारी प्रतिदिन दल प्रभारी व नोडल अधिकारी श्री तन्मय वर्मा को उपलब्ध कराई जा सकें। 

खण्ड मुख्यालय पर क्यूरेन्टाइन सेन्टर 

नोबल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु कलेक्टर डॉ पंकज जैन के द्वारा प्रत्येक खण्ड मुख्यालय पर कम से कम एक-एक क्यूरेन्टाइन सेन्टर तथा एक राहत शिविर समुचित प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश समस्त एसडीएमो को प्रसारित किए है। कलेक्टर डॉ पंकज जैन के द्वारा जारी ततसंबंधी आदेश में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि क्यूरेन्टाइन सेन्टर एवं राहत शिविर के दोनो सेन्टर एक ही भवन में भी हो सकते है या पृथक-पृथक भवनों में इसका आंकलन स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप करने हेतु अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। इन सेन्टरों पर जो व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएगी उनमें क्यूरेन्टाइन सेन्टर- ऐसे भवन स्थापित किए जाएंगे जहां आवास, शौचालय, बिजली, पानी की समुचित व्यवस्था हो इसी प्रकार की व्यवस्था राहत शिविरों में भी की जानी है। उल्लेखित व्यवस्थाओं के अनुरूप भवनों का चयन कर तत्काल जिला कार्यालय को अवगत कराना सुनिश्चित करें। जिले की सीमा में चेकपोस्ट पर आने वाले व्यक्तियों में से ऐसे व्यक्ति जो अन्य शहरो या स्थानो से आए है जहां कोरोना पाजिटिव मरीज पाए गए है उन्हें चेकपोस्ट से सीधे इन क्यूरेन्टाइन सेन्टरों में ले जाया जाएगा।  क्यूरेन्टाइन सेन्टर में व्यक्ति के पहुंचने के बाद उसकी जानकारी नियत प्रारूप में स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा ली जाएगी। इसके पश्चात् उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा और स्वास्थ्य परीक्षण में आई स्थिति के अनुसार अग्रिम कार्यवाही चिकित्सकों द्वारा की जाएगी। यदि आने वाला व्यक्ति स्वस्थ हो और प्रारंभिक रूप से कोरोना संक्रमण के लक्षण प्रतीत नही होते है तब उस व्यक्ति को 14 दिनों तक किसी क्यूरेन्टाइन सेन्टर में रखा जाएगा तथा नियमित उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा।  ऐसे व्यक्ति जो अन्य जिलो व अन्य राज्योंं के है जो पैदल चलकर अपने जिले में आ गए है, उन्हें राहत शिविर में रखा जाना है। यहां भोजन और आवास की व्यवस्था राजस्व विभाग के परिपत्रनुसार की जाएगी। कोरोना सेन्टर का व्यय स्वास्थ्य विभाग के द्वारा वहन किया जाएगा। इसलिए समुचित जानकारी एवं दस्तावेंज तैयार कराया जाए, जिससे वित्तीय प्रतिपूर्ति में कोई असुविधा ना हो, क्यूरेन्टाइन सेन्टर और राहत शिविरों की जानकारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अपने अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) एवं विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी को देगे। जिससे किसी भी प्रकार की भ्रम की स्थिति ना रहें और यह व्यवस्था चेकपोस्ट पर अवश्य ही संसूचित की जाए। राहत शिविर एवं क्यूरेन्टाइन सेन्टर का पृथक से प्रभारी अधिकारी नियुक्त करने यदि दोनो सेन्टर एक ही भवन में है तो एक अधिकारी । परन्तु दोनो सेन्टर अलग-अलग भवनों में होने की स्थिति में पृथक-पृथक अधिकारी को दायित्व सौंपे जाए। क्यूरेन्टाइन सेन्टर की समुचित जानकारी पुलिस अधिकारियों के साथ अनिवार्यतः सांझा की जाए। अति संदिग्ध मरीज को आइसोलेशन में रखने हेतु धर्मशाला आदि का चयन कर उन्हें शीघ्र अधिग्रहण करने की कार्यवाही कर जिला कार्यालय को अवगत कराया जाए।

मरीजो के सेम्पल लेने के तरीको से प्रशिक्षित

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कोरोना वायरस (कोविड-19) के संभावित संक्रमित मरीजो के सेम्पल लेने हेतु निर्धारित मापदण्ड तरीको एवं क्या-क्या सावधानियां इस दौरान बरती जानी है इत्यादि के संबंध में एक दिवसीय प्रशिक्षण संबंधितों को अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय मेडीकल कॉलेज में बुधवार को आयोजित किया गया था।  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केसी अहिरवार ने बताया कि उक्त प्रशिक्षण में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सिविल अस्पताल तथा जिला चिकित्सालय के डॉ वा लैब टेक्निशियन को मेडीकल कॉलेज के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ संजीव किरार, डॉ सचिन मिश्रा के द्वारा प्रशिक्षित किया गया है जिसमें मुख्य रूप से कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज का सेम्पल कैसे लेना है। लेने से पहले क्या तैयारी करनी है ताकि संक्रमण होने से स्वंय बचे और दूसरे भी सुरक्षित रहें इत्यादि की जानकारी दी गई जिसमें बताया गया कि संक्रमण तीन तरीके से फैल सकता है उनमें डायरेक्ट सम्पर्क से तथा ड्रापलेट एवं एयरसोल शामिल है। इनमें कोरोना वायरस ड्रापलेट इन्फेक्शन द्वारा फैलता है अतः संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छीकने से उसके मुंह से हवा के साथ-साथ छोटे-छोटे कणो के द्वारा वायरस निकलता है अगर दूरी कम से कम एक मीटर की हो तो वायरस इसे पार नही कर पाता। छींकने एवं खांसने से जो कण किसी वस्तु पर गिरते है तो वो जब हमारे या उन वस्तुओं के सम्पर्क में आते है तो हमें हाथो को सेनेटाइजर या साबुन से अच्छी तरह साफ करना होगा। जब संक्रमित व्यक्ति का सेम्पल लेना है तो पांच बार हाथो को साफ करना, पेशेन्ट को छूने के पूर्व और छूने के बाद प्रक्रिया के पूर्व प्रक्रिया के पश्चात् वातावरण को टच करने के पश्चात् जैसे केशशीट, टैबिल, चादर आदि के पश्चात् एल्कोहल से हेण्डड्राप कर रहे है तो एल्कोल 60 से 80 प्रतिशत होना चाहिए। यदि साबुन पानी से हाथो की सफाई करना है तो छह चरणो में प्रक्रिया को पूर्ण करना होगा जो लगभग 20 सेकेण्ड तक जरूरी है। अस्पतालो में भर्ती मरीजो के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी जरूरी है। प्रशिक्षण में सेम्पल लेने के संबंध में बताया गया कि स्वंय को बचाने के तरीको को पहले अनुपालन करें, सेम्पल लेने का तरीका, सेम्पल भेजने के तरीके के बारे में तथा हाथ धोने की विधि का सही-सही पालन करना अनिवार्य है ताकि संक्रमण से स्वंय को भी सुरक्षित रख सकेंं। 

दो सौ से अधिक मरीजो ने निजी चिकित्सको से सम्पर्क किया

कलेक्टर डॉ पंकज जैन के द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रबंध सुनिश्चित किए गए है जिसमें विदिशा शहर के प्रायवेट चिकित्सकों की भी सेवाएं ली जा रही है।  कलेक्टर डॉ जैन के सुझाव पर प्रायवेट चिकित्सकों ने अपनी सेवाएं मरीजो को टेलीफोनिक के माध्यम से दी जा रही है।  सिविल सर्जन सह अधीक्षक डॉ संजय खरे ने बताया कि प्रायवेट चिकित्सकगण हर रोज दो शिफ्टो में स्वास्थ्य सेवाएं निःशुल्क देने हेतु सहमत हुए है। तदानुसार प्रातः 11 बजे से दोपहर एक बजे तक तथा सायंकाल छह बजे से सात बजे तक प्रायवेट चिकित्सक उपलब्ध रहेंगे। उक्त दोनो अवधि के दरम्यिन मरीज अथवा उनके परिजन प्रायवेट चिकित्सकों के मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क कर परामर्शए वीडियो कॉलिंग के माध्योम से भी प्राप्ती कर सकते है। सिविल सर्जन सह अधीक्षक डॉ खरे ने बताया कि जिले में हुए उक्तं नवाचार से अब तक 202 मरीज ने प्रायवेट चिकित्सिकों की पूर्व उल्लेखित सेवाएं ली गई है। प्रायवेट डाक्टोरो द्वारा  वाट्स-एप के माध्यम से मरीज को अथवा कंट्रोल रूम को प्रिसकेप्सन भेजने का कार्य किया गया है। ज्ञातव्य हो कि मरीजो के लिए जिला चिकित्सालय से उनके पता स्थल पर दवाईयां पहुंचाने का कार्य भी किया जा रहा है इसके अलावा यदि कोई मरीज अथवा उसके परिजन प्रायवेट मेडीकल स्टोर से दवाईयां क्रय करना चाहते है तो डाक्टर का प्रिसकेप्शन सीधे उल्लेखित मरीज के वाट्स-एप पर सेन्ट करने की प्रक्रिया क्रियान्वित की जा रही है।  

घर पहुंच दवा
निजी चिकित्सकों के द्वारा टेलीफोनिक के माध्यम से मरीजो के स्वास्थ्य पर चर्चा कर उन्हें रोगोपचार दवाईयां लिखी जा रही है ऐसे गरीब मरीज जो जिला चिकित्सालय से दवाईयां प्राप्त करना चाहते है उन्हे ंमेडीसिन वाहक के माध्यम से दवाईयां मरीज के घर तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए बकायदा डॉ के द्वारा प्रिसकेप्शन वाट्सएप के माध्यम से निजी चिकित्सकों द्वारा प्रेषित किया जा रहा है ताकि मरीज स्वेच्छानुसार शासकीय चिकित्सालय से या फिर निजी मेडीकल स्टोर से रोगोपचार दवाईयां क्रय कर सकें। सिविल सर्जन सह अधीक्षक डॉ सजय खरे ने बताया कि अब तक 142 मरीजो के घरो तक चिकित्सकों द्वारा प्रिसकेप्शन पर लिखी गई दवाईयां पहुंचाने का कार्य स्वास्थ्य अमले द्वारा किया गया है। 

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