बिहार : कॉमरेड केदार राय की 09वीं स्मृति मनाया गया। - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 21 जून 2020

बिहार : कॉमरेड केदार राय की 09वीं स्मृति मनाया गया।

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अरुण कुमार (बेगूसराय) बिहार, शहीद सुखदेव सिंह समन्वय समिति द्वारा मोहन एघु कॉमेरेड केदार राय के आवास पर शिक्षक नेता श्री अमरेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में 09वीं स्मृति दिवस मनाया गया। कॉमरेड केदार राय का जन्म 22 सितंबर 1919 में हुआ था और वे अपने 18 वर्ष के उम्र में ही अपना घर बार छोड़कर मार्क्स और लेनिन के विचार धाराओं से जुड़ते हुए अपना जीवन पार्टी को समर्पित कर दिए। सन 1937 में ही देश की स्थिति परिस्थिति से विह्वल होकर मार्क्स और लेनिन के मार्ग को अपनाया और देश की आजादी के लिए संभावित अपना योगदान निभाने में सलग्न हो गए। आजादी के बाद कॉमरेड केदार राय पेपर हॉकर का काम करते हुए पार्टी के लिए कार्य करते रहे।कॉमरेड केदार रहा पेपर हॉकर का काम करते हुए पार्टी के लिए काम करते रहे,जिसमें एक बार उन्होंने कॉमरेड सुखदेव सिंह के कहने और उत्साहित करने पर चुनाव भी लड़े थे जिसमें महज 20 से 22 मतों से उनकी हार हुई थी कॉमेरेड केदार राय जन जन के प्रिय नेता थे आजादी के परवाने कॉमेरेड केदार राय का निधन 14 जून 2011 को 92 वरायू में हो गया।यह पार्टी के लिए बहुत ही दुखद बात थी जो पार्टी के लिए अपूर्णीय क्षति रही है।कॉमरेड केदार राय अपने ऑफिस से बैठ कर के ही पार्टी के लिए सुझाव देने का कार्य करते थे।इनके साथ,विचार विमर्श हेतु कॉमरेड, चन्द्रशेखर दा,कॉमरेड सूरज दा जीने नाम से आज भी पप्रौर स्थित चांद-सूरज अस्पताल स्मृति के रुप में विद्यमान है।इनके साथ ही आज के दिग्गज नेता राजेन्द्  कुमार राजन,पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह,बलिया से भूतपूर्व सांसद शत्रुघ्न सिंह आदि इनके सानिध्य में पार्टी के लिए काम किया करते थे।आज सवेरे शिक्षक नेता अपने पूरे दलबल के साथ केदार राय के आवास पर पहुंचे,पहुंच कर उनके जेष्ठ भतीजा अरुण स्वामी जी से मुलाकात की और उनसे उनके प्रोग्राम के बारे में पूछा साथ ही कॉमरेड केदार राय का स्मृति दिवस मनाने पर जोड़ देते हुए कहा कि मैं उनका स्मृति दिवस मनाने के लिए आया हूं।अरुण जी अपनी सहमति प्रकट करते हुए अपने आप को खुशनसीब कहते हुए अह्लादित हृदय से शिक्षक नेता अमरेन्द्र कुमार के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह तो मेरे सौभाग्य की बात है,जो काम मुझे करना चाहिए था वह आप करने के लिए आ गए हैं।वैसे मैं अपने चाचा श्री के स्मृति दिवस पर आज शाम में ब्राह्मणों का भोजन करवाने का विचार किया था।अच्छा हुआ कि आप इस अवसर पर हमारा उत्साह बढ़ाने आ गए।उन्होंने कहा कि आज आपके चाचा जी का स्मृति दिवस है इस अवसर पर आप क्या कर रहे हैं।आज हमारे चाचाश्री हमारे बीच नहीं रहे इस और आज उनका स्मृति दिवस है तो इसमें कहने-सुनने की गुंजाइश ही कहां है।मै अविलंब व्यवस्था करता हूं और महज आधे घंटे के अन्दर सारी व्यवस्था कर अरुण अपने प्रिय मित्र अमरेन्द्र कुमार के अनुसार उत्साहित होते अपने चाचा जी का स्मृति दिवस मनाया।कॉमेरेड केदार राय ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे परंतु अंग्रेजी फर्राटेदार बोलते थे,अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक्स टाइम्स नित्य पढ़ा करते थे।अंग्रेजी बोलने  के मामले में अच्छे अच्छों की बोलती बंद हो जाती थी उनके सामने,जबकि वे अंग्रेजी लिखने में बहुत ही अच्छी अंग्रेजी नहीं लिख सकते थे,किन्तु बोलने और पढ़ने में उनकी कोई सानी नहीं। इस अवसर पर गुरुदेव अच्युतानंद महाराज उर्फ बउआ जी के साथ  बॉलीवुड फिल्म एक्टर अमित अमिय कश्यप,मंसूरचक प्रमुख डॉ अंजना कश्यप बेगूसराय के मशहूर कवि जो कि दिनकर के नाम से जाने जाते हैं प्रफुल्ल चंद्र मिश्रा अजीत कुमार,अरुण कुमार सिंह उर्फ "फुचो दा" कॉमरेड केदार राय का भतीजा अरुण कुमार और कॉमरेड केदार राय के परिवार के सभी सदस्य वधू इन्दु देवी,रेखा देवी, भतीजा, अजय कुमार, विजय कुमार,मनोज कुमार के साथ पौत्र पौत्री अनामिका,अभिलाषा, वैष्णवी, शिवांशी पौत्र शांतनु शांडिल्य, शिवम राज आदि शामिल थे। कॉमेरेड केदार राय और कॉमरेड सुखदेव सिंह दोनों एक साथ एक मत से कदम से कदम मिलाकर चलने वाले व्यक्ति थे आज यह दोनों स्मृति शेष मात्र रह गए और हम सब इनके मार्ग पर चलने का प्रयत्न करेंगे और इनका नाम और काम को सम्मान के सात जीवन्त बनाए रखेंगे ऐसा हम सब ने शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह के साथ प्रण लिया है।

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