बिहार : माउंटेन मैन के बेटे भगीरथ मांझी को वृद्ध पेंशन का लाभ बंद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 26 जुलाई 2020

बिहार : माउंटेन मैन के बेटे भगीरथ मांझी को वृद्ध पेंशन का लाभ बंद

शायद ही कोई होगा, जो 'माउंटेन मैन' दशरथ मांझी को नहीं जानता होगा. ना सिर्फ़ उन पर कई फिल्में बनीं, बल्कि उनके नाम पर अस्पताल, और सड़क तक बनाए गए हैं. यहां उन्हीं दशरथ मांक्षी की बात हो रही है, जिन्होंने प्यार के खातिर पहाड़ को काट रास्ता बना डाला था. दुर्भाग्य से आज उनका परिवार कर्ज में डूबा हुआ
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गया. अब तो 'माउंटेन मैन' के नाम से मशहूर हो गया है बिहार के दशरथ मांझी के गांव गहलौर. इस समय दशरथ मांझी के परिवार के लोग कष्ट में हैं. दशरथ मांझी की दो साल की नातिन पिंकी कुमारी बीमार हैं.दुर्घटना में घायल हो गयी थीं.एक हाथ और एक पैर टूटा था. कर्ज लेकर इलाज करवाया गया, उस कर्ज को चुकाने की हालात में परिवार फिलहाल नहीं है. नातिन पिंकी को अभी भी इलाज की ज़रूरत है. वहीं लॉकडाउन ने दशरथ मांझी के नाती का काम छीन गया और वो मद्रास से अपने घर लौट आए.उनके पास ना काम है, ना ही गुजारा करने के लिए पैसे. माउंटेन मैन के बेटे भगीरथ मांझी को वृद्ध पेंशन का लाभ मिलता था, जोकि अब बंद हो चुका है.  बता दें कि गया जिले के अतरी प्रखंड में  गहलौर में साल 1960 से 1982 के बीच दिन-रात दशरथ मांझी के दिलो-दिमाग में एक ही चीज़ ने कब्ज़ा कर रखा था. पहाड़ से अपनी पत्नी की मौत का बदला लेना. और 22 साल जारी रहे जुनून ने अपना नतीजा दिखाया और पहाड़ ने मांझी से हार मानकर 360 फुट लंबा, 25 फुट गहरा और 30 फुट चौड़ा रास्ता दे दिया. दशरथ मांझी के गहलौर पहाड़ का सीना चीरने से गया के अतरी और वज़ीरगंज ब्लॉक का फासला 80 किलोमीटर से घटकर 13 किलोमीटर रह गया. केतन मेहता ने उन्हें गरीबों का शाहजहां करार दिया. साल 2007 में जब 73 बरस की उम्र में वो जब दुनिया छोड़ गए, तो पीछे रह गई पहाड़ पर लिखी उनकी वो कहानी, जो आने वाली कई पीढ़ियों को सबक सिखाती रहेगी.सम्पति के नाम पर छेनी और हथौड़ी छोड़ गये.

बताते चले कि गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) के संचालकों के द्वारा गरीबों की तस्वीर खिंचकर और गरीबों की दास्तानों का दस्तावेज बनाकर देश-प्रदेश-विदेश से डोनेशन लेकर चांदी काटते रहे.अब इसी राह पर बॉलीवुड के लोग भी चलने लगे.दशरथ मांझी वही शख्स थे, जिन्होंने अपने गांव में अकेले ही एक पहाड़ को काटकर रास्ता बनाया था. उनके प्यार को दर्शाते बॉलीवुड फिल्म निर्माताओं की तरफ से दशरथ मांझी पर बनी फिल्म की रॉयल्टी के रूप में उनके परिवार को कुछ नहीं दिया गया. इसमें आमिर खान भी पीछे नहीं रहे उन्होंने अपने टीवी कार्यक्रम 'सत्यमेव जयते 2' के सिलसिले में मांझी के बेटे और बहू से मिलने गए थे. परंतु गरीबी की दासता की बेड़ी तोड़ नहीं पाये. इस वक्त जैसे-तैसे 'माउंटेन मैन' दशरथ मांझी का परिवार अपना जीवन यापन कर रहा है. इसी बीच कोरोना लॉकडाउन का ऐलान हो गया और उनके सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है.इसी बीच दो साल की पिंकी कुमारी एक रोड एक्सीडेंट का शिकार हो गई. इस दुर्घटना में उसका एक हाथ और एक पैर टूट गया था. जिसके इलाज के लिए पैसों की ज़रूरत थी. मज़बूरन परिवार वालों को गांव के संपन्न लोगों से कर्ज लेना पड़ा था. अब चूंकि, दशरथ मांझी का नाती अभी भी बेरोजगार है, इसलिए उसके पास कर्ज चुकाने तक के पैसे नहीं है. पूरा परिवार एक-एक पैसे का मोहताज हो गया हैं. अब उन्हें बस सरकार से मदद की उम्मीद है. 

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