बिहार : कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अधिकतम रेट तय - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 21 अगस्त 2020

बिहार : कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अधिकतम रेट तय

corona-treatment-rte-bihra
पटना . बिहार सरकार ने राज्य के सभी जिलों के निजी हॉस्पिटलों में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अधिकतम रेट तय कर दिया है. बिहार सरकार ने राज्य के 38 जिलों को तीन A, B और C केटेगरी बांट दिया है. केटेगरी-A में राजधानी पटना को शामिल किया गया है. केटेगरी-B में भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गया और पूर्णिया को शामिल किया गया है. केटेगरी-C में पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, सिवान, सारण, सीतामढ़ी,   वैशाली, गोपालगंज, मधुबनी, खगड़िया, बेगूसराय,किशनगंज,अररिया, कटिहार,  सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, नालंदा, नवादा, समस्तीपुर, जहानबाद, अरवल, रोहतास, औरंगाबाद, जमुई, बांका, लखीसराय, शिवहर, कैमूर, भोजपुर, बक्सर, मुंगेर और शेखपुरा को शामिल किया गया हैं. 32 जिलों को 'सी' श्रेणी के शहर में रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर की अध्यक्षता में निजी अस्पतालों द्वारा उनके यहां भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों से लिए जाने वाले फीस की अधिकतम सीमा का आंकलन करने के लिए आयोजित बैठक में यह फैसला लिया गया. बैठक में फैसला हुआ सभी जिलों के निजी अस्पतालों को 3 वर्ग में बांटा जाए और तीनों वर्ग में अलग-अलग फीस निर्धारित किया जाए. बैठक में यह फैसला लिया गया कि चूंकि पटना जैसे बड़े शहरों में उपलब्ध चिकित्सा सेवा अच्छी क्वालिटी की है इसलिए जिलों को वर्गीकृत करना जरूरी है. ऐसे में जिलों को तीन केटेगरी में बांट कर सभी जिलों के लिए अलग-अलग दर निर्धारित किया गया है. दर निर्धारण के दौरान दिल्ली सरकार, यूपी सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए तय की गई फीस की भी समीक्षा की गई, जिसके बाद फीस तय किया गया. पहली श्रेणी के पटना में अस्पतालों की दो श्रेणियां हैं. इनमें राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त अस्पताल और राष्ट्रीय स्तर पर गैर मान्यतावाले अस्पतालों को रखा गया है. साथ ही कोरोना मरीजों की भी तीन श्रेणियां बनायी गयी हैं.

कोरोना के मामूली पीड़ितों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त अस्पतालों के लिए पीपीई किट के साथ अधिकतम शुल्क 10 हजार रुपये प्रतिदिन निर्धारित किये गये हैं. इनमें सपोर्टिव केयर के साथ ऑक्सीजन का मूल्य शामिल है. जबकि, गंभीर बीमारी के लिए आईसीयू के साथ 15 हजार रुपये और अति गंभीर पीड़ितों के लिए वेंटीलेटर के साथ आईसीयू की अधिकतम दर 18 हजार रुपये प्रतिदिन होगी. वहीं, गैर राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त अस्पतालों के लिए पीपीई किट के साथ अधिकतम शुल्क आठ हजार रुपये प्रतिदिन निर्धारित किये गये हैं. इनमें सपोर्टिव केयर के साथ ऑक्सीजन का मूल्य शामिल है. जबकि, गंभीर बीमारी के लिए आईसीयू के साथ 13 हजार रुपये और अति गंभीर पीड़ितों के लिए वेंटीलेटर के साथ आईसीयू की अधिकतम दर 15 हजार रुपये प्रतिदिन होगी. वहीं, दूसरी श्रेणी के शहरों में राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त अस्पतालों के लिए कोरोना के मामूली पीड़ितों के लिए पीपीई किट के साथ अधिकतम शुल्क आठ हजार रुपये प्रतिदिन निर्धारित किये गये हैं. इनमें सपोर्टिव केयर के साथ ऑक्सीजन का मूल्य शामिल है. जबकि, गंभीर बीमारी के लिए आईसीयू के साथ 12 हजार रुपये और अति गंभीर पीड़ितों के लिए वेंटीलेटर के साथ आईसीयू की अधिकतम दर 14,400 रुपये प्रतिदिन होगी. गैर राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त अस्पतालों के लिए पीपीई किट के साथ अधिकतम शुल्क 6,400 रुपये प्रतिदिन निर्धारित किये गये हैं. इनमें सपोर्टिव केयर के साथ ऑक्सीजन का मूल्य शामिल है. जबकि, गंभीर बीमारी के लिए आईसीयू के साथ 10,400 रुपये और अति गंभीर पीड़ितों के लिए वेंटीलेटर के साथ आईसीयू की अधिकतम दर 12 हजार रुपये प्रतिदिन होगी.


तीसरी श्रेणी के अन्य शहरों में इलाज के लिए राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त अस्पतालों के लिए कोरोना के मामूली पीड़ितों के लिए पीपीई किट के साथ अधिकतम शुल्क छह हजार रुपये प्रतिदिन निर्धारित किये गये हैं. इनमें सपोर्टिव केयर के साथ ऑक्सीजन का मूल्य शामिल है. जबकि, गंभीर बीमारी के लिए आईसीयू के साथ नौ हजार रुपये और अति गंभीर पीड़ितों के लिए वेंटीलेटर के साथ आईसीयू की अधिकतम दर 10,800 रुपये प्रतिदिन होगी. जबकि, गैर राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त अस्पतालों के लिए पीपीई किट के साथ अधिकतम शुल्क 4,800 रुपये प्रतिदिन निर्धारित किये गये हैं. इनमें सपोर्टिव केयर के साथ ऑक्सीजन का मूल्य शामिल है. जबकि, गंभीर बीमारी के लिए आईसीयू के साथ 7,800 रुपये और अति गंभीर पीड़ितों के लिए वेंटीलेटर के साथ आईसीयू की अधिकतम दर नौ हजार रुपये प्रतिदिन होगी. बिहार में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच, राज्य की नीतीश कुमार  सरकार ने निजी अस्पतालों में कोविड के इलाज की दर तय की है. 'ए' श्रेणी में अधिकतम एक दिन के इलाज के अस्पताल 18000 हजार ले सकेंगे. बहुत सीरियस मरीजों से लिए जाएंगे अधिकतम 18 हजार रुपए.बी श्रेणी के शहरों में अधिकतम 14400 रुपए एक दिन के इलाज के लिए जाएंगे. सी श्रेणी के शहरों में अधिकतम 10,800 रुपए एक दिन के इलाज के लिए जा सकेंगे. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से सर्कुलर जारी किया गया है. सभी जिलों के डीएम को सरकार के फैसले का पालन कराने का निर्देश दिया गया है. बता दें कि, सरकार ने बीतों दिनों निजी अस्पतालों में भी कोरोना के इलाज की अनुमित दे दी थी. वहीं, गुरुवार को बिहार में कोरोना के 2, 451 नए केस सामने आए हैं. इसके बाद, राज्य में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 30, 063 पहुंच गई है. इसके साथ ही, बिहार स्वास्थ्य विभाग ने पहली बार पेशे के आधार पर कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा जारी किया है. जारी आकंड़ों के अनुसार, बिहार में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित 66 फीसदी मजदूर मिले हैं. जबकि विद्यार्थियों की संख्या 7 फीसदी, गृहणी 6 फीसदी, स्वास्थ्यकर्मी 6 फीसदी और 2 फीसदी पुलिसकर्मी संक्रमित हुए हैं.

कोई टिप्पणी नहीं: