- गांव के लोग सीधे सवर्ण और दलित का मामला बनाने पर तुले हैं,अपराधी किसी खास जाति के नहीं होते हैं
वारिसलीगंज थाना पुलिस ने बताया कि अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।वहीं उमेश रविदास को बेहतर इलाज के लिये पावापुरी स्थित अस्पताल में भेजा गया है....
वारिसलीगंज,16 अगस्त। नवादा में अपराधियों का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा है। अपराधी को न तो पुलिस से डर है और न ही कानून से खौफ। वे हर दिन पुलिस को चैलेंज करते हुए बड़ी वारदात को अंजाम दे रहे हैं। कूटरी गांव के निवासी अजय लाल के पुत्र संजय सिंह ने 40 वर्षीय रंजीत रविदास की गोली मार कर हत्या कर दी।खड़े-खड़े सीना,पीठ, कानपट्टी और आंख के समीप चार गोली मारकर हत्या कर दी। घटना नवादा जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के कूटरी पंचायत के मसनखावा महादलित टोला की है। जानकारी के अनुसार, गोलीबारी में 40 वर्षीय रंजीत रविदास की गोली मार कर हत्या कर दी। वहीं 45 साल के उमेश रविदास बुरी तरह जख्मी हो गए हैं।इस हत्या की वारदात से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है।मौके पर पहुंची वारिसलीगंज थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। फोन से वारिसलीगंज थाना पुलिस ने बताया कि अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।वहीं उमेश रविदास को बेहतर इलाज के लिये पावापुरी स्थित अस्पताल में भेजा गया है।घटना के बाद इलाके के लोग सकते में हैं।
हत्या की वजह यह है महज जाति सूचक गाली का विरोध करने पर सवर्णों ने रंजीत रविदास और उमेश रविदास को भून डाला। दोनों ने हिस्सा बांटकर ताबड़तौड़ गोली चलाने लगे। निशाने पर रंजीत रविदास चढ़ा। संख्या में पांच सवर्ण थे। कूटरी गांव के निवासी अजय लाल के पुत्र संजय सिंह ने 40 वर्षीय रंजीत रविदास की गोली मार कर हत्या कर दी।खड़े-खड़े सीना,पीठ, कानपट्टी और आंख के समीप चार गोली मारकर हत्या कर दी।एक-एक करके रंजीत रविदास को चार बार गोली मारी गयी।जब वह छटापटा कर कूटरी नहर का पानी लाल करके दम तोड़ा,तो जाते-जाते उमेश रविदास पर निशाना साधा। उसे हाथ और पेट में गोली लगी है।उसे नवादा सदर अस्पताल में भर्ती किया गया।जहां जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है। दीलिप कुमार ने बताया कि नवादा जिले के वारिसलीगंज प्रखंडांतर्गत मसनखामा गाँव के वार्ड नम्बर 11 में रहते हैं गनौरी रविदास। इनका पुत्र हैं रंजीत रविदास। रंजीत रविदास और उमेश रविदास मछली मारने कूटरी नहर गये थे। कूटरी नहर के पास से पांच सवर्ण गुजर रहे थे। देखा कि एकांत जगह में दो महादलित रविदास मछली मार रहे हैं। वह भी घर से 500 मीटर की दूरी पर और एकांत कूटरी नहर पर।उनलोगों ने मछली मारने वाले महादलितों पर फब्तियां कंसने लगे। इतने से भी शांत नहीं हुए। पांचों सवर्णों ने नजदीक आकर दोनों महादलितों को गाली बकने लगे। तब दोनों महादलितों ने सवर्णों से गाली नहीं बकने का आग्रह करने लगे तो उसके बाद और अधिक उत्साहित होकर जाति सूचक गाली बकने लगे। उनलोगों ने मना करने की बोली बोलने वाले निहत्थों पर दनादन गोली चलाने लगे। सभी मिलकर रंजीत रविदास को बुरी तरह से भून डाला। उसे चार गोली मारी गयी। जाते-जाते उमेश रविदास को भी गोली मार दी। रंजीत रविदास तो नहर में ही दर पर ही दम तोड़ दिया। गोली चालन करके पांचों फरार हो गये। गोली की आवाज सुनकर लोग नहर की ओर लपके। लोगों ने घायल को उठाकर उमेश रविदास को नवादा सदर अस्पताल ले गये। अब पावापुरी स्थित अस्पताल बेहतर इलाज के लिये भेजा गया।
मसनखामा गाँव के वार्ड नम्बर 11 में रहने वाले गनौरी रविदास का कहना है कि हमलोगों और सवर्णों में झगड़ा नहीं हुआ है। यह सवर्णों की मनबढ़त है। मृतक पुत्र के पांच बच्चे हैं।वारिसलीगंज थाना में एफ.आई.आर. दर्ज कर दिये है।पोस्टमार्टम के बाद शव को जला दिया गया।मृतक की पत्नी का हाल बेहाल है।वहीं दूसरा उमेश रविदास घायल है।बुरी तरह से घायल है.उसे पेट में गोली मारी गयी। गांव के लोगों का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार के कुशासन काल ने एक और रविदास की जान ले ली।ऐसा प्रतीक हो रहा है कि सरकार महादलितों को मारने का टेंडर सवर्णों को दे रखा है। कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू-राबड़ी के शासनकाल को जंगल राज और कुशासक कहने वालों को शर्म आनी चाहिए।आजादी के 74 साल के बाद जाति सूचक गाली देने से बाज नहीं आ रहे हैं।मछली मारने वाले दो रविदास के पास पांच सवर्ण मिलकर आए और दोनों महादलितों को जाति सूचक लगाकर गाली बकने लगे।जब दोनों ने गाली नहीं देने का आग्रह किये तो दोनों निहत्थों पर दनादन गोली चलाने लगे।सीएम नीतीश कुमार के कुशासन काल ने एक और रविदास की जान ले ली।ऐसा प्रतीक हो रहा है कि सरकार महादलितों को मारने का टेंडर सवर्णों को दे रखा है।इस घटना को लेकर मसनखामा गाँव के लोगों में काफी आक्रोश है।इन लोगों का कहना है कि हमलोग नीतीश कुमार को बता देना चाहते है कि आप चिंता मत करो अबकी चुनाव में आपकी औकात दिखा देगें अगर इंसाफ नही मिला तो पूरे बिहार के कौना कौना बंद कर देंगे।गांव के लोग सीधे सवर्ण और दलित का मामला बनाने पर तुले हैं,अपराधी किसी खास जाति के नहीं होते हैं
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